Bihar Board 12th Physics Model Papers
Bihar Board 12th Physics Model Question Paper 2 in Hindi
परिक्षार्थियों के लिए निर्देश :
- परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।
- दाहिनी ओर हाशिये पर दिये हुए अंक पूर्णांक निर्दिष्ट करते हैं।
- उत्तर देते समय परीक्षार्थी यथासंभव शब्द-सीमा का ध्यान रखें।
- इस प्रश्न-पत्र को ध्यानूपर्वक पढ़ने के लिये 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है।
- यह प्रश्न-पत्र दो खण्डों में है, खण्ड-अ एवं खण्ड-ब ।
- खण्ड-अ में 35 वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक के लिए एक अंक निर्धारित है, इनके उत्तर उपलब्ध कराये गये ओ एम आर-शीट में दिये गये वृत्त को काले/नीले बॉल पेन से भरें। किसी भी प्रकार का व्हाइटनर/तरल पदार्थ/ब्लेड/नाखून आदि को ओ एम आर पत्रक में प्रयोग करना मना है, अन्यथा परीक्षा परिणाम अमान्य होगा।
- खण्ड-ब में 18 लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं प्रत्येक के लिये दो अंक निर्धारित है, जिनमें से किन्हीं 10 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
इनके अतिरिक्त इस खण्ड में 06 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं प्रत्येक के लिये 5 अंक निर्धारित है, जिनमें से किन्हीं 3 प्रश्नों का उत्तर देना है। - किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक यंत्र का उपयोग वर्जित है।
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक : 70
खण्ड-अ : वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 35 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गए सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। (35 × 1 = 35)
प्रश्न 1.
\(\vec{P}\) आघूर्ण वाला एक विद्युत द्विध्रुव \(\vec{E}\) तीव्रता वाले विद्युतीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उस पर लगने वाला टार्क होगा ।
उत्तर-
\(\text { (a) } \vec{P} \times \vec{E}\)
प्रश्न 2.
विद्युत-परिपथ किसी बिन्दु पर सभी धाराओं का बीजगणितीय योग होता है।
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c) धनात्मक
(d) ऋणात्मक
उत्तर-
(a) शून्य
प्रश्न 3.
एक धातु का घनत्व d एवं विशिष्ट प्रतिरोध e है । इससे एक तार बनाना है, जिसकी लम्बाई । तथा प्रतिरोध R हो । धातु का कितना प्रतिरोध द्रव्यमान होना चाहिए ।
उत्तर-
(a) \(\frac{e l^{2} d}{R}\)
प्रश्न 4.
सेल का वि. वा. बल मापा जाता है
(a) वोल्टमीटर द्वारा
(b) धारामापी द्वारा
(c) गैलवेनोमीटर द्वारा
(d) विभवमापी द्वारा
उत्तर-
(d) विभवमापी द्वारा
प्रश्न 5.
विभवमापी के तार की लम्बाई बढा देने पर संतुलन बिन्दु प्राप्त होता है –
(a) कम लम्बाई पर
(b) अधिक लम्बाई पर
(c) उतनी ही लम्बाई पर
(d) अनिश्चित
उत्तर-
(b) अधिक लम्बाई पर
प्रश्न 6.
यदि E1 तथा E2 वि. वा. बल वाले दो सेल एक विभवमापी के तार के क्रमशः l1 व l2 लम्बाई पर संतुलित होते हैं तो
उत्तर-
\(\text { (b) } \frac{E_{1}}{E_{2}}=\frac{l_{1}}{l_{2}}\)
प्रश्न 7.
ताँबे का एक वलय क्षैतिज रखा गया है । उदग्र अक्ष के एक दण्ड – चुम्बक वलय के ऊपर में छोड़ दिया जाता है । तब
(a) दण्ड का त्वरण g होगा
(b) ताँबें का तार ठंढा होता जायेगा
(c). दण्ड का वेग ऊपर दिष्ट हो जायेगा
(d) दण्ड का त्वरण g से कम होगा।
उत्तर-
(a) दण्ड का त्वरण g होगा
प्रश्न 8.
छड़ में प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा
(a) BLV
(b) B2L2V
(c) शून्य
(d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर-
(c) शून्य
प्रश्न 9.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में अनुनाद की अवस्था में धारा तथा वि. वा. बल के बीच कलान्तर होता है
(a) \(\frac{\pi}{2}\)
(b) \(\frac{\pi}{2}\)
(c) π
(d) शून्य
उत्तर-
(d) शून्य
प्रश्न 10.
प्ररेकत्व L में बहनेवाली धारा I के कारण गतिज ऊर्जा होती है
(a) शून्य
(b) \(\frac{1}{2} i l^{2}\)
(c) \(\frac{1}{2} L I\)
(d) \(\frac{1}{2} L^{2} I^{2}\)
उत्तर-
(b) \(\frac{1}{2} i l^{2}\)
प्रश्न 11.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में शक्ति व्यय होती है
(a) केवल प्रतिरोध में
(b) केवल धारिता में
(c) केवल प्रेरकत्व में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) केवल प्रतिरोध में
प्रश्न 12.
अन्योन्य प्रेरकत्व का मात्रक है
(a) वेबर
(b) ओम
(c) हेनरी
(d) गॉस
उत्तर-
(c) हेनरी
प्रश्न 13.
किसी प्रत्यावर्ती धारा की यथार्थ तथा आभासी शक्ति क्रमश: PT तथा P हो तो शक्ति गुणांक है
(a) \(\frac{P_{T}}{P_{A}}\)
(b) PT x PA
(c) \(\frac{P_{A}}{P_{T}}\)
(d) PA x PT
उत्तर-
(a) \(\frac{P_{T}}{P_{A}}\)
प्रश्न 14.
इनमें से किसका तरंग दैर्घ्य न्यूनतम है
(a) x-किरण
(b) Y-किरण
(c) माइक्रो तरंग
(d) रेडियो तरंग
उत्तर-
(b) Y-किरण
प्रश्न 15.
एक पतला प्रिज्म (µ = 3/2) को हवा से द्रव (µ = 5/4) में डुबाया जाता है । विचलन कोण का अनुपात दो अवस्थाओं में होगा
(a) 15/8
(b) 8/15
(c) 5/2
(d) 2/5
उत्तर-
(d) 2/5
प्रश्न 16.
किसी समबाहु त्रिभुजाकार आधार के प्रिज्म पदार्थ का अपवर्तनांक √3 है, इस प्रिज्म के लिये न्यूनतम विचलन कोण है
(a) 30°
(b) 37°
(c) 45°
(d) 60°
उत्तर-
(d) 60°
प्रश्न 17.
एक पतले फिल्म के रंग का कारण है
(A) प्रकीर्णन
(B) व्यतिकरण
(C) वर्ण-विक्षेपण
(D) विवर्तन
उत्तर-
(B) व्यतिकरण
प्रश्न 18.
एक उभयोत्तल (µ = 1.5) के प्रत्येक तल की वक्रता त्रिज्या 20 cm है । लेंस की क्षमता है
(a) 5D
(b) 10D
(c) 25D
(d) 20D
उत्तर-
(a) 5D
प्रश्न 19.
विभिन्न दिशाओं में कार्निया की वक्रता में असमानता के कारण उत्पन्न दृष्टि दोष को कहते हैं
(a) निकट दृष्टि
(b) दूर दृष्टि
(c) जरा दृष्टि
(d) अविन्दुकता
उत्तर-
(d) अविन्दुकता
प्रश्न 20.
समतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या होती है:
(a) अनन्त
(b) शून्य
(c) +5 सेमी
(d) -5 सेमी
उत्तर-
(a) अनन्त
प्रश्न 21.
दो तरंगें जिनकी तीव्रताओं का अनुपात 9: 1 है, व्यतिकरण उत्पन्न करती है । अधिकतम तथा न्यूनतम तीव्रताओं का अनुपात होगा
(a) 10:8
(b) 9:1
(c) 4:1
(d) 2:1
उत्तर-
(c) 4:1
प्रश्न 22.
यदि किसी धातु के सतह पर आपतित होने वाले फोटॉन की आवृत्ति दुगुना कर दिया जाय तो उत्सर्जित इलेक्ट्रान की अधिकतम गतिज ऊर्जा हो जायेगी
(a) दुगुना
(b) दुगुना से ज्यादा
(c) नहीं बदलेगा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(b) दुगुना से ज्यादा
प्रश्न 23.
प्रकाश विद्युत प्रभाव समर्थन करता है
(a) प्रकाश की तरंग प्रकृति का
(b) प्रकाश की कण प्रकृति का
(c) प्रकाश की द्वैती प्रकृति का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) प्रकाश की तरंग प्रकृति का
प्रश्न 24.
जब कोई इलेक्ट्रान हाइड्रोजन परमाणु में तृतीय कक्षा से द्वितीय कक्षा में आ जाता है तो मुक्त ऊर्जा होगा
(a) 1.51ev
(b) 3.4ev
(c) 1.89eV
(d) 0.54ev
उत्तर-
(c) 1.89eV
प्रश्न 25.
हाइड्रोजन परमाणु में निम्नतम ऊर्जा स्तर में इलेक्ट्रान का कोणीय संवेग होता है
उत्तर-
\((b) \frac{h}{2 \pi}\)
प्रश्न 26.
नाभिकीय रिएक्टर में नियंत्रक छड़ें बनी होती है
(a) कैडमियम की
(b) यूरेनियम की
(c) ग्रेफाइट की
(d) प्लूटोनियम की
उत्तर-
(a) कैडमियम की
प्रश्न 27.
निम्नलिखित में कौन-सा अस्थायी है ?
(a) न्यूट्रॉन
(b) प्रोटॉन
(c) इलेक्ट्रॉन
(d) 4-कण
उत्तर-
(a) न्यूट्रॉन
प्रश्न 28.
NOR गेट का वूलियन व्यंजक है
(A) A + B = Y
(B) \(\overline{A . B}=Y\)
(C) A. B = Y
(D) \(\overline{A+B}=Y\)
उत्तर-
(D) \(\overline{A+B}=Y\)
प्रश्न 29.
चित्र में दिखाया गया लॉजिक गेट है :
(a) OR
(b) NOR
(c) NAND
(d) AND
उत्तर-
(d) AND
प्रश्न 30.
अवक्षय क्षेत्र में होते हैं
(a) केवल इलेक्ट्रान
(b) केवल होल
(c) इलेक्ट्रान एवं होल
(d) इलेक्ट्रान एवं होल दोनों ही नहीं
उत्तर-
(d) इलेक्ट्रान एवं होल दोनों ही नहीं
प्रश्न 31.
परम शून्य ताप पर अर्द्धचालक व्यवहार करता है।
(a) पूर्ण चालक की तरह
(b) पूर्ण अचालक की तरह
(c) अति चालक की तरह
(d) अर्द्ध चालक की तरह
उत्तर-
(b) पूर्ण अचालक की तरह
प्रश्न 32.
चालन बैंड अंशतः रिक्त होते हैं
(a) अचालकों में
(b) अर्द्ध चालकों में
(c) धातुओं में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(b) अर्द्ध चालकों में
प्रश्न 33.
निम्नलिखित में सही अंकीय संचार का उदाहरण नहीं है
(a) ई-मेल
(b) सेलुलर फोन
(c) टेलीविजन
(d) संचार उपग्रह
उत्तर-
(c) टेलीविजन
प्रश्न 34.
आयाम मॉडुलन सूचकांक का मान होता है
(a) हमेशा 0
(b) 1 तथा ∞ के बीच
(c) 0 तथा 1 के बीच
(d) : हमेशा ∞
उत्तर-
(c) 0 तथा 1 के बीच
प्रश्न 35.
ट्रांजिस्टर के α β तथा β की धारा गुणांकों में संबंध है
उत्तर-
\(\text { (b) } \alpha=\frac{\beta}{1+\beta}\)
खण्ड-ब : गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 18 तक सभी लघु उत्तरीय कोटि के प्रश्न हैं। इस कोटि के प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है । आप किन्हीं दस (10) प्रश्नों के उत्तर दें। (10 x 2 = 20)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
स्थिर वैद्युत परिरक्षण क्या है ? इसके एक जीवनोपयोगी उपयोग लिखें ?
उत्तर-
स्थिर वैद्युत परिरक्षण-किसी निश्चित क्षेत्र को विद्युत क्षेत्र के प्रभाव से बचाने की क्रिया को विद्युतीय प्रतिरक्षण कहते हैं । यही कारण है कि बिजली गिरने के समय बंद कार या बस में बैठे रहना किसी पेड़ के नीचे या मैदान में खड़े रहने की तुलना में ज्यादा सुरक्षित रहता है।
प्रश्न 2.
ध्रुवीय अणु तथा अध्रुवीय अणु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ध्रुवीय अणु (Polar molecules)-बाह्य विद्युत क्षेत्र की अनुपस्थिति में जब किसी अणु में धनात्मक आवेशों का केन्द्र, ऋणात्मक आवंशों के केन्द्र के संपाती नहीं होता है तब उस अणु को ध्रुवीय अणु कहते हैं ।
उदाहरण-HCl,H2O,NH3,CO2 इत्यादि ।
अध्रुवीय अणु (Non polar molecules)-जब किसी अणु में धनात्मक आवेशों का केन्द्र ऋणात्मक आवेशों के केन्द्र के संपाती होता है तब अणु को अध्रुवीय अणु कहते हैं ।
उदाहरण-N2,O2, H2, इत्यादि ।
प्रश्न 3.
धारा घनत्व किसे कहते हैं ? इसका मात्रक तथा विमा लिखें।
उत्तर-
किसी चालक के इकाई क्षेत्रफल से होकर जितनी धारा प्रवाहित होती है उसे धारा घनत्व कहते हैं । इसे ] से सूचित किया जाता है ।
\(J=\frac{I}{A}\)
यह एक सदिश राशि है।
इसका S.I. मात्रक एम्पियर/मी2 होता है ।
इसकी विमा : [M0L-2 T0A] होता है ।
प्रश्न 4.
उन दो कारकों को लिखें जिस पर प्रतिरोधकता निर्भर करती है।
उत्तर-
किसी चालक की प्रतिरोधकता निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है :
(i) यह चालक की प्रकृति पर निर्भर करती है ।
(ii) यह तापक्रम पर निर्भर करती है ।
प्रश्न 5.
छड़ चुम्बक तथा धारावाही परिनालिका की तुलना करें ।
उत्तर-
दोनों के बीच समानता
छड़ चुम्बक :
- छड़ चुम्बक के सिरे चुम्बकीय पदार्थों को आकर्षित करते हैं।
- छड़ चुम्बक यदि क्षैतिज तल में घूमने के लिये स्वतंत्र हो तब उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है ।
धारावाही परिनालिका :
- परिनालिका में जब धारा प्रवाहित हो रही हो तब उसके सिरे चुम्बकीय पदार्थों को आकर्षित करते हैं।
- धारावाही परिनालिका को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर वह क्षैतिज तल पर उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरती है ।
प्रश्न 6.
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के लेंज के नियम को लिखें।
उत्तर-
किसी परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल की दिशा इस प्रकार से होती है कि वह उसके कारण का विरोध करती है जिसके कारण वह उत्पन्न होती है । इसका व्यंजक
\(\rho=-N \frac{d \phi}{d t}\)
यह प्रेरित वि. वा. बल की दिशा को बताता है ।
प्रश्न 7.
पराबैंगनी तरंगों के दो उपयोग को लिखें ।
उत्तर-
पराबैंगनी तरंग के उपयोग
- इसका प्रयोग कीटनाशक के रूप में होता है ।
- पुराने दस्तावेज की स्याही की जाँच करने में ।
- ये किरणें जब शरीर पर पड़ती है तो विटामिन-D उत्पन्न करती है। अधिक मात्रा में ये शरीर के लिये हानिकारक होती है ।
प्रश्न 8.
दो लेंसों की क्षमताएँ + 12D एवं – 2D है समाक्षीय रूप से एक दूसरे के संपर्क में हैं । संयोजन की फोकस दूरी कितनी होगी ?
उत्तर-
संयोजन की क्षमता :
P = P1 + P2
P = 12 – 2 = 10D
संयोजन की फोकस दूरी \(f \frac{1}{P}=\frac{1}{10} \times 100=10 \mathrm{cm}\)
f = 10cm
प्रश्न 9.
बुस्टर (Brewtor’s) के नियम को लिखें ।
उत्तर-
इस नियम के “किसी पारदर्शी माध्यम के पृष्ठ पर आपतित किरण के ध्रुवण कोण की स्पर्शज्या उस माध्यम के अपवर्तनांक के बराबर होती है।
μ = tanip
जहाँ µ = माध्यम का अपवर्तनांक है, ip = ध्रुवण कोण है ।
प्रश्न 10.
फोटॉन के गुणों को लिखें।
उत्तर-
फोटॉन के निम्नलिखित गुण हैं : (i) यह निर्वात में प्रकाश के नेत्र से गमन करता है । (ii) इसका विराम द्रव्यमान शून्य होता है ।
प्रश्न 11.
फोटो डायोड के उपयोग लिखें ।
उत्तर-
इसके निम्नलिखित उपयोग हैं : (i) प्रकाश की तीव्रता मापने वाले यंत्रों में । (ii) दैनिक प्रकाश अभिलेखन में । (iii) सड़कों पर लगी प्रकाश बत्तियों के स्वचालित स्विचों में । (iv) ध्वनि के पुर्नसम्पादन में । (v) स्वचालित दरवाजों में । (vi) प्रकाश विद्युत गलियों में ।
प्रश्न 12.
बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लियॉन्स (Binding energy pernucleon) से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
एक नाभिक से एक न्यूक्लियॉन निकालने के लिये आवश्यक औसत ऊर्जा ही बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लियॉन कहलाती है । बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लियॉन
प्रश्न 13.
समीपतम पहुँच की दूरी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह समीपतम दूरी जहाँ तक नाभिक की दिशा में गतिशील एक ऊर्जायुक्त α-कण विरामावस्था में आने से पूर्व पहुँच सके तथा फिर उसी मार्ग पर लौट जाय, समीपतम पहुँच की दूरी कहलाता है । इस दूरी द्वारा नाभिक के आकार का पता लगाया जाता है ।
प्रश्न 14.
N-टाइप एवं P-टाइप अर्द्धचालक में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
N-टाइप तथा P-टाइप अर्द्धचालक में अंतर
N-टाइप :
- जब नैज अर्द्धचालक में पंचसंयोगी अशुद्ध परमाणु मिलाये जाते हैं तो n-type अर्द्धचालक प्राप्त होता है।
- n-type अर्द्धचालक में बहुसंख्यक वाहक इलेक्ट्रॉन तथा अल्पसंख्यक वाहक होल्स होते हैं।
P-टाइप :
- जब नैज अर्द्धचालक में त्रिसंयोजी अशुद्ध परमाणु मिलाये जाते हैं, तो p-type अर्द्ध-चालक प्राप्त होता है।
- p-type अर्द्धचालक में बहुसंख्यक वाहक होल तथा अल्पसंख्यक वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
प्रश्न 15.
आधार बैंड की चौड़ाई और फेडिंग क्या होते हैं ?
उत्तर-
आधार बैंड : सूचना जिसे एक एक स्थान से दूसरे स्थान के लिये सम्प्रेषण करना है वह निम्न आवृत्ति के परास में अर्थात् ध्वनि आवृत्ति या श्रव्य परास में प्रवेश कर जाती है । श्रव्य के आवृत्ति सिगनल को आधार बैंड सिगनल भी कहते हैं।
बैंड की चौड़ाई : समस्त आवृत्तियों के संचय के सिगनलों का आवृत्ति स्पेक्ट्रम कहलाते हैं। किसी सिगनल की आवृत्ति स्पेक्ट्रम की चौड़ाई ही बैंड की चौड़ाई कहलाती है।
फेडिंग : फेडिंग को शक्ति में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जाता है जो तरंगों के पारस्परिक व्यतिकरण के कारण ग्राही पर होता है।
प्रश्न 16.
आवेश का तलीय घनत्व क्या है ? इसका S.I. मात्रक लिखें।
उत्तर-
आवेश का तलीय घनत्व-प्रति ईकाई क्षेत्र में जो आवेश रहता है उसे आवेश का तलीय घनत्व कहते हैं । इसे σ से सूचित किया जाता है।
\(\sigma=\frac{Q}{A}\)
इसका S.I. मात्रक कूलम्ब/मी2 होता है ।
प्रश्न 17.
एक विद्युत द्विध्रुव को 4 x 104 के एक समान विद्युतीय क्षेत्र में इससे 30° का कोण बनाते हुये रखा गया है । द्विध्रुव पर 1.6 x 10-25 Nm का बल आघूर्ण लगता है । इसके द्विध्रुव आघूर्ण की गणना करें ।
उत्तर-
प्रश्न 18.
साइक्लोट्रॉन के उपयोग को लिखें ।
उत्तर-
साइक्लोट्रॉन के निम्नलिखित उपयोग हैं :
(i) इसका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में रेडियो सक्रिय पदार्थ उत्पन्न करने में किया जाता है ।
(ii) इसका उपयोग आयन को जोड़कर ठोस की गुणवत्ता बढ़ाने में किया जाता है।
(iii) इसका उपयोग धनावेशित कण को त्वरित कर ऊर्जा प्राप्त करने में | होता है जिसका उपयोग नाभिकीय रिऐक्टर में होता है ।।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्नों संख्या 19 से 24 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है । इस कोटि ‘के प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है । आप किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। (3 x 5 = 15)
प्रश्न 19.
विद्युतीय फ्लक्स को परिभाषित करें। गॉस के प्रमेय को लिखें तथा उसे प्रमाणित करें।
उत्तर-
विद्युत फ्लक्स-किसी पृष्ठ के सम्बद्ध वैद्युत फ्लक्स को उस पृष्ठ से गुजरने वाली विद्युत रेखाओं की कुल संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है।
सम्पूर्ण क्षेत्रफल पर विद्युत फ्लक्स सतह में क्षेत्रफल अवयवों के \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) एवं \(\overrightarrow{\mathrm{dS}}\) के अदिश गुणनफल के बराबर होता है।
यह एक अदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक वोल्टमीटर होता है।
गॉस का प्रमेय : गॉस के प्रमेय, मुक्त आकाश (दिक स्थान) में किसी बंद पृष्ठ (S) में से कुल वैद्युत फ्लक्स (Φ) का मान पृष्ठ द्वारा घेरे गये कुल आवेश (q) के \(\frac{1}{\varepsilon_{0}}\) गुणा के बराबर होता है।
जहाँ q पृष्ठ S द्वारा घेरा गया कुल आवेश तथा ε0 निर्वात का पार | वैद्युतांक है।
Proof (प्रमाण) : मान लिया कि +q आवेश के परितः r त्रिज्या का एक बन्द पृष्ठ है। गोले के पृष्ठ पर स्थित प्रत्येक बिन्दु पर विद्युतीय तीव्रता
अब dS क्षेत्रफल के अल्पांश पर विचार किया जाता है। अल्पांश ds से गुजरने वाला विद्युतीय फ्लक्स
प्रश्न 20.
एक समानान्तर प्लेट वाले संधारित्र की धारिता का व्यंजक प्राप्त करें। यदि संधारित्र के प्लेटों के बीच संयुक्त परावैद्युतांक माध्यम डाला जाए तो उसकी धारिता का व्यंजक प्राप्त करें ।
उत्तर-
समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता :
मान लिया कि xy एक समानान्तर प्लेट संधारित्र है जिसमें : तथा y संघनक प्लेट है । उसके बीच की दूरी d है। दोनों प्लेटों के बीच विद्युतीय तीव्रता E है । प्लेट x का आवेश घनत्व σ है तथा y का σ है । प्लेट x को + qआवेश दिया जाता है। दोनों प्लेट के बीच विद्युतीय तीव्रता \(E=\frac{\sigma}{\varepsilon_{0}}\)
समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता जब दोनों प्लेट के बीच परावैद्युतांक रखा हो : प्लेटों के मध्य निर्वात (या वायु) रहने पर समानान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता
\(C_{o}=\frac{A \varepsilon_{o}}{d}\) ………….(i)
जहाँ A = प्लेट का क्षेत्रफल, d = प्लेट के बीच की दूरी ।
अब प्लेटों के बीच ‘T’ मुटाई का पराविधुत गुटका रख दिया जाता है। ध्रुवण के कारण पराविधुत गुटका के दोनों फलकों पर बराबर व विपरीत प्रेरित आवेश उपस्थित हो जाता है। इन प्रेरित आवेशों के कारण प्रेरित विद्युत क्षेत्र
\((\overrightarrow{\mathrm{E}_{\mathrm{p}}})\) उत्पन्न हो जाता है जो कि आरोपित क्षेत्र \((\overrightarrow{\mathrm{E}_{\mathrm{o}}})\) की दिशा के विपरीत दिशा में होता है । विद्युत क्षेत्र का पराविद्युत में समाहित मान E = (E0 – Ep)
अब, t मोटाई के क्षेत्र में पराविद्युत E= (E0 – Ep) तथा (d-t) मोटाई के क्षेत्र में क्षेत्र E0 अस्तित्व में होता है।
संधारित्र की दोनों प्लेटों के मध्य विभवान्तर V =E0 (d-t) + Et
किसी समानान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य पराविधुत गुटका रखने पर इसकी धारिता में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 21.
संधारित्र क्या है ? तीन संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर उनकी कुल धारिता के लिये व्यंजक प्राप्त करें ।
उत्तर-
संधारित्र-वह कृत्रिम व्यवस्था जिसमें किसी चालक के विभव को घटाकर उसकी धारिता को बढ़ा दिया जाता है, उसे संधारित्र कहते हैं ।
तीन संधारित्र का श्रेणी क्रम में व्यंजक
मान लिया A1B1, A2B2, तथा A3B3 तीन संधारित्र हैं जिसकी धारिता क्रमश: C1,C2, तथा C3, है ।
श्रेणी क्रम में सभी संधारित्र पर आवेश क समय होता है किन्तु विभव अलग-अलग होता है । मान लिया विभव V1, V2 तथा V3 है तो
अतः समतुल्य धारिता का व्युत्क्रम, अलग-अलग धारिता के व्युत्क्रम के __ बीजगणितीय योग के बराबर होता है ।
प्रश्न 22.
दो अनंत लंबाई के सीधे समानान्तर धारावाही चालकों के बीच लगने वाले बल का व्यंजक ज्ञात करें। ऐम्पियर की परिभाषा दीजिये।
उत्तर-
मान लिया कि X1, Y1, तथा X2Y2, दो समानान्तर चालक r दूरी पर रखे हुये हैं तथा इससे होकर I1 तथा I2 धारा प्रवाहित हो रही है।
चालक X1Y1 के बिन्दु P पर चुम्बकीय क्षेत्र \(B_{2}=\frac{\mu_{0}}{4 \pi} \cdot \frac{2 I_{2}}{r}\)
फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियमानुसार, चुम्बकीय क्षेत्र B2 के कारण चालक X1Y1 के द्वारा अनुभव किया गया बल F = B1I1l1
\(F=\frac{\mu_{0}}{4 \pi} \cdot \frac{2 I_{2}}{r}, I_{1}\)
चालक की इकाई लम्बाई के लिये \(F=\frac{\mu_{0}}{4 \pi} \cdot \frac{2 I_{1} I_{2}}{r}\)
4T r ठीक इसी तरह चालक X2 Y2 के द्वारा अनुभव किया गया बल
\(F=\frac{\mu_{0}}{4 \pi}, \frac{2 I_{1} I_{2}}{r}\)
ऐम्पियर की परिभाषा
इस प्रकार, एक ऐम्पियर वह धारा है जो निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर खे नगण्य अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वा दो अनंत लंबाई के समानान्तर चालकों में प्रवाहित होने पर आपस में एक दूसरे तार. की प्रति मीटर लम्बाई पर 2 x 10-7 N बल उत्पन्न करती है।
प्रश्न 23.
उत्तल गोलीय सतह द्वारा अपवर्तन का सूत्र स्थापित करें तब वस्तु विरल माध्यम में स्थित हो तथा प्रतिबिम्ब वास्तविक बन हा हो।
उत्तर-
माना कि AB एक उत्तल गोलीय सतह है जो μ1 तथा μ2 दो उपवर्तनांक वाले माध्यम को अलग करता है । इसके प्रधान अक्ष पर एक वस्तु ) है जिसका प्रतिबिम्ब सघन माध्यम में बनता है।
α β, तथा γ क्रमशः आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलंब द्वारा मुख्य अक्ष पर बनाये गये कोण हैं। बिन्दु M से MN लंब डाला
∆OMN में i = α + γ …(i)
α और γ का मान बहुत कम होता है, अतः
α = tanaα γ = tanγ
i = tan α + tanγ
इसी तरह, ∆1MC में
r = γ – β
r= tanγ – tan β
N बिन्दु P के बहुत नजदीक है।
स्नेल के नियम से. \(\frac{\sin i}{\sin r}=\frac{\mu_{2}}{\mu_{1}}\)
स्लेल के नियम से, sinr
µ1sin i = µ2 sin r
चूंकि कोण i तथा 7 भी अल्प हैं; अत:
µ1sin i = µ2 sin r
(sini =i)
(sinr=r)
तथा r का मान समी. (v) में रखने पर
प्रश्न 24.
प्रकाश-वैद्युत उत्सर्जन को समझाइए। प्रकाश-वैद्युत प्रभाव के नियम क्या-क्या हैं ? आईंस्टीन द्वारा की गई इसकी व्याख्या को बताइए।
उत्तर-
प्रकाश-विद्युत प्रभाव-उचित आवृत्ति की, प्रकाश ऊर्जा द्वारा मुख्यतया धात्विक पृष्ठों से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन की क्रिया प्रकाश-विद्युत प्रभाव कहलाती है।
प्रकाश-विद्युत प्रभाव के नियम-
- किसी पदार्थ से प्रति सेकेन्ड उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन्स की संख्या आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
- फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
- किसी दिये गये पदार्थ के लिए एक न्यूनतम आवृत्ति
(v0) होती है, जिससे कम आवृत्ति पर कोई प्रकाश उत्सर्जन नहीं होता है, उसे देहली आवृत्ति कहते हैं। - प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की क्रिया तात्क्षणिक होती है अर्थात् जैसे ही उपयुक्त आवृत्ति का प्रकाश पदार्थ पर आपतित होता है तब यह बिना किसी देरी के फोटो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है।
आईंस्टाइन की व्याख्या : आईंस्टाइन ने सन् 1905 ई. में क्वांटम सिद्धान्त के आधार पर प्रकाश वैद्युत प्रभाव की व्याख्या की। प्रकाश में ऊर्जा के सूक्ष्म बंडल होते हैं, जो फोटॉन या क्वाण्टा कहलाते हैं। प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा hv होती है। जब यह ऊर्जा किसी धातु की सतह पर गिरता है तो धातु में मुक्त इलेक्ट्रॉन द्वारा फोटॉन की ऊर्जा अवशोषित कर ली जाती है। यह अवशोषित ऊर्जा (hv) दो तरीकों से उपयोग में लायी जाती है।
(i) ऊर्जा का एक भाग इलेक्ट्रॉन द्वारा पृष्ठीय ‘अवरोध को पार करने में लग जाता है। ऊर्जा का यह भाग धातु के कार्यफलन के तुल्य होता है ।
(ii) ऊर्जा का शेष भाग उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन को वेग देने का कार्य करता है। ऊर्जा का यह भाग उत्सर्जित फोटॉन इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा के बराबर होता है।
ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार hv = \(\phi+\frac{1}{2} m v^{2}\) …(i)
यदि v = Vo (देहली आवृत्ति), तब धात्विक पृष्ठ से मुक्त इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होते हैं।
अर्थात् \(\frac{1}{2} m v^{2}=0\)
समी० (i) से hvo = Φ + 0 या hvo = Φ …..(ii)
यह धातु के कार्य फलन का व्यंजक है ।.
समी० (ii) के मान को समी० () में रखने पर,
यह आईंस्टाइन का प्रकाश-वैद्युत समीकरण है।
यह आईंस्टाइन का प्रकाश-वैद्युत समीकरण है।