Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

Bihar Board Class 10 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण Questions and Answers

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

प्रश्न
विशेषण किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।
उदाहरणतया – लाल कपडा, मोटा लडका, काली गाय, ऊँचा मकान, लंबा वह। इनमें लाल, मोटा, काली और ऊँचा शब्द क्रमश: कपड़ा, लड़का, गाय और मकान नामक संज्ञा-शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। इसलिए ये विशेषण हैं। इसी प्रकार ‘लंबा’ शब्द ‘वह’ सर्वनाम की विशेषता बता रहा है। यह भी विशेषण है।

प्रश्न
विशेष्य किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है उसे विशेष्य कहते हैं। उदाहरणतया—काली गाय, मोटा लड़का। इनमें ‘काली’ और ‘मोटा’ विशेषण क्रमशः ‘गाय’ और ‘लड़का’ की विशेषता प्रकट कर रहे हैं। अत: गाय और लड़का विशेष्य हुए।

प्रश्न
विशेषण के कितने भेद हैं ? सबका सोदाहरण परिचय दो।
उत्तर-
विशेषण के सामान्यतया चार भेद माने जाते हैं

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिमाणवाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण

1.गुणवाचक विशेषण
संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरणतया-

सरल, भला, कुशल, उचित, पवित्र, साफ (गुण)।
कुटिल, जटिल, बुरास, लचर, अनुचित, गंदा (दोष)।
गोल, चौकोर, तिकोना, लंबा, चौड़ा, ठिगना (आकार)।
लाल, पीला, नीला, मैला, उजला, गोरा (रंग)।
बलवान, कमजोर, रोगी, पतला, गाढ़ा (अवस्था, दशा)।
भीतरी, बाहरी, पिछला, अगला, अग्रिम (स्थिति)।
पंजाबी, जापानी, देहलवी, भारतीय (स्थान)।
मीठा, नमकीन, तिक्त, कषाय (स्वाद)।
सुगंधित, तीखा, भीनी (गंध)।
मुलायम, चिकना, भारी, हल्का, गर्म, ठंडा, पालत जंगली (अन्य)

कुछ वाक्य-प्रयोग
(क) वह सुंदर कन्या है। (गुणवाचक)
(ख) इस घर का मालिक मोटा आदमी है।(आकारबोधक)
(ग) तुमने मेरी लाल कमीज पहनी है।(रंगबोधक)
(घ) मैं फटी पेंट नहीं पहना करता।(दशाबोधक)
(ङ) आधुनिक युग कंप्यूटर-युग है।(कालबोधक)

2. परिमाणवाचक विशेषण

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के माप, तोल, परिमाण को प्रकट करते हैं; परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। परिमाणवाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं-
(क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं। जैसे–चार लिटर दूध, एक क्विंटल गेहूँ, दस मीटर कपड़ा, दस ग्राम सोना। कभी-कभी बाद में ‘भर’ लगाने से भी निश्चित परिमाण का बोध होता है। जैसे—सेर भर।

वाक्य प्रयोग- पहाड़ों पर 5 इंच वर्षा हुई।
इस साल एक हजार पेड़ उगे।

(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जिन विशेषणों से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का ज्ञान न होकर अनिश्चित माप-तोल का ज्ञान हो, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे—कुछ, बहुत, अधिक, थोड़ा, तनिक, इतना, उतना, जितना, कितना, ढेर, सारा आदि। कभी-कभी इनके साथ सा-से-सी का प्रयोग भी कर दिया जाता है। जैसे थोड़ा-सा।

वाक्य-प्रयोग-
चाय मेंथोड़ी चीनी डाल दीजिए।
जरा-सा दूध भी मिला दीजिए।
तनिक गर्म पानी भी डालो।
अबकुछ घूटे पीकर देखो।
आजसारा परिवार चाय पिएगा।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

3. संख्यावाचक विशेषण
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या या गणना संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। इसके दो भेद होते हैं निश्चित संख्यावाचक तथा अनिश्चित संख्यावाचका।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध कराते हैं। जैसे—दो लड़के, चौथी मंजिल, दर्जन पैंसिलें, तिगुना, प्रत्येक आदि।संख्या के आधार पर इसके आगे भेद किए जा सकते हैं –

(क) पूर्ण संख्याबोधक विशेषण 1, 2, 3 आदि पूर्णांक संख्याएँ इसके अंतर्गत आती हैं। इन्हें गणनावाचक विशेषण भी कहते हैं।

(ख) अपूर्ण संख्याबोधक विशेषण- 1/4 (पाव), 1/2 (आधा), 3/4 (पौन), 1 1/4 (सवा), 1 1/2 (डेढ), 1 3/4 (पौन दो), 2 1/2 (ढाई), 3 1/2 (साढ़े तीन) आदि विशेषण विशेषतया माप-तोल में काम आते हैं।

(ग) क्रमवाचक विशेषण- क्रम का बोध कराने वाले विशेषण-जैसे-
पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पाँचवाँ, छठा, सातवाँ आदि क्रमवाचक विशेषण कहलाते हैं।

(घ) आवृत्तिवाचक विशेषण- विशेष्य की तहों या गुणन को बताने वाले विशेषण जैसे
दुहरा, तिहरा, दुगुना, तिगुना, चौगुना आदि आवृत्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

(ङ) समुदायवाचक विशेषण- जहाँ संख्या के समुदाय को विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, वहाँ समुदायवाचक विशेषण होता है। जैसे-
दोनों, तीनों, चारों या तीनों के तीनों, चारों के चारों आदि।

(च) समुच्चयवाचक विशेषण– विशेष्य के समुच्चय को प्रकट करने वाले विशेषण समुच्चयवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे-
दर्जन (12), युग्म, जोड़ा, पच्चीसी, सैकड़ा, शतक, चालीसा, सतसई (700) आदि।।

(छ) प्रत्येकबोधक विशेषण- हर, प्रत्येक, प्रति आदि विशेषण प्रत्येकबोधक कहलाते हैं।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण- ये शब्द (विशेषण) संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते, बल्कि उसका अस्पष्ट अनुमान प्रस्तुत करते हैं। जैसे
कुछ, कई, सब, सैकड़ों, दस-बीस, काफी, थोड़े, बहुत आदि।

वाक्य-प्रयोग-

कुछ बच्चे चंदा माँगने आए हैं।
तुम्हारी थैली मेंबहुत संतरे हैं, मेरी में थोड़े।
किताब लगभग पूरी पढ़ ली है, बसथोड़े पन्ने बाकी हैं।
वहाँकोई पाँच सौ खिलाड़ी होंगे।
रैली मेंहजारों लोग पहुंचे।
पचास एक संतरे बचे हुए थे।
दस-बीस रोटियाँ खाना मेरे बाएँ हाथ का खेल है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

4. सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम अपने सार्वनाकि रूप में ही संज्ञा के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। ये विशेषण चार प्रकार के होते हैं

(क) निश्चयवाचक/संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा की ओर निश्चयार्थी संकेत करते हैं। इसलिए इन्हें संकेतवाचक या निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा। जाता है। उदाहरणतया –

यह किताब वहाँ से मिली है।
उस कलम को उठा लाओ।

(ख) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण- ये विशेषण संज्ञा की ओर अनिश्चयार्थी संकेत करते हैं। उदाहरणतया –
कोई सज्जन आए हुए हैं।
घर मेंकुछ भी खाने को नहीं है।

(ग) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण ये सार्वनामिक विशेषण संज्ञा की प्रश्नात्मक विशेषता को प्रकट करते हैं। जैसे-
कौन आदमी आया है ?
तुम्हेंकौन-सी किताब चाहिए?
तम्हेंकिस लडके ने बचाया है?
तुम इनमें सेक्या चीज लोगे?

(घ) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण – ये विशेषण एक संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोड़ते हैं। उदाहरणतया-
जो आदमी कल आया था,वह बाहर खड़ा है।
वह बच्चा सामने जा रहा है,जिसने तुम्हारी किताब चुराई थी।
सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम में अंतर- कई जगह निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण इतने समान रूप से प्रयुक्त होते हैं कि उन्हें पहचानने में भ्रम हो जाता है। ठीक पहचान के लिए ध्यान देना आवश्यक है कि यदि सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा से पहले हुआ है, तो वह सार्वनामिक विशेषण होगा। यदि वह अकेले प्रयुक्त होगा, तो सर्वनाम कहलाएगा।

उदाहरणतया- यह पुस्तक अभी छपी है।
यह अभी छपी है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

प्रथम वाक्य में ‘यह’ सार्वनामिक विशेषण है, क्योंकि ‘यह’ पुस्तक की विशेषता बतला रहा है। दूसरे वाक्य में ‘यह’ संज्ञा की जगह प्रयुक्त हुआ है, अतः निश्चयवाचक सर्वनाम है। कुछ अन्य उदाहरण देखिए-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 1

वह पुस्तक अच्छी है।  (वह-विशेषण)
वह अवश्य आएगा। (वह-सर्वनाम)
यह मेरे साथ खेलता है। (यह-सर्वनाम), (मेरे-विशेषण)
उस घर में मेरा मित्र रहता है। (उस-विशेषण), (मेरा-विशेषण)
उसने बालक को बचाया।  (उसने-सर्वनाम)
यह फल पका है और वह कच्चा । (यह-विशेषण), (वह-सर्वनाम)
इस घर में कौन रहता है। (इस-सार्व. विशेषण)

विशेषणों की रूप-रचना

विशेषणों की रूप-रचना संबंधी कुछ नियम इस प्रकार हैं-

(क) कुछ आकारांत विशेषणों में विशेष्य के लिंग-वचन बदलने के साथ-साथ बदलाव आता है। जैसे-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 2

इसी प्रकार- बड़ा नगर, बड़ी नगरी, बड़े नगरों में।
छोटा डंडा, छोटी डंडी, छोटे डंडे।

ध्यातव्य-  यह परिवर्तन केवल कुछ आकारांत पुल्लिंग विशेषणों में आता है। अन्य प्रकार के विशेषणों में कोई परिवर्तन नहीं होता। जैसे-
सुदर लड़का (एकवचन, पुल्लिंग)
सुंदर लड़के (बहुवचन, पुल्लिंग)
सुंदर लड़की (एकवचन, स्त्रीलिंग)
सुंदर लड़कियाँ (बहुवचन, पुल्लिंग)

(ख) यदि विशेष्य के पीछे कोई विभक्ति लगी हो, या संबोधन कारक हो तो आकारांत विशेषण के अंतिम ‘आ’ का ‘ए’ हो जाता है। जैसे-
बड़े लड़के ने मुझे बुलाया।
ए छोटे बच्चे, इधर आना।

अन्य विशेषण यथावत रहते हैं। जैसे-
चंचल लड़का, चंचल लड़की, चंचल लड़के, चंचल लड़कियाँ।
विशेषणों का संज्ञा-रूप में प्रयोग कई बार विशेषणों को संज्ञा-रूप में प्रयुक्त कर दिया जाता है।
उदाहरणतया-
उस मोटे को देखो!
वीरों की पूजा भी करते हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

गुणियों का सर्वत्र सम्मान होता है।
इन उदाहरणों में ‘मोटे’, ‘वीरों’ और ‘गुणियों’ शब्द संज्ञा-रूप में प्रयुक्त हुए हैं। अत: इनके लिंग, वचन, कारक भी संज्ञा-पदों के समान बदलेंगे।
अन्य उदाहरण-
इन गरीबों को देखिए।
बड़ों का कहना मानना चाहिए।
उस बेचारे ने कुछ नहीं किया।

विशेषणों की रचना

कुछ शब्द मूलतः विशेषण होते हैं तथा कुछ की रचना शब्दों में प्रत्यय, उपसर्ग आदि लगाने से होती है। जैसे –
पव्यय _चायवाला, सुखद, बलशाली, ईमानदार, नश्वर आदि।
उपसर्ग से दुबैल, लापता, बेहोशी, निडर आदि।
सोनों पयोग दुनाली; निकम्मा आदि।
विशेषण कई प्रकार के शब्दों से बनते हैं-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 3

आगे छात्रों की सुविधा के लिए अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषण दिए जा रहे हैं –
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 4
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 5

उद्देश्य-विशेषण और विधेय-विशेषण

प्रश्न
उद्देश्य विशेषण और विधेय-विशेषण किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
जो विशेषण विशेष्य शब्दों से पहले प्रयुक्त होते हैं, उन्हें उद्देश्य-विशेषण कहते हैं। जैसे-
गोरी लड़की नाच रही है।
काला घोड़ा दौड़ रहा है।
यहाँ ‘गोरी’ और ‘काला’ दोनों उद्देश्य विशेषण हैं।
कुछ स्थितियों में विशेषण विशेष्य के पश्चात् लगता है। इन्हें ‘विधेय विशेषण’ कहते हैं। जैसे
वह लड़की गोरी है।
घोड़ा काला है।
उसका पैन नीला है। आदि

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

यहाँ गोरी, काला और नीला विशेषण विशेष्यों के पश्चात् लगे हैं। ये वाक्य के विधेय भाग के अंश हैं। इसीलिए इन्हें विधेय-विशेषण कहा जाता है। .
ध्यातव्य – विशेषण चाहे उद्देश्य-विशेषण हों, चाहे विधेय-विशेषण; उनके रूप का निर्धारण संज्ञा या सर्वनाम के अनुसार होता है। अर्थात् विशेषण का वही लिंग, वचन, परसर्ग होगा जो विशेष्य संज्ञा का होगा। उदाहरणतया-

उद्देश्य-विशेषणों के रूप-

मोटा लड़का कूद रहा है। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. एकवचन)
मोटे लड़के को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटे लड़के कूद रहे हैं। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटे लड़कों को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन)
मोटी लड़की को देखो। (विशेषण-विशेष्य दोनों स्त्री. एकवचन)
मोटी लड़कियों को देखें। (स्त्रीलिंग विशेषण अपरिवर्तित रहता है। एकवचन)

अब नीचे विधेय-विशेषण के रूप देखिए। ये भी बिल्कुल उद्देश्य-विशेषणों के समान रहेंगे। विधेय-विशेषणों के रूप-
वह लड़का मोटा है। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. एकवचन)
वे लड़के मोटे हैं। (विशेषण-विशेष्य दोनों पुं. बहुवचन) ।
वह लड़की मोटी है। (विशेषण-विशेष्य दोनों स्त्री. एकवचन)
वे लड़कियाँ मोटी हैं। (स्त्रीलिंग विशेषण अपरिवर्तित है।)

विशेषणों का तुलना में प्रयोग

विशेषण मात्र संज्ञा-सर्वनाम की विशेषता ही नहीं बतलाते, अपितु विशेष्य शब्दों की विशेषता की तुलनात्मक अधिकता या न्यूनता को भी प्रकट करते हैं। यह विशेषणों की तुलना कहलाती है।)
तुलना-अवस्था तीन प्रकार की होती है—मूलावस्था, उत्तरावस्था तथा उत्तमावस्था।

1.मलावस्था इसमें किसी प्रकार की तुलना न होकर विशेष्य की सामान्य विशेषता प्रकट र की जाती है। जैसे
यह आम मीठा है।
मोहन पढ़ने में निपुण है।

2. उत्तरावस्था इसमें दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना द्वारा एक को दूसरे से अधिक . या न्यून दिखाया जाता है। जैसे-
मोहन श्याम से अधिक बलवान है। ध्यान देने योग्य तथ्य है कि उत्तरावस्था में दो विशेष्य होते हैं। उनमें तुलना प्रकट करने के लिए से, से बढ़कर, से घटकर, से कम, की अपेक्षा, की तुलना में, के मुकाबले, से अधिक आदि वाचक शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। उदाहरणतया-

मेरी मेज तुम्हारी मेज से काफीबड़ी है।
मोहन श्याम से बढ़करबलवान है।
मोहन श्याम की अपेक्षा अधिक बलवान है।
मोहन श्याम की तलना में अधिक बलवान है।
सोहन मोहन से बरालड़का है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

3. उत्तमावस्था इसमें दो से अधिक व्यक्तियों, प्राणियों या वस्तुओं की तुलना की जाती है तथा उनमें से किसी एक को सबसे अधिक या सबसे कम बताया जाता है। जैसे-
राजीव सबसे बुरालड़का है।

ध्यान देने योग्य है कि उत्तमावस्था में सबसे अधिक, सर्वाधिक, सभी में, सभी से, सबसे आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। कुछ उदाहरण देखिए-

मोहन कक्षा के सभीबच्चों सेबलवान है।
मोहन कक्षा में सबसे अधिक बलवान है।
मोहन कक्षा के बच्चों में सर्वाधिकबलवान है।

तुलनाबोधक प्रत्यय

विशेषताओं की तुलना को व्यक्त करने के लिए विशेषणों के पीछे तुलनाबोधक प्रत्ययों का प्रयोग होता है। हिंदी भाषा में संस्कृत और फारसी से आए प्रत्यय ही प्रयुक्त होते हैं। संस्कृत में उत्तरावस्था के लिए ‘तर’ और उत्तमावस्था के लिए ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण देखिए-
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 6
Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण - 7
प्रविशेषण

प्रश्न
प्रविशेषण किसे कहते हैं? कुछ उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
ऐसे विशेषण, जो किसी विशेषण या क्रिया-विशेषण की भी विशेषता हैं, प्रविशेषण . कहलाते हैं। उदाहरणतया-
रमेशबहुत अच्छा लड़का है।
इस वाक्य में ‘अच्छा’, ‘लड़का’ (विशेष्य) का विशेषण है तथा ‘बहुत’, ‘अच्छा’ (विशेषण) की भी विशेषता प्रकट कर रहा है। अतः ‘बहुत’ प्रविशेषण है। प्रविशेषण प्रायः विशेषण या क्रिया-विशेषण से पूर्व लगते हैं। ये विशेषण की अधिकता या निश्चितता-अनिश्चितता को प्रकट करते हैं। हिंदी में प्रायः बहुत, बहुत अधिक, अत्यधिक, अत्यंत, बड़ा, खूब, बिल्कुल, ठीक, थोड़ा, कम, पूर्ण, लगभग आदि प्रविशेषणों का प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण देखिए।

(i) रामअति , सुंदर है। (‘अति’ प्रविशेषण)
(ii) वहअत्यंत परिश्रमी बालक है। (‘अत्यंत प्रविशेषण)
(iii) तनिक धीरे-धीरे चलो। (‘तनिक’ प्रविशेषण)
(iv) वहबड़ा होनहार बालक है। (‘बड़ा’ प्रविशेषण)
(v) मैंपूर्णतः स्वस्थ हूँ। (‘पूर्णतः’ प्रविशेषण)
(vi) आपबड़े भोले हैं। (‘बड़े’ प्रविशेषण)
(vii) मोहनबहुत अधिक चतुर है। (‘बहुत अधिक प्रविशेषण)
(viii) सोहन अबविल्कुल स्वस्थ है। (‘बिल्कुल’ प्रविशेषण)
(ix) वह शाम कोठीक सात बजे आएगा। (‘ठीक’ प्रविशेषण)
(x) वहाँलगभग बीस आदमी थे। (‘लगभग’ प्रविशेषण)
(xi) मोहनबड़ा ईमानदार व्यक्ति है। (‘बड़ा’ प्रविशेषण)
(xii) चंद्रशेखर आजादमहान पराक्रमी क्रांतिकारी थे। (‘महान’ प्रविशेषण)

संबंधवाची विशेषण- कई बार संज्ञा और सर्वनाम के संबंधवाची रूपों को विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। जैसे –
यहमोहन की किताब सोहन को दे देना।
मेरी किताब कल ले आना।
यहाँ ‘मोहन की’ तथा ‘मेरी’ दोनों संबंधवाची विशेषण हैं।
कृदंती रूप-कई बार विशेषण एक शब्द के रूप में न आकर क्रिया-पदबंध के रूप में आता है। में जाता है। जैसे –

थका हुआ आदमी छाया पाकर सो गया।
बहता हआ पानी अचानक कागया:

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

यहाँ ‘थका हुआ’ और ‘बहता हुआ’ कृदंती रूप विशेषण की भूमिका निभा रहे हैं।

सादृश्यवाची विशेषण-सा’, ‘जैसा’, ‘के समान’ आदि सादृश्यवाची शब्दों से युक्त विशेषण सादृश्यवाची कहलाते हैं। जैसे –
उसका रूप मोहन जैसाहै।
सीता-सारूप अचानक कुरूप हो उठा।
यहाँ ‘मोहन जैसा’ और ‘सीता-सा’ सादृश्यवाची विशेषण हैं।

II. क्रियाविशेषण

जो अविकारी शब्द क्रिया की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे
मोहन धीरे-धीरेचल रहा है।
यहाँ ‘धीरे-धीरे द्वारा ‘चलने’ की विशेषता प्रकट हो रही है। अतः यह क्रियाविशेषण है। कुछ अन्य उदाहरण-

मोहन बिल्कलथक गया है।
वह प्रतिदिनपढ़ता है।
मोहन मीठाबोलता है।

क्रियाविशेषण के भेद क्रियाविशेषण के निम्नलिखित चार भेद हैं-

  1. कालवचाचक क्रियाविशेषण
  2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

1. कालवाचक क्रियाविशेषण-वे शब्द जिनसे क्रिया के होने या करने का समय सचित होता है, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे
वह अभी-अभीगया है। यहाँ ‘अभी-अभी’ ‘गया’ क्रिया के समय को सूचित कर रहा है।

कुछ अन्य उदाहरण-संजय परसों जयपुर गया था।
शीला प्रतिदिन स्कूल जाती है।
आजकल महंगाई बढ़ती जा रही है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

कालवाचक क्रिया-विशेषण के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं-

(क) कालबिंदवाचक आज, कल, अब, जब, अभी, कभी, सायं, प्रातः, परसों, कब, तब, . जब, पश्चात्।
(ख) अवधिवाचक सदैव, दिनभर, आजकल, नित्य, लगातार, निरंतर, सदा, आदि।
(ग) बारंबारतावाचक-प्रतिदिन, रोज, हर बार, बहुधा, प्रतिवर्ष आदि।

2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण जो क्रियाविशेषण क्रिया के स्थान या दिशा का बोध कराते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-
वह अंदर बैठा है। (स्थान)
वह ऊपर गया है। (दिशा)
यहाँ ‘अंदर’ और ‘ऊपर’ क्रमशः क्रिया के ‘स्थान’ और ‘दिशा’ का बोध करा रहे हैं।
अन्य उदाहरण-वह यहाँ रहता है।

माता जी बाहर गई हैं।
तुम इधर-उधर मत जाओ।

स्थान और दिशा के आधार पर इसके दो भेद हैं-
(क) स्थितिवाचक यहाँ, वहाँ, कहाँ, आगे, पीछे, मध्य, नीचे, ऊपर, तहाँ, जहाँ, अंदर, बाहर, आर-पार, चारों ओर, आस-पास, निकट आदि।
(ख) दिशावाचक- इधर, उधर, ऊपर, नीचे, दाहिने, बाएँ, की तरफ, की ओर, सामने, आमने-सामने, किधर आदि।

3. रीतिवाचक क्रियाविशेषण_जो क्रियाविशेषण क्रिया के होने की रीति या विधि का बोध कराते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे-
मोहन तेजी से दौड़ा।
-इसमें ‘तेजी से’ क्रियाविशेषण ‘दौड़ने’ की रीति का बोध करा रहा है।
‘अन्य उदाहरण- आप कहते जाइए, मैं ध्यानपर्वक सुन रहा हूँ।
अब वह भलीभांति नाच लेता है।
राकेशमधर गाता है।

कछ प्रचलित रीतिवाचक क्रियाविशेषण- कैसे, ऐसे, वैसे, जैसे, सुखपूर्वक, ज्यों-त्यों, उचित, अनुचित, धीरे-धीरे, सहसा, ध्यानपूर्वक, सच, तेज, झूठ, यथार्थ, अस्तु, अवश्य, न, नहीं, मत, अतएव, वृथा, जल्दी, शीघ्र इत्यादि।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कई प्रकार के होते हैं। इसके कुछ भेद इस प्रकार हैं –
(क) निश्चयात्मक-अवश्य, बेशक, सचमुच, वस्तुतः आदि।
(ख) अनिश्चयात्मक कदाचित्, बहुधा, प्रायः, अकसर, शायद आदि।
(ग) कारणात्मक क्योंकि, अतएव आदि।
(घ) आकस्मिकतात्मक सहसा, अचानक, एकाएक, अकस्मात् आदि।
(ङ) स्वीकारात्मक हाँ, सच, बिल्कुल, ठीक आदि।
(च) निषेधात्मकन, मत, नहीं, बिल्कुल, ठीक आदि।
(छ) आवयात्मक गटागट, धड़ाधड़, खुलमखुल्ला आदि।
(ज) अवधारक हो, तो, भर, तक आदि।

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण परिमाणवाचक क्रियाविशेषण क्रिया की मात्रा या उसके परिमाण का बोध कराता है। यह बताता है कि क्रिया कितनी मात्रा में हुई। जैसे-
वह बिल्कुल/थोड़ा/बहुत थक गया है।
यहाँ ‘बिल्कुल’, थोड़ा’,’बहुत आदि क्रियाविशेषण ‘थकना’ क्रिया की मात्रा का बोध करा . रहे हैं। कुछ अन्य उदाहरण-
मैं घोडा जरा चला ही था कि रिक्शा आ गया।
बंगाल में चावल अधिक खाया जाता है।
तुमकम बोलो।
पहनना ही खाता है, जितना कि डॉक्टर बताता है।

Bihar Board Class 10 Hindi व्याकरण विशेषण और क्रिया विशेषण

अन्य प्रचलित परिमाणवाचक क्रियाविशेषण –
अति, अत्यंत, कई, एक, कम, थोड़ा-सा, अधिक, कुछ, तनिक, बस, इतन किंचित, सर्वथा, लगभग, निपट, पर्याप्त, खूब आदि।