Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 13 प्रकाश

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 13 प्रकाश Text Book Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 13 प्रकाश

Bihar Board Class 6 Science प्रकाश Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(क) किसी भी वस्तु को देखने के लिए आवश्यक है –
(i) प्रकाश
(ii) अंधेरा
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv). इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) प्रकाश

(ख) प्रकाश गमन करता है –
(i) सीधी रेखा में
(ii) टेढ़ी रेखा में
(iii) उल्टी रेखा में
(iv) उपर्युक्त सभी में
उत्तर:
(i) सीधी रेखा में

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(ग) प्रकाश स्रोत से पहला दर्पण पर पड़नेवाली किरण कहलाती है –
(i) परावर्तन किरण
(ii) आपतित किरण
(iii) सीधी रेखा
(iv) उल्टी रेखा
उत्तर:
(ii) आपतित किरण

(घ) जब किसी अपारदर्शी वस्तु को प्रकाश में रखते हैं तो वस्तु के दूसरी ओर प्रकाश नहीं जा पाता फलतः वस्तु अपनी तरह की आकृति बनाती है, इसे कहते हैं –
(i) प्रकाश
(ii) छाया
(iii) प्रतिछाया
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) छाया

(ङ) छया दिखाई दे सकती है –
(i) दीवार पर
(ii) परदे पर
(iii) जमीन पर
(iv) उपर्युक्त सभी में
उत्तर:
(iv) उपर्युक्त सभी में

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

(क) लकड़ी का टुकड़ा …………….. है (पारदर्शी/अपारदर्शी/ पारभासी)
(ख) काँच का टुकड़ा ……………. है। (पारदर्शी/अपारदर्शी/ पारभासी)
(ग) दर्पण में …………….. बनता है। (बिम्ब/प्रतिबिम्ब)
(घ) प्रकाश ……………. रेखा में गमन करती है। (सीधी/ टेढ़ी)
(ङ) किसी वस्तु को देखते हैं…………….. के कारण (परावर्तन/पारदर्शिता)
उत्तर:
(क) अपारदर्शी
(ख) पारदर्शी
(ग) प्रतिबिम्ब
(घ) सीधी
(ङ) परावर्तन

प्रश्न 3.
पारदर्शी, अपारदर्शी तथा पारभासी वस्तुओं के तीन-तीन उदाहरण दें।
उत्तर:
पारदर्शी वस्तु – शीशा (ग्लास), जल, हवा।
अपारदर्शी वस्तु – पुस्तक, लकड़ी, पत्थर।
पारभासी वस्तु – घीसा हुआ शीशा, तेल लगा कागज, तेला

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प्रश्न 4.
क्या अंधेरे कमरे में दर्पण के सामने अपना प्रतिबिम्ब देख सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
किसी वस्तु के दृश्य होने या उनका प्रतिबिम्ब के बनने के लिए तीन तत्व का होना आवश्यक होता है-प्रकाश, परावर्तक सतह तथा बिम्ब। यहाँ दो तत्व उपस्थित हैं-दर्पण तथा बिम्ब। लेकिन प्रकाश उपस्थित नहीं है। इसलिए हम अपना प्रतिबिम्ब दर्पण में नहीं देख सकते हैं। क्योंकि प्रकाश की किरणों के परावर्तन के कारण ही प्रतिबिम्ब बनता है।

प्रश्न 5.
छाया देखकर किन-किन वस्तुओं को पहचान सकते हैं? सूची बनाएँ।
उत्तर:
वृक्ष, पत्थर, ईंट, मानव, जानवर, घर आदि।

प्रश्न 6.
कैसे बताएंगे कि प्रकाश सीधी रेखा में चलती है? अपने साथियों के बीच प्रयोग करके दिखाएँ।
उत्तर:
चार पोस्टकार्ड को समान ऊँचाई तथा समान आकार का छिद्र कर लेते हैं। अब एक जलती मोमबती लेते हैं। चारों को सजा लेते हैं कुछ बीच में कुछ दूरी छोड़ते हुए पोस्टकार्ड के पीछे एक पर्दा लगा लेते हैं तथा सबसे आगे मोमबत्ती जलाकर रखते हैं। अब प्रयोग का अवलोकन करते हैं। तो पता चलता है कि पर्दा पर छिद्र के आकार के बराबर प्रकाशित होता है।

अब एक पोस्टकार्ड में पहले से अलग छिद्र कर इसे पोस्टकार्डों के बीच में डलते हैं। फिर अवलोकन करते हैं तो पता चलता है कि पर्दा पर की किरणें नहीं पहुंच पाती हैं। यानि पर्दा का जो क्षेत्र पहले प्रकाशित था अब कोई भी क्षेत्र प्रकाशित नहीं होता है।

इस प्रकार यह साबित होता है कि बीच में कार्ड डालने से सीधी रेखा में छिद्र न रहकर ऊपर-नीचे हो गया जिसमें प्रकाश गमन नहीं कर पाया। अत: हम कह सकते हैं। “प्रकाश सभी रेखा में गमन करता है।”

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Bihar Board Class 6 Science प्रकाश Notes

अध्ययन सामग्री :

प्रकाश हमारे दैनिक जीवन में अति महत्वपूर्ण है। सूर्य के प्रकाश पर ही जीव-जन्तु एवं पेड़-पौधे अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आश्रित रहते हैं। पौधे प्रकाश के माध्यम से अपना भोजन बनाते हैं और उसी पेड़-पौधे से प्राप्त उत्पाद जीव-जन्तु अपने भोजन के लिए प्रयोग करते हैं। सूर्य के प्रकाश से जल वाष्पित होते हैं। पुनः वर्षा के रूप में जमीन पर आते हैं ‘ और हमारी धरती को हरा-भरा बनाती है।

प्रकाश के माध्यम से किसी को हम देख पाते हैं। यदि प्रकाश नहीं होता तो सभी वस्तु अदृश्य होती और आज हम यहाँ तक नहीं पहुँच पाते।

प्रकाश ऊर्जा का वह रूप होता है जो हमें देखने की अनुभूति प्रदान करता है। प्रकाश की किरणें जब किसी वस्तु पर आपतित होती हैं और उससे परावर्तित होकर हमारे आँख तक पहुँचती है, तब उस वस्तु का प्रतिबिंब हमारी आँख में बनता है। प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में गमन करता है। प्रकाश से कुछ वस्तु आर-पार हो जाता है। कुछ वस्तु से पार नहीं कर पाती है और कुछ वस्तु से होकर अंशतः पार करता है।

यानि वे वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश की किरणे पार हो जाती हैं तथा दूसरी ओर की वस्तुएँ साफ दिखायी पड़ती हों उसे पारदर्शी वस्तु कहते हैं। जैसे- शीशा, पानी आदि।

वे वस्तुएँ जिनसे होकरे प्रकाश की किरणें पार नहीं होती हों तथा दूसरी ओर की वस्तुएँ बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ती हों उसे अपारदर्शी वस्तु कहते हैं। जैसे —- लकड़ी, पुस्तक, दीवार, पत्थर आदि।

वे वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश की किरणें आंशिक रूप से पार होती हों तथा दूसरी ओर की वस्तुएँ धुंधली दिखाई पड़ती हों उसे पारभासी वस्तु कहते हैं। जैसे- घीसा हुआ शीशा, तेल लगा हुआ कागज आदि।

प्रकाश के गुण –

  • यह ऊर्जा का एक रूप होता है।
  • यह निर्वात में भी गमन करती है।
  • यह हमेशा सीधी रेखा में गमन करती है।
  • यह हमें देखने की अनुभूति प्रदान करती है।
  • यह एक तरंग के रूप में गमन करती है।

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प्रकाश की चाल (निर्वात में) 3 × 108 मी0/सं0 होती है।

प्रकाश का परावर्तन –

प्रकाश के चिकने पृष्ठ से टकराकर वापस लौटने की घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

प्रकाश स्रोत से पहला दर्पण पर पड़ने वाली किरण आपतित किरण कहलाती है। और दूसरे दर्पण से वापस आने वाली किरण को परावर्तित किरण कहते हैं। सतह पर लम्ब को अभिलम्ब कहते हैं। अभिलम्ब तथा आपतित किरण के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं। अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण के बीच बने कोण का परावर्तन कोण कहते हैं।

Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 13 प्रकाश 1

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परावर्तन के नियम –

परावर्तन के दो नियम हैं –
1. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब एक ही समतल में होते हैं।
2. आपतन कोण परावर्त्तन कोण के बराबर होता है।

जब प्रकाश की किरणों के रास्ते में कोई अपारदर्शी वस्तु आ जाती है, तो प्रकाश की किरणें आगे नहीं जा पाती हैं। वस्तु के आगे परदा रहने पर परदे के प्रकाशित भाग के बीच कुछ भाग ऐसा होता है, जो काला दिखता है, इस भाग को छाया कहते हैं। छाया की लम्बाई तथा आकार (क) प्रकाश के उद्गम (ख) अपारदर्शी वस्तु के आकार तथा (ग) प्रकाश के उद्गम तथा वस्तु के बीच की दूरी पर निर्भर करता है।

जब प्रकाश का उद्गम बिन्दुवत हो तो उससे बनने वाली छाया में एक जैसा अंधकार रहता है। जब प्रकाश के उद्गम का विस्तार रूकावट की अपेक्षा बड़ा हो, तो छाया के मध्य भाग में प्रकाश एकदम नहीं पहुँचने के कारण पूर्ण अंधकार में रहता है, यह प्रच्छाया कहलाता है और जिस भाग में अंशतः प्रकाश-पहुँचता है। उसे उपछाया कहते हैं। इस प्रकार प्रकाश का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है।