Bihar Board Class 9 Political Science Solutions Chapter 5 संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ

Bihar Board Class 9 Social Science Solutions Political Science राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 1 Chapter 5 संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Political Science Solutions Chapter 5 संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ

Bihar Board Class 9 Political Science संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नीतिगत फैसला निम्नलिखित में से कौन लेती है ?
(क) विधायिका
(ख) कार्यपालिका
(ग) न्यायपालिका
(घ) राष्ट्रपति
उत्तर-
(ख) कार्यपालिका

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प्रश्न 2.
राजनैतिक कार्यपालिका का प्रधान कौन होता है ?
(क) प्रधानमंत्री
(ख) जज
(ग) राष्ट्रपति
(घ) राजनैतिक नेता
उत्तर-
(ग) राष्ट्रपति

प्रश्न 3.
भारत के राष्ट्रपति द्वारा संकट काल की घोषणा निम्नलिखित में से किस वर्ष हुई?
(क) 1960 ई. में
(ख) 1970 ई. में
(ग) 1972 ई. में
(घ) 1975 ई० में
उत्तर-
(घ) 1975 ई० में

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प्रश्न 4.
भारत में राष्ट्रीय संकटकाल की घोषणा कौन करता है ?
(क) विदेशमंत्री
(ख) रक्षामंत्री
(ग) राष्ट्रपति
(घ) प्रधानमंत्री
उत्तर-
(ग) राष्ट्रपति

प्रश्न 5.
राष्ट्रपति का चुनाव होता है
(क) प्रत्यक्ष रूप से
(ख) अप्रत्यक्ष रूप से
(ग) दोनों ढंग से
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर-
(ख) अप्रत्यक्ष रूप से

प्रश्न 6.
उपराष्ट्रपति का चुनाव होता है
(क) अप्रत्यक्ष ढंग से
(ख) प्रत्यक्ष ढंग से
(ग) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों ढंग से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(क) अप्रत्यक्ष ढंग से

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प्रश्न 7.
केन्द्र में मंत्रियों की नियुक्ति कौन करता है?
(क) राष्ट्रपति
(ख) संसद
(ग) उपराष्ट्रपति
(घ) प्रधानमंत्री
उत्तर-
(घ) प्रधानमंत्री

प्रश्न 8.
केन्द्र में कानून बनाने का कार्य कौन करती है ?
(क) विधायिका
(ख) न्यायपालिका
(ग) राज्यसभा
(घ) सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर-
(क) विधायिका

प्रश्न 9.
राज्यपाल की नियुक्ति कितने वर्षों के लिए होती है ?
(क) 3 वर्षों
(ख) 4 वर्षों
(ग) 5 वर्षों
(घ) 6 वर्षों
उत्तर-
(ग) 5 वर्षों

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प्रश्न 10.
बिहार राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति इनमें से कौन करता है ?
(क) राष्ट्रपति
(ख) बिहार का राज्यपाल
(ग) मुख्य न्यायाधीश
(घ) मुख्यमंत्री
उत्तर-
(ख) बिहार का राज्यपाल

प्रश्न 11.
बिहार विधान मंडल के कितने सदन हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर-
(ख) दो

प्रश्न 12.
बिहार विधान परिषद् में वर्तमान में कितने सदस्य हैं ?
(क) 75
(ख) 60
(ग) 40
(घ) 36
उत्तर-
(क) 75

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प्रश्न 13.
विधानसभा के मनोनीत सदस्यों को छोड़कर बाकी सदस्यों का चुनाव किस प्रकार होता है ?
(क) अप्रत्यक्ष मतदान द्वारा
(ख) प्रत्यक्ष मतदान द्वारा
(ग) एकल विधि
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(ख) प्रत्यक्ष मतदान द्वारा

प्रश्न 14.
विधान सभा का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है ?
(क) 3 वर्ष
(ख) 4 वर्ष
(ग) 5 वर्ष
(घ) 6 वर्ष
उत्तर-
(ग) 5 वर्ष

प्रश्न 15.
न्यायाधीशों की नियुक्ति किसके द्वारा होती है ?
(क) मुख्य न्यायाधीश द्वारा
(ख) राष्ट्रपति द्वारा
(ग) मुख्यमंत्री द्वारा
(घ) प्रधानमंत्री द्वारा
उत्तर-
(ख) राष्ट्रपति द्वारा

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प्रश्न 16.
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना हुई थी ?
(क) 1 मार्च, 1910 ई०
(ख) 1 मार्च, 1912 ई०
(ग) 1 मार्च, 1914 ई०
(घ) 1 मार्च, 1916 ई०
उत्तर-
(घ) 1 मार्च, 1916 ई०

प्रश्न 17.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के अवकाश प्राप्त करने की उम्र निम्नलिखित में से क्या है ?
(क) 62 वर्ष
(ख) 60 वर्ष
(ग) 65 वर्ष
(घ) 70 वर्ष
उत्तर-
(क) 62 वर्ष

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प्रश्न 18.
भारत का राष्ट्रपति जटिल कानूनी मामलों पर किससे परामर्श ले सकता है ?
(क) कानून मंत्री से
(ख) प्रधानमंत्री से
(ग) उपराष्ट्रपति से
(घ) सर्वोच्च न्यायालय से
उत्तर-
(घ) सर्वोच्च न्यायालय से

प्रश्न 19.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय किसका निरीक्षण कर सकता है ? .
(क) अपने अधीनस्थ न्यायालयों का
(ख) संसद का
(ग) लोकसेवा आयोग का
(घ) सेना का
उत्तर-
(क) अपने अधीनस्थ न्यायालयों का

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प्रश्न 20.
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को कितने रुपये जमानत की राशि जमा करनी होती है ?
(क) 10,000
(ख) 12,000
(ग) 14,000
(घ)15,000
उत्तर-
(घ)15,000

प्रश्न 21.
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे व्यक्ति के नाम को कितने मतदाताओं द्वारा प्रस्तावित होना चाहिए?
(क) 50
(ख) 60
(ग) 70
(घ) 100
उत्तर-
(क) 50

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प्रश्न 22.
बाबू जगजीवन राम कब उपप्रधानमंत्री बने थे ?
(क) 1947 ई. में
(ख)1950 ई. में
(ग) 1960 ई० में
(घ) 1978 ई० में
उत्तर-
(घ) 1978 ई० में

प्रश्न 23.
लालकृष्ण आडवानी कब उप प्रधानमंत्री बने थे ?
(क) 1947 ई. में
(ख) 1978 ई. में
(ग) 2002 ई. में
(घ) 2006 ई. में
उत्तर-
(ग) 2002 ई. में

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प्रश्न 24.
लोकसभा को कहा जाता है ?
(क) प्रथम सदन
(ख) द्वितीय सदन
(ग) उच्च सदन
(घ) तृतीय सदन
उत्तर-
(क) प्रथम सदन

प्रश्न 25.
लोकसभा और विधानसभा के कुल स्थानों की संख्या कब तक
परिवर्तन नहीं किया जायेगा?
(क) 2015 तक
(ख) 2020 तक
(ग) 2025 तक
(घ) 2026 तक
उत्तर-
(घ) 2026 तक

प्रश्न 26.
राज्य सभा की कार्यवाही चलाने के लिए इसमें कुल सदस्यों के कितने भाग की उपस्थिति अनिवार्य होती है ?
(क) 1/10 भाग
(ख) 1/12 भाग
(ग) 1/15 भाग
(घ) 1/20 भाग
उत्तर-
(क) 1/10 भाग

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प्रश्न 27.
पटना विश्वविद्यालय का कुलपति कौन है ?
(क) राज्यपाल
(ख) मुख्यमंत्री
(ग) राष्ट्रपति
(घ) मुख्य न्यायाधीश
उत्तर-
(क) राज्यपाल

रिक्त स्थान की पूर्ति करें

प्रश्न 1.
शासन के कार्यकारी स्वरूप का निर्धारण व्यावहारिक रूप में …………………. द्वारा होता है।
उत्तर-
कार्यपालिका

प्रश्न 2.
केन्द्र सरकार ………………… महत्व के विषयों पर निर्णय लेती है।
उत्तर-
सर्वदेशीय

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प्रश्न 3.
राज्य सरकार ……………….. महत्व के विषयों पर निर्णय लेती है।
उत्तर-
स्थानीय

प्रश्न 4.
आधुनिक देशों में विभिन्न कार्य करने के लिए विभिन्न …………………. होती है।

प्रश्न 5.
……………….प्रधानमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं।
उत्तर-
राष्ट्रपति

प्रश्न 6.
राज्य में …………………….. कानून बनाता है।
उत्तर-
विधायिका

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प्रश्न 7.
लोकसभा…………..का प्रतिनिधि है।
जनता

प्रश्न 8.
इंगलैंड में संसद को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
हाउस ऑफ कौमन्स

प्रश्न 9.
अमेरिका में संसद को …………………. कहते हैं।
उत्तर-
प्रतिनिधिसभा

प्रश्न 10.
कानून बनाने हेतु जो प्रस्ताव तैयार किया जाता है उसे ………………… कहते
उत्तर-
विधेयक

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प्रश्न 11.
संसदीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का अधिकार इतना अधिक बढ़ गया है कि इसे ……………….. व्यवस्था कहा जाने लगा है।
उत्तर-
प्रधानमंत्रीय शासन

प्रश्न 12.
भारत में ……… व्यवस्था है।
उत्तर-
संघीय शासन

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प्रश्न 13.
राज्य में ………………. कार्यपालिका का प्रधान होता है।
उत्तर-
मुख्यमंत्री

प्रश्न 14.
राज्यपाल विधानमंडल के दोनों सदनों के ………………. में भाषण देते हैं।
उत्तर-
संयुक्त अधिवेशन

प्रश्न 15.
राज्यपाल के भाषण को ………………. कहा जाता है।
उत्तर-
अभिभाषण

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प्रश्न 16.
राष्ट्रपति शासन होने पर राज्यपाल केन्द्र के ……………….  के रूप में कार्य – करते हैं।
उत्तर-
एजेंट

प्रश्न 17.
राज्यपाल मुख्यमंत्री की ……………….  से सारा कार्य करते हैं। उत्तर-सलाह
उत्तर-
संस्थाएँ

प्रश्न 18.
भारतीय न्यायपालिका में पूरे देश के लिए ………………. . है।
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय

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प्रश्न 19.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति ……………….  करते हैं।
उत्तर-
राष्ट्रपति

प्रश्न 20.
भारत का सर्वोच्च न्यायालय को ………………. बनाया गया है।
उत्तर-
स्वतंत्र और निष्पक्ष

प्रश्न 21.
फाँसी के सजा की माफी का अधिकार केवल ……………….  की है।
उत्तर-
राष्ट्रपति

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प्रश्न 22.
ग्राम कचहरी को………………. की सजा देने का अधिकार प्राप्त है।
उत्तर-
एक माह

प्रश्न 23.
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए जन्मजात और ……………….  में भेदभाव नहीं किये जाने का प्रावधान है।
उत्तर-
राज्यकृत

प्रश्न 24.
राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे व्यक्ति का 50 मतदाताओं द्वारा ……………….  होना चाहिए।
उत्तर-
अनुमोदित

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प्रश्न 25.
संसद और विधान सभा के मनोनित सदस्य राष्ट्रपति के ………………………….. में भाग नहीं लेंगे।
उत्तर-
चुनाव

प्रश्न 26.
संसद और विधान सभा के मनोनित सदस्य राष्ट्रपति को ……………………की प्रक्रिया में अवश्य भाग लेंगे।
उत्तर-
हटाने

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प्रश्न 27.
सर्वोच्च न्यायालय वह संस्था है, जहाँ नागरिक और सरकार के बीच ………………. सुलझाये जाते हैं।
उत्तर-
विवाद अंततः

प्रश्न 28.
नीतिगत फैसले कार्यपालिका जनता के ………………… . में लेती है।
उत्तर-
हित

प्रश्न 29.
राज्य स्तर पर विधान मंडल …………………. .कहलाती है।
उत्तर-
विधानसभा

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प्रश्न 30.
अध्यक्षीय शासन का उदाहरण ………………. है।
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संघीय सरकार के अधीन कार्य करनेवाली महत्वपूर्ण संस्थाओं का नाम लिखें।
उत्तर-
तीन संस्थाएँ हैं- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ।

प्रश्न 2.
भारतीय संसद के कितने सदन हैं ?
उत्तर-
भारतीय संसद के दो सदन हैं- लोकसभा तथा राज्य सभा ।

प्रश्न 3.
राज्य सभा के सदस्य कितने वर्ष के लिए चुने जाते हैं ?
उत्तर-
छः वर्ष के लिए चुने जाते हैं।

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प्रश्न 4.
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने साल का होता है ?
उत्तर-
5 वर्ष ।

प्रश्न 5.
राज्यसभा का सभापति कौन होता है ?
उत्तर-
उपराष्ट्रपति ।

प्रश्न 6.
प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति ।

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प्रश्न 7.
लोकसभा में सदस्यों की कुल संख्या कितनी है ?
उत्तर-
वर्तमान समय में 545 है।

प्रश्न 8.
मंडल आयोग का गठन कब हुआ?
उत्तर-
सन् 1979 ई० में।

प्रश्न 9.
मंडल आयोग के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
श्री बी.पी. मंडल ।

प्रश्न 10.
संघीय कार्यपालिका का प्रधान कौन होता है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति ।

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प्रश्न 11.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है ? .
उत्तर-
राष्ट्रपति ।

प्रश्न 12.
केन्द्र में किसके हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाता है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति के ।

प्रश्न 13.
राज्य की कार्यपालिका शक्ति का वास्तविक प्रधान कौन होता है ?
उत्तर-
मुख्यमंत्री।

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प्रश्न 14.
सबसे निचले स्तर पर कौन-सा न्यायालय होता है ?
उत्तर-
ग्राम कचहरी ।।

प्रश्न 15.
विधेयक कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
दो प्रकार के-(i) सामान्य विधेयक (ii) धन विधेयक ।

प्रश्न 16.
पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरी में कितना प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है ?
उत्तर-
27%।

प्रश्न 17.
पिछड़े वर्गों के लिए 27% का आरक्षण कानून कब बना?
उत्तर-
13 अगस्त, 1990 ई. को।

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प्रश्न 18.
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति का नाम बताएँ।
उत्तर-
श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ।

प्रश्न 19.
बिहार के मुख्यमंत्री का नाम बताएँ।
उत्तर-
श्री नीतिश कुमार ।

प्रश्न 20.
विधानमंडल द्वारा पारित विधेयक कानून कब बनता है ?
उत्तर-
राज्यपाल की स्वीकृति के बाद ।

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प्रश्न 21.
बिहार में सरकार के खिलाफ अविश्वास या काम रोको प्रस्ताव किस सदन में उठाया जाएगा?
उत्तर-
सिर्फ विधानसभा में ।

प्रश्न 22.
विधान का उच्च सदन कौन है ?
उत्तर-
विधान परिषद ।

प्रश्न 23.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को समय से पहले कैसे हटाया जा सकता है ?
उत्तर-
महाभियोग प्रस्ताव के द्वारा ।

प्रश्न 24.
किस प्रकार के मुकदमों को सीधे उच्च न्यायालय में ले जाया जा सकता है ?
उत्तर-
मौलिक अधिकारों से संबंधित।

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प्रश्न 25.
क्या भारत में राज्यसभा में सभी राज्यों का समान प्रतिनिधित्व है ?
उत्तर-
नहीं, ऐसा होता ही नहीं है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संघीय संसद की रचना लिखें।
उत्तर-
संघीय संसद में राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं । लोकसभा के सदस्यों की संख्या 552 हो सकती है। पर, आजकल लोकसभा की कुल सदस्य संख्या 545 है। इनमें 543 निर्वाचित सदस्य हैं और दो राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य हैं। राज्य सभा सदन का ऊपरी सदन है जो जनता का प्रतिनिधित्व न करके राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें अधिकतम संख्या 250 हो सकती है पर इसमें 245 सदस्य हैं जिनमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत हैं।

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प्रश्न 2.
सरकार के अधीन कार्य करनेवाली संस्थाओं के नाम लिखें । इसमें कार्यपालिका के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
सरकार के अधीन कार्य करनेवाली तीन महत्वपूर्ण संस्थाएँ हैं-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका । इन तीनों के द्वारा ही शासन के सम्पूर्ण कार्यों का संचालन होता है । लेकिन शासन के कार्यकारी स्वरूप का निर्धारण व्यावहारिक रूप से कार्यपालिका द्वारा होता है । इसके द्वारा किए जाने वाले कार्य-

  • प्रशासकीय कार्य
  • नियुक्ति संबंधी कार्य
  • विधायिनी कार्य
  • सैनिक कार्य ।

प्रश्न 3.
संसद की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित बातों को लेकर इसकी आवश्यकता है

  • कानून बनाने के लिए ।
  • सरकार पर नियंत्रण रखने के लिए।
  • सार्वजनिक धन पर नियंत्रण रखने के लिए ।
  • लोगों के प्रतिनिधियों को एक मंच प्रदान करने के लिए संसद की आवश्यकता होती

प्रश्न 4.
नीतिगत फैसला क्या है ?
उत्तर-
केन्द्र सरकार के कार्य पद्धति को सर्वोच्च समझकर लिया गया फैसला ही नीतिगत फैसला है।

  • नीतिगत फैसला कार्यपालिका लेती है।
  • नीतिगत फैसले कार्यपालिका जनता के हित में लेती है।
  • नीति निर्धारण के क्रम में कार्यपालिका संसद की अनदेखी नहीं कर सकती है।

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प्रश्न 5.
संसदीय शासन-प्रणाली किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका के सहयोग पर सरकार आधारित है। इस प्रणाली में कार्यपालिका का प्रधान नाममात्र का होता है। . वास्तविक शक्ति व्यवस्थापिका में बहुमत प्राप्त दल के नेता के हाथों में – होती है। वह अपने कार्यों के लिए संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। भारत का राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यपालिका का प्रधान होता है, वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री के हाथों में होती है ।

प्रश्न 6.
अध्यक्षात्मक सरकार किसे कहते हैं, उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक सरकार का दूसरा रूप अध्यक्षात्मक सरकार है । इसमें राज्य और सरकार का वास्तविक प्रधान राष्ट्रपति होता है। इस प्रणाली में राष्ट्रपति कार्यपालिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता । अमेरिका में अध्यक्षात्मक सरकार है। संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति कार्यपालिका का सर्वेसर्वा होता है । विधायिका उसे समय के पूर्व हटा नहीं सकती है ।

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प्रश्न 7.
कार्यपालिका कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
कार्यपालिका दो तरह की होती है।
(i) राजनैतिक कार्यपालिका (ii) स्थायी कार्यपालिका

(i) राजनैतिक कार्यपालिका में ही शासन की वास्तविक शक्ति छिपी हुई है। राजनैतिक कार्यपालिका जनता के प्रतिनिधि के रूप में जनता की ओर से शासन करती है । इसका कार्यकाल निश्चित अवधि के लिए होता है । अथवा लोकसभा में बहुमत रहने तक दायित्व संभाले रहता है ।
(ii) स्थायी कार्यपालिका ऐसे उच्च पदाधिकारियों की फौज है जो , विभिन्न स्तर पर सरकार के नीति निर्धारण में परामर्श देती है एवं निर्देशानुसार नीति के स्वरूप को अमली जामा पहनाती है। इसका कार्यकाल पदस्थापित अधिकारियों के अवकाश ग्रहण करने तक बना रहता है।

प्रश्न 8.
राष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिए योग्यताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए योग्यताओं का वर्णन संविधान में किया गया है। ये योग्यताएँ इस प्रकार हैं-

  • वह भारत का नागरिक हो ।
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।
  • वह लोकसभा के लिए सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो ।
  • किसी लाभवाले पद पर कार्यरत न हो।

प्रश्न 9.
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचन मंडल द्वारा होता है, जिसमें दो तरह के सदस्य होते हैं-

  • भारतीय संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य।
  • राज्य के विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य ।

राष्ट्रपति का निर्वाचन एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार होता है। राष्ट्रपति के चुनाव में एक सदस्य एक मत वाली विधि नहीं अपनाई गई है। वैसे एक मतदाता को केवल एक ही मत मिलता है, लेकिन उसके मत की गणना नहीं होती बल्कि उसका मूल्यांकन होता है।

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प्रश्न 10.
राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने तथा उसे पद से हटाने के लिए संविधान में कौन-सी प्रक्रिया दी गयी है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति को पाँच वर्ष के लिए चुना जाता है; परंतु यदि कोई राष्ट्रपति अपनी शक्तियों के प्रयोग में संविधान का उल्लंघन करे तो पाँच वर्ष से पहले भी उसे अपने पद से हटाया जा सकता है। उसे महाभियांग द्वारा अपदस्थ किया जा सकता है । एक सदन राष्ट्रपति के विरुद्ध आरोप लगाता है। यदि दूसरा सदन 2/3 बहुमत से उन आरोपों की पुष्टि कर दे तो राष्ट्रपति को उसी दिन पद त्यागना पड़ेगा। जब तक दूसरा सदन राष्ट्रपति को हटाये जाने का प्रस्ताव पास नहीं करता, उस समय तक राष्ट्रपति अपने पद पर आसीन रहता है।

प्रश्न 11.
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है ? उनके किन्हीं तीन अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर-
उपराष्ट्रपति का चुनाव 5 वर्ष के लिए होता है । उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा गठित एक निर्वाचक मंडल द्वारा एकल संक्रमणीय मतविधि से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर होता है।

इनके तीन अधिकार निम्नलिखित हैं –

  • राज्य सभा की बैठक का सभापतित्व करना।
  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालना।
  • राज्यसभा में मत समानता की स्थिति में निर्णायक मत देना ।
  • जब राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है तब वैसी स्थिति में नव-नियुक्त राष्ट्रपति के पद ग्रहण करने तक वह राष्ट्रपति का पद सम्भालता है।

प्रश्न 12.
बिहार विधान परिषद् का गठन कैसे होता है ?
उत्तर-
यह विधानमंडल का दूसरा सदन है। यह एक स्थायी सदन है। विधान परिषद के सदस्यों की संख्या कम-से-कम 40 एवं अधिकतम संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या की एक-तिहाई तक हो सकती है। वर्तमान में बिहार विधानपरिषद में 75 सदस्य हैं । विधान परिषद् के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से होता है।

  • एक-तिहाई सदस्य राज्य की विधानसभा सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
  • एक-तिहाई सदस्य राज्य के स्थानीय निकायों के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
  • 1/2 सदस्य राज्य के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के अध्यापकों द्वारा।
  • 1/2 सदस्य स्नातकों द्वारा चुने जाते हैं।
  • 1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत होते हैं।

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प्रश्न 13.
बिहार विधानसभा का गठन किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
विधानसभा विधान मंडल का निम्न सदन है । विधानसभा का गठन जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली द्वारा हाता है। निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होता है । संपूर्ण राज्य को कई विधानसभा क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है तथा प्रत्येक क्षेत्र से एक-एक उम्मीदवार निर्वाचित होते हैं। बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं। बिहार विधान सभा जनता की प्रतिनिधि सभा है । संविधान के अनुसार राज्य में विधानसभा के सदस्यों की संख्या अधिक-से-अधिक 500 तथा कम-से-कम 50 हो सकती है।

राज्य में रहनेवाले प्रत्येक नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो, विधान सभा के चुनाव में हिस्सा ले सकता है। प्रत्येक विधानसभा में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए स्थान सुरक्षित रखा जाता है । चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति भारत का नागरिक हो तथा 25 वर्ष की आयु पूरा कर चुका हो । बिहार विधानसभा में अनुसूचित जातियों के लिए 39 स्थान सुरक्षित हैं पर अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यहाँ उनकी आबादी नगण्य है।

प्रश्न 14.
प्रधानमंत्री का निर्वाचन कैसे होता है ?
उत्तर-
संविधान की धारा 74 में अंकित है कि राष्ट्रपति के कार्यों में सहायता एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है । राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करता है । लोकसभा में अगर किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं होता है, उस परिस्थिति में वह संयुक्त संसदीय दल के नेता को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मंडल आयोग क्या है ? उसने क्या सिफारिशें की ? उसका परिणाम क्या हुआ?
उत्तर-
मंडल आयोग की स्थापना जनता पार्टी की सरकार ने 1979 ई. में की थी । इसके अध्यक्ष श्री वी. पी. मंडल थे। इस आयोग का कार्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए वर्गों की पहचान करना तथा उनके विकास के लिए सुझाव देना था, मंडल आयोग ने 31 दिसम्बर, 1980 को अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की। मंडल आयोग ने निम्नलिखित सिफारिशें की –

(i) सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण होना चाहिए।
(ii) अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए बनाए गए कार्यक्रम के लिए धन, केन्द्र सरकार को देना चाहिए ।

1989 ई० का लोकसभा चुनाव हुआ। चुनाव के बाद जनता दल की सरकार बनी । प्रधानमंत्री श्री वी. पी. सिंह ने संसद में राष्ट्रपति भाषण के जरिए मंडल रिपोर्ट लागू करने की अपनी मंशा की घोषणा को। तब जाकर 6 अगस्त, 1990 ई. को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में एक औपचारिक निर्णय लिया गया । केन्द्रीय सरकार की तरफ से इस पर स्वीकृति दे दी गई और 13 अगस्त, 1990 ई. में संयुक्त सचिव के हस्ताक्षर से कानून निर्गत हुआ। देशभर में इसका काफी विरोध हुआ। इस निर्णय के विरुद्ध कई अदालतों में मुकदमें दायर किये गये । निर्णय को अवैध घोषित करने की मांग हुई। परन्तु भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया और मुकदमें को ‘इंदिरा साहनी एवं अन्य बनाम भारत सरकार मामला’ कहा । कोर्ट के 11 सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 1992 ई. में फैसला दिया कि पिछड़े वर्ग में अच्छी स्थिति वाले लोगों को इस आरक्षण से वंचित करते हुए मंडल आयोग को वैध ठहराया। उसी के मुताबिक 8 सितम्बर 1993 ई. को कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया । यह विवाद सुलझ गया और तभी से इस नीति पर अमल किया जा रहा है।

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प्रश्न 2.
संसद की शक्तियों तथा कार्यों का वर्णन करें ।
उत्तर-
भारतीय संसद संघ की विधानपालिका है और संघ की सभी विधायिनी शक्तियाँ उसे प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त उसे और भी कई शक्तियाँ प्राप्त हैं। संसद को निम्नलिखित शक्तियाँ दी गई हैं-

  •  विधायिनी शक्तियाँ-इसका मुख्य कार्य है कानून बनाना ।
  • वित्तीय शक्तियाँ-संसद राष्ट्र के धन पर नियंत्रण रखती है । वित्तीय वर्ष के आरम्भ होने से पहले बजट संसद में पेश किया जाता है ।
  • कार्यपालिका पर नियंत्रण-संसद हर कार्य के लिए उत्तरदायी है।
  • राष्ट्रीय नीतियों का कार्यान्वयन कार्यान्वयन करना भी संसद का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
  • संवैधानिक शक्तियाँ संविधान संशोधन का भी अधिकार इस प्राप्त है।
  • विकास संबंधी कार्य-आधुनिक काल में सरकार का स्वरूप लोक कल्याणकारी हो गया है । इसका उद्देश्य केवल जनता की जानमाल की रक्षा ही नहीं बल्कि सर्वांगीण विकास है । जैसे-सड़कें बनवाना, रोशनी की व्यवस्था करना, सिंचाई की व्यवस्था, विद्यालयों, महाविद्यालयों की स्थापना करना, आवास के लिए भवनों का निर्माण कराना, अस्पताल की व्यवस्था करना, सफाई पर ध्यान देना इत्यादि ।

प्रश्न 3.
संसदीय और अध्यक्षात्मक शासन में क्या अंन्तर है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-
संसदीय शासन और अध्यक्षात्मक शासन में निम्नलिखित अंतर हैं-

  • संसदीय शासन में कार्यपालिका प्रधान नाममात्र का संविधानिक प्रधान होता है। अध्यात्मक शासन देश का प्रधान कार्यपालिका का ही प्रधान नहीं होता वरन राष्ट्र का भी वास्तविक प्रधान होता है।
  • संसदीय शासन का आधार शक्तियों का संयोग है। इसके विपरीत अध्यक्षात्मक शासन का आधार पृथक्करण का सिद्धान्त है ।
  • संसदीय शासन प्रणाली में कार्यपालिका एवं विधायिका में घनिष्ठ संबंध है। अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका और विधायिका एक दूसरे से पृथक और स्वतंत्र है।
  • संसदीय शासन में कार्यपालिका विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी
    अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कार्यपालिका विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी नहीं होता।
  • संसदीय शासन प्रणाली में कार्यपालिका पर विधायिका का नियंत्रण होता है और वह उसके प्रति उत्तरदायी भी रहता है। अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कार्यपालिका पर विधायिका का नियंत्रण नहीं होता।
  • संसदीय शासन में कार्यपालिका और विधायिका के बीच संघर्ष की संभावना नहीं रहती। अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका और विधायिका के बीच संघर्ष की सम्भावना रहती है । अध्यक्षात्मक शासन में कार्यपालिका और विधायिका में संघर्ष का वातावरण हमेशा बना रहता है।
  • संसदीय शासन में मंत्रिमंडल के सदस्य विधानमंडल के प्रति उत्तरदाीय होते हैं क्योंकि वे विधानमंडल के सदस्य होते हैं । अध्यक्षात्मक शासन में मंत्रिमंडल के सदस्य राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

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प्रश्न 4.
संघीय सरकार किसे कहते हैं ? इसके गुण-दोषों का वर्णन करें।
उत्तर-
संघीय शासन वह पद्धति है जिसमें समस्त शासकीय शक्ति केन्द्रीय सरकार तथा उन विभिन्न राज्यों या क्षेत्रीय उपविभागों की सरकारों के बीच बँटी रहती है जिसे मिलाकर संघ बनता है।

संघीय सरकार के निम्नलिखित गुण हैं-

  • राष्ट्रीय एकता में वृद्धि-इसका निर्माण अनेक इकाइयों के सहयोग से होता है; इसलिए विभिन्न इकाइयाँ पारस्परिक एकता के सूत्र में बँध जाती हैं।
  • क्षेत्रीय स्वतंत्रता-संघीय शासन से केवल राष्ट्रीय एकता में ही वृद्धि नहीं होती बल्कि विभिन्न इकाइयों तथा राज्यों की स्वतंत्रता एवं समानता भी कायम रहती है।
  • जन जागरूकता-संघीय शासन प्रणाली में शक्ति विकेन्द्रित रहती है इसलिए जनता को शासन में भाग लेने का अधिक समय मिलता है। इससे जनता अपने सामाजिक एवं राजनीतिक अधिकारों से परिचित रहती है।
  • उत्तरदायी पूर्ण शासन-संघीय शासन में अधिकारों का विभाजन केन्द्र तथा विभिन्न इकाइयों में रहता है। इसलिए केन्द्र तथा इकाइयाँ अपने-अपने दायित्व के अनुसार शासन के प्रति उत्तरदायी रहता है।
  • आर्थिक दृष्टि से उपयोगी-संघीय शासन प्रणाली आर्थिक दृष्टि से उपयोगी होता है क्योंकि केन्द्र तथा विभिन्न राज्यों को अपने आर्थिक साधनों में वृद्धि करने का समान अवसर मिलता है।
  • कुशल प्रशासन–संघीय शासन में अधिकारों का स्पष्ट विभाजन हो जाता है। इसमें प्रशासन की कार्य-कुशलता में वृद्धि हो जाती है।
  • प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा-संघीय शासन प्रणाली का सबसे बड़ा गुण है कि यह प्रजातात्रिक मूल्यों की रक्षा करता है।

संघीय शासन व्यवस्था के दोष-

(i) प्रधानमंत्री शासन व्यवस्था संसदीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का अधिकार हाल के दशकों में इतना अधिक बढ़ गया है कि संसदीय लोकतंत्र को कभी-कभी प्रधानमंत्रीय शासन व्यवस्था कहा जाने लगा है क्योंकि प्रधानमंत्री के पास सारे अधिकार सीमित रहने की प्रवृत्ति देखी गयी है। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ढेर सारे अधिकारों का इस्तेमाल किया । इन्दिरा गाँधी काफी प्रभावशाली प्रधानमंत्री थीं।

(ii) एकता का अभाव-बहमत नहीं मिलने पर गठबंधन सरकार का निर्माण होता है। गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री अपने मर्जी से फैसले नहीं कर सकता। गठबंधन के साझीदारों की राय भी माननी पड़ती है क्योंकि उन्हीं के समर्थन के आधार पर सरकार टिके होती है। हाल के ताजा उदाहरण डा. मनमोहन सिंह के सरकार पर संकट तब हुआ जब एंटमी करार पर वामदल ने मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

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प्रश्न 5.
राष्ट्रपति के अधिकार एवं कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति भारतीय संघ का प्रधान होता है। उनकी शक्तियाँ एवं कार्य निम्न हैं

(i) कार्यपालिका संबंधी अधिकार-राष्ट्रपति संघीय कार्यपालिका का प्रधान होता है। शासन. का सारा कार्य उन्हीं के नाम से होता है। कार्यपालिका के क्षेत्र में उसे निम्न अधिकार प्राप्त है-

(क) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है, तथा प्रधानमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है तथा उनके बीच कार्यों का बँटवारा करता है।
(ख) प्रधानमंत्री की सलाह से ही राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, चुनाव आयुक्त, राजदूतों, महालेखा परीक्षक, संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति करता है।
(ग) सेनाध्यक्षों की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करते हैं।
(घ) राष्ट्रपति किसी देश के विरुद्ध युद्ध एवं शान्ति की घोषणा कर सकता है।
(ङ) भारतीय संघ के मुख्य कार्यपालक होने के नाते उसका दायित्व है कि वह सदैव प्रशासन पर निगरानी रखे।

(ii) विधायिका संबंधी कार्य-राष्ट्रपति को भारतीय संसद की बैठक बुलाने, स्थगित करने तथा लोकसभा भंग करने का अधिकार प्राप्त
राष्ट्रपति के प्रमुख कार्यों में अध्यादेश जारी करने का अधिकार है। राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हैं, इसके अतिरिक्त वित्त आयोग की नियुक्ति, धनविधेयक की मंजूरी आदि महत्वपूर्ण कार्य हैं ।

(iii) वित्तीय अधिकार-वार्षिक बजट तैयार करने तथा वित्तमंत्री के माध्यम से संसद में प्रस्तुत कराने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है । कोई भी धन विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति के बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है। राज्यों के बीच वित्त वितरण का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है। .

(iv) न्यायसंबंधी अधिकार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं।
राष्ट्रपति किसी अपराधी के फाँसी की सजा को माफ या आजीवन कारावास की सजा में बदल सकते हैं।

(v) संकट कालीन अधिकार-भारतीय संविधान द्वारा राष्ट्रपति को कुछ संकटकालीन शक्तियाँ सौंपी गई हैं । ।

(क) युद्ध तथा बाहरी आक्रमण के समय राष्ट्रपति संकटकाल की घोषणा कर सकते हैं।
(ख) राज्यों में संवैधानिक विफलता पर ।
(ग) भारत में वित्तीय संकट उत्पन्न होने पर :
राष्ट्रपति के इस अधिकार का प्रयोग हमारे देश में 1962, 1971 एवं 1975 ई० में हुआ।

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प्रश्न 6.
प्रधानमंत्री के अधिकार और कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
संविधान की धारा 74 में उल्लेख है कि राष्ट्रपति के कार्यों ‘ में सहायता एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा। प्रधानमंत्री के अधिकार एवं कार्य निम्नलिखित हैं

  • मंत्रीपरिषद् गठन करने का अधिकार-प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद् का निर्माता, पालनकर्ता एवं विनाशकर्ता है। वह मंत्रियों की नियुक्ति करता है। उसकी इच्छा पर ही मंत्री मंत्री परिषद में बने रहते हैं।
  • वह मंत्रियों के बीच कार्यों का विभाजन करता है तथा उनके कार्यों पर निगरानी रखता है।
  • नीति निर्धारण का अधिकार-प्रधानमंत्री अपने सहयोगियों की सहायता से सरकार के लिए उच्चस्तरीय नीतियों का निर्धारण करता है ।
  • मंत्रीपरिषद और राष्ट्रपति के बीच की कड़ी-प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के बीच कड़ी का काम करता है। मंत्री परिषद के निर्णय की सूचना प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को देता है तथा राष्ट्रपति के विचारों से मंत्रिपरिषद को अवगत कराता है।
  • मध्यस्थता का कार्य-दो मंत्रियों या विभागों के बीच अगर किसी बात को लेकर मतभेद उत्पन्न होता है, तो उसे सुलझाने में प्रधानमंत्री मदद करता है।
  • संसद संबंधी कार्य-लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होने के कारण प्रधानमंत्री का दायित्व बढ़ जाता है। वह लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। संसद में कार्यों का संचालन, समय निर्धारण इत्यादि में प्रधानमंत्री मुख्य भूमिका निभाता है।
  • नियुक्ति संबंधी अधिकार कार्यपालिका के क्षेत्र में जो अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है, उसका वास्तविक रूप से उपयोग प्रधानमंत्री करते हैं।
  • वैदेशिक मामले संबंधी-यह अधिकार अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । इसमें प्रधानमंत्री अपने देश का प्रतिनिधित्व करता है।
  • संकटकालीन अधिकार-राष्ट्रपति को प्राप्त संकटकालीन अधिकारों का उपयोग प्रधानमंत्री ही करता है।

प्रश्न 7.
लोकसभा का गठन कैसे होता है ? इसके कार्य एवं अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकसभा भारतीय जनता की प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्यों का निर्वाचन प्रत्येक 5 वर्ष पर वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष ढंग से होता है । यह जनता की ओर से असली प्रतिनिधि सभा है। इसमें सदस्यों की संख्या 552 तक हो सकती है जिनमें 530 सदस्य विभिन्न राज्यों से एवं 20 सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों से चुनकर आते हैं।

शेष 2 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं । अनुसूचित जातियों ” के लिए 84 तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए 47 स्थान सुरक्षित है। लोकसभा का सदस्य वही हो सकता है जो-

  • भारत का नागरिक हो।
  • जिसने 25 वर्ष की आयु पूरा कर लिया हो।

लोकसभा के कार्य एवं अधिकार

(i) विधायिका संबंधी कार्य-लोकसभा को उन सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है। वह संघ सूची, समवर्ती सूची तथा आवश्यकता पड़ने पर राज्य सूची पर भी नियम बनाता है।

(ii) वित्तीय अधिकार भारतीय संसद वित्त पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। लोकसभा नये करों को लगाने, पुराने करों को कम करने अथवा हटाने की स्वीकृति प्रदान करती है। भारत का वित्तमंत्री प्रतिवर्ष आय-व्यय का लेखा संसद में पेश करता है। लोकसभा को यह अधिकार प्राप्त है कि खर्च की रकम कम कर दे या अस्वीकार कर दे।

(iii) कार्यपालिका संबंधी अधिकार-संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका विधायिका का एक सहायक निकाय है, इसलिए कार्यपालिका को हमेशा विधायिका के नियंत्रण में काम करना पड़ता है। कार्यपालिका निम्नलिखित तरीके से मंत्रीपरिषद पर नियंत्रण रखती है- (क) अविश्वास प्रस्ताव द्वारा, (ख) प्रश्न द्वारा, (ग) पूरक प्रश्न द्वारा, (घ) सरकारी विधेयक द्वारा, (ङ) सरकारी विधेयक को अस्वीकृत करके, (च) आलोचना करके, (छ) निंदा प्रस्ताव के द्वारा ।।

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प्रश्न 8.
साधारण विधेयक को कानून बनने के पहले कितने चरणों से – गुजरना पड़ता है ? वर्णन करें।
उत्तर-
साधारण विधेयक को कानून बनने के पहले पाँच चरणों से गुजरना पड़ता है।
(i) प्रथम वाचन-साधारण विधेयक लोकसभा या राज्यसभा दोनों में से किसी एक सभा में उपस्थित किया जा सकता है। विधेयक उपस्थापित करनेवाले उस विधेयक के नाम और शीर्षक बताने के बाद विधेयक से संबंधित मुख्य बातों की चर्चा करते हैं।

(1) द्वितीय वाचन-इस स्तर पर यह तय होता है कि विधेयक को प्रवर समिति के पास विचार के लिए प्रस्तुत किया जाय अथवा जनमत हेतु इसे प्रस्तावित किया जाए । अथवा उस पर सदन से ही तुरंत विचार कर लिया जाय । इसमें संशोधन का सुझाव देती है।

(iii) तृतीय वाचन-तृतीय वाचन में विधेयक पर मतदान होता है। मतदान में बहुमत मिलने पर विधेयक पास समझा जाता है। तृतीय वाचन में विधेयक में कोई हेर-फेर नहीं किया जाता है।

(iv) दूसरे सदन में पेश करना-एक सदन में पारित होने के बाद विधेयक दूसरे सदन में प्रस्तुत किया जाता है। दूसरे सदन में भी विधेयक को उन्हीं सब स्तरों से गुजरना पड़ता है जैसे पहले सदन में गुजरा है। संयुक्त बैठक में बहुमत मिल जाता है क्योंकि लोकसभा में सदस्यों की संख्या अधिक होती है।

(v) राष्ट्रपति की स्वीकृति—दोनों सदनों से पारित विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है, जिसका स्वीकृति मिलने के बाद विधेयक कानून बन जाता है। राष्ट्रपति चाहे तो विधेयक को संसद में पुन: विचार के लिए वापस कर सकते हैं । अगर संसद विधेयक की राष्ट्रपति के पास पुनः भेज देती है तो हस्ताक्षर करना अनिवार्य हो जाता है। इस तरह विधेयक कानून बन जाता है।

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प्रश्न 9.
राज्य सभा के गठन एवं कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
सदन के दो सदन हैं-लोकसभा और राज्यसभा । राज्य सभा को द्वितीय सदन भी कहते हैं।
गठन-यह सदन स्थायी सदन होता है। इसमें सदस्यों की संख्या 250 है। इसमें 238 सदस्य विभिन्न राज्यों के विधानसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित होते हैं तथा 12 सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्टता के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं। राज्यसभा के सदस्यों की कार्य अवधि 6 साल की होती है। इसमें सदस्यों की उम्र सीमा कम-से-कम 30 साल का होना चाहिए तथा वह भारत का नागरिक हो तथा लोकसभा की सदस्यता की योग्यता रखता हो । राज्यसभा का पदेन अध्यक्ष उपराष्ट्रपति होते हैं । एक उपाध्यक्ष भी होते हैं जो उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में सभा का संचालन करते हैं।

  • कार्यपालिका संबंधी-राज्यसभा सदस्य प्रश्न पूछकर, पूरक प्रश्न पूछकर, काम रोको प्रस्ताव पास कर यह सदन कार्यपालिका पर. नियंत्रण रखती है।
  • विधायिका संबंधी विधायिका संबंधी शक्तियाँ सीमित हैं। साधारण विधेयक राज्यसभा में प्रस्तुत किये जा सकते हैं । दोनों सदनों में मतभेद हो जाने पर राज्यसभा की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। ऐसी हालत में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है, किन्तु संयुक्त बैठक में सदस्य संख्या कम होने के कारण वह बात स्वीकृत नहीं हो पाती; यह . एकमात्र रुकावट है।
  • वित्त संबंधी राष्ट्रपति की स्वीकृति से ही संसद में बजट पेश किया जाता है । धन-विधेयक को स्वीकृति प्रदान करना, वित्त आयोग की नियुक्ति करना भी राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण कार्य हैं।

प्रश्न 10.
राज्यपाल की नियुक्ति किस प्रकार होती है ? उसके कार्य एवं अधिकारों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
नियुक्ति-भारतीय संविधान के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति. राष्ट्रपति द्वारा होती है। राष्ट्रपति राज्यपाल की नियुक्ति केन्द्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह से करता है, जिसमें प्रधानमंत्री की भूमिका अधिक रहती है। राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक है-

  • वह भारत का नागरिक हो
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह किसी विधानमंडल या संसद का सदस्य नहीं हो ।
  • वह किसी लाभ के पद पर न हो।

कार्य एवं अधिकार राज्य के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार हैं-

(i) कार्यपालिका संबंधी अधिकार राज्यपाल कार्यपालिका प्रधान होता है। इस कारण राज्य के सभी काम राज्यपाल के नाम होते हैं। राज्य के प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हैं । राज्यपाल बहुमत दल के नेता को मुख्य मंत्री के पद पर नियुक्त करता है तथा मुख्यमंत्री की सलाह से मंत्री परिषद के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है।

(ii) विधायिका संबंधी अधिकार-विधायिका क्षेत्र में निम्नलिखित अधिकार हैं

  • राज्यपाल ही राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक बुलाता है। वह विधान सभा को भंग भी कर सकता है।
  • राज्य सत्र के आरम्भ में विधानमंडल के दोनों सदनों को सम्बोधित करता है।
  • वह विधानपरिषद के 1/6 सदस्यों को मनोनीत करता है।
  • राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता।
  • धन विधेयक राज्यपाल की स्वीकृति के बिना विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है।

(iii) न्यायपालिका संबंधी अधिकार-उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति राज्यपाल से भी परामर्श लेता है। वह किसी
अपराधी की सजा को कम कर सकता है या माफ भी कर सकता है।

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प्रश्न 11.
मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है ? इसके अधिकार एवं कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
जो स्थान संघीय मंत्रिपरिषद् में प्रधानमंत्री का होता है, वही स्थान राज्यमंत्री परिषद में मुख्यमंत्री का होता है।
नियुक्ति- संविधान के अनुच्छेद 164 में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जायेगी लेकिन व्यवहार में राज्यपाल उसी व्यक्ति को मुख्य पद पर नियुक्त करता है जो विधानमंडल में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है। अगर किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं होता है उस परिस्थिति में राज्यपाल संयुक्त दल के नेता को मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त करता है।

मुख्यमंत्री के अधिकार एवं कार्य-

  • मंत्रिमंडल का निर्माणमुख्यमंत्री ही मंत्रिमंडल का निर्माता होता है, राज्यपाल उस पर अपनी सहमति दे देते हैं और विभागों का बंटवारा भी मंत्रियों के बीच वही करता
  • मंत्रीपरिषदका अध्यक्ष-मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का अध्यक्ष होता है और मंत्रिपरिषद की बैठक का सभापतित्व करता है।
  • विधानसभा का नेतृत्व-बहुमत दल का नेता होने के कारण वह सदन का कुशल नेतृत्व भी करता है। सभी प्रशासनिक विभागों का निरीक्षण करता है तथा मंत्रियों के बीच किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर मुख्यमंत्री उस विवाद का निपटारा कर अन्तिम निर्णय देता है।
  • नियुक्तियाँ-राज्यपाल एक औपचारिक प्रधान है। उसकी वास्तविक शक्ति का प्रयोग मुख्यमंत्री ही करता है। उसके कहने पर ही राज्यपाल किसी मंत्री को नियुक्त अथवा पदच्युत कर सकता है तथा विधान सभा को विघटित कर सकता है।
  • राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद के बीच एक कड़ी का काम मुख्यमंत्री करते हैं। वह राज्यपाल को मंत्रिपरिषद के सभी कार्यों की सूचना देता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि मुख्यमंत्री राज्य शासन का कप्तान है और राज्य मंत्रिमंडल में उसकी विशिष्ट स्थिति होती है।

प्रश्न 12.
विधानसभा के अधिकार और कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
विधानसभा राज्य विधान मंडल का प्रमुख सदन है। यह राज्य का प्रतिनिधि सभा है । इसके निम्नलिखित कार्य हैं

(i) विधान संबंधी अधिकार-विधान सभा कानून बनाने वाला प्रमुख सदन है। धन विधेयक तो सिर्फ विधान सभा में ही उपस्थापित किया जाता है। विधानसभा द्वारा पारित विधेयक पर विधान परिषद चार महीने के भीतर अपना अनुमोदन देने के लिए बाध्य है। चार महीना से अधिक विलम्ब होने पर विधेयक अपने आप पारित समझा जाता है। अतः विधि निर्माण में विधान सभा एक सशक्त सदन है।

(i) कार्यपालिका संबंधी अधिकार राज्य मंत्रिपरिषद अपने कार्यों के लिए विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होता है। मंत्रिपरिषद को विधानसभा के सदस्य काम रोको प्रस्ताव एवं निंदा प्रस्ताव लाकर मंत्रिपरिषद को नियंत्रित रखती है।

(iii) वित्तीय शक्तियाँ-विधानसभा को राज्य के वित्त पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त है। वित्त विधेयक सबसे पहले विधानसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। वित्त विधेयक में अन्तिम निर्णय विधान सभा के अध्यक्ष ही दे सकता है। जहाँ तक विधान परिषद का अधिकार है वह वित्त विधेयक को 14 दिनों तक ही रोक कर रख सकती है। 14 दिनों के अन्दर वह वापस नहीं करती तो धन विधेयक अपने आप पारित समझा जाता है।

(iv) विविध अधिकार-विविध अधिकार निम्नलिखित हैं-

(क) राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेना
(ख) संवैधानिक संशोधन में सहयोग करना

इस प्रकार विधान मंडल एक लोकप्रिय तथा शक्तिशाली सदन है।

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प्रश्न 13.
विधान परिषद के अधिकारों एवं कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
विधान परिषद विधान सभा की अपेक्षा एक निर्बल सदन है।

इसके निम्नलिखित कार्य हैं-

(i) विधायिनी शक्तियाँ-धन विधेयक को छोड़कर अन्य विधेयक विधान परिषद में पेश किया जा सकता है। परंतु कोई भी विधेयक विधान सभा के सहमति के बिना पारित नहीं होता। अत: विधायनी शक्तियों नियः

(ii) वित्तीय शक्तियाँ-वित्तीय क्षेत्र में विधानपरिषद की स्थिति , केन्द्र सरकार के राज्यसभा की तरह है। धन विधेयक इस सभा में पेश ‘नहीं किया जाता है। विधानसभा में पारित होने के बाद धन विधयक विधानपरिषद में आता है। विधान परिषद अपनी सुझाव के साथ अधिक-से-अधिक 14 दिनों तक रख सकता हैं। 14 दिनों के अन्दर विधानसभा में लौटा देना पड़ता है नहीं तो विधेयक स्वतः पारित समझा जाता है।

(iii) प्रशासकीय अधिकार-विधान परिषद का कार्यकारिणी पर बहुत कम अधिकार है। विधान परिषद अविश्वास के द्वारा नहीं हटा सकता, सिर्फ आलोचना कर सकता है। वास्तव में विधान परिषद के पास नगण्य अधिकार है।

प्रश्न 14.
भारत में सर्वोच्च न्यायालय का गठन कैसे होता है ? इसके क्षेत्राधिकार का वर्णन करें।’
उत्तर-
सर्वोच्च न्यायालय देश का सबसे बड़ा न्यायालय है। इसका गठन सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गई और यह नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यता निम्न है

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • कम से कम पाँच वर्ष किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश रह चुका हो या
  • कम से कम दस वर्ष किसी उच्च न्यायालय में वकालत कर” चुका हो या
  • राष्ट्रपति की राय में कानून का ज्ञाता हो ।

न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होता है। भारत में 65 वर्ष के उम्र तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर बने रहते हैं।

क्षेत्राधिकार-

  • प्रारंभिक क्षेत्राधिकार-इसमें दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य विवाद, केन्द्र एवं राज्यों के मध्य विवाद, मौलिक अधिकारों से संबंधित मुकदमें आदि सम्मिलित है।
  • अपीलीय अधिकार-सर्वोच्च न्यायालय को दीवानी एवं आपराधिक दोनों क्षेत्रों में अपीलीय क्षेत्राधिकार प्राप्त है । सर्वोच्च न्यायालय में कोई भी नागरिक अथवा राज्य सरकार उच्च न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकता है।
  • परामर्श संबंधी अधिकार-सर्वोच्च न्यायालय को परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार भी प्राप्त है। राष्ट्रपति कानून के किसी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय की राय ले सकते हैं, पर उस परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
  • संविधान का रक्षक-नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा का दायित्व सर्वोच्च न्यायालय पर है । इसलिए वह संविधान का रक्षक है।
  • पुनर्विचार का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णयों पर पुनर्विचार करने का भी अधिकार है।
  • निरीक्षण का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति के पूर्वानुमति से न्यायालय के अधिकारियों के वेतन, भत्ते, छुट्टी, पेंशन और सेवा की अन्य शर्तों से संबंधित नियम बना सकता है।

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प्रश्न 15.
लोकसभा के अध्यक्ष का निर्वाचन कैसे होता है ? उसके अधिकार एवं कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकसभा का एक अध्यक्ष एवं एक उपाध्यक्ष होता है, जिसका निर्वाचन लोकसभा सदस्य अपने में से ही करते हैं। अध्यक्ष लोकसभा की कार्यवाहियों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, और लोकसभा की कार्यवाहियों का संचालन करता है। इनका कार्यकाल सामान्यत: 5 वर्षों के लिए होता है । यह अपने पद पर तब तक बना रहता है जबतक कि नव-निर्वाचित लोकसभा अपने अध्यक्ष का चुनाव न कर ले।

लोकसभा के अध्यक्ष के कार्य एवं अधिकार निम्नलिखित हैं-

  • सभापतित्व करना लोकसभा का अध्यक्ष बैठक का सभापतित्व करता है.। सभापतित्व करते हुए सदन में शांति एवं अनुशासन बनाये रखना उसी का दायित्व है।
  • वाद-विवाद का समय निश्चित करना अध्यक्ष सदन के नेता से राय लेकर विभिन्न विषयों के संबंध में वाद-विवाद का समय निश्चित करता है।
  • काम रोको प्रस्ताव-किसी भी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर काम रोको प्रस्ताव लोकसभा में पेश करने की आज्ञा अध्यक्ष द्वारा ही दी जाती है।
  • प्रवर समिति के अध्यक्षों की नियुक्ति-लोकसभा के अध्यक्ष _ही प्रवर समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति करता है।
  • बजट संबंधी भाषणों की सीमा निर्धारण करना—इसकी काल . सीमा का निर्धारण अध्यक्ष ही करता है।
  • अन्य अधिकार-सदन को स्थगित करने, राष्ट्रपति तथा लोकसभा का माध्यम होना, सदस्यों के विशेषाधिकारों की रक्षा करना, संसदीय कार्यवाही से आपत्तिजनक शब्दों को हटाने का आदेश देना, संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता करना, तथा सभी विधेयकों का संचालन लोकसभा का अध्यक्ष ही करता है।