Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन

Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.

BSEB Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन

Bihar Board Class 11 History मूल निवासियों का विस्थापन Textbook Questions and Answers

Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
दक्षिणी और उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों के बीच के फों (अन्तर) से सम्बन्धित किसी भी बिन्दु पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों के विपरीत उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी बड़ी पैमाने पर खेती नहीं करते थे। वे अपने आवश्यकता से अधिक अत्पादन करते थे। इसलिए वे दक्षिणी अमेरिका की तरह राज्य और सम्राज्य स्थापित न कर सके।

प्रश्न 2.
आप उन्नीसवीं सदी के संयुक्त राज्य अमेरिका में अंग्रेजी के उपयोग के अतिरिक्त अंग्रेजों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की कौन-सी विशेषताएं देखते हैं?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों (मुख्यतः अंग्रेजों) के संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बसने तथा अपना विस्तार करने के कारण राज्य में अंग्रेजी भाषा का प्रचलन काफी बढ़ गया। इसके अतिरिक्त वहाँ बसे अंग्रेजों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित थीं –

1. जमीन के प्रति यूरोपीय लोगों का विचार मूल निवासियों से अलग था। ब्रिटेन और फ्रांस से आए कुछ प्रवासी ऐसे थे जो अपने पिता का बड़ा पुत्र न होने के कारण पिता की सम्पत्ति के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे। अत: वे अमेरिका में भूमि के स्वामी बनना चाहते थे।

2. जर्मनी, स्वीडन और इटली जैसे देशों से ऐसे अप्रवासी आए जिनकी जमीनें बड़े किसानों के हाथों में चली गई थीं। वे ऐसी जमीन चाहते थे, जिसे वे अपना कह सकें।

3. पोलैंड से आए लोगों को प्रेयरी चरागाहों में काम करना अच्छा लगता था, जो उन्हें। अपने देश के स्टेपीज की याद दिलाती थी।

4. अमेरिका में बहुत कम कीमत पर बड़ी सम्पत्तियाँ खरीद पाना आसान था। अत: अंग्रजों ने बड़े-बड़े भूखंड खरीद लिए। उन्होंने जमीन की सफाई की और खेती का विकास किया। उन्होंने मुख्य रूप से कपास और धान जैसी पसलें उगाईं। इसका कारण यह था कि ये फसलें यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इसीलिए वहाँ ऊंचे मुनाफे पर बेचा जा सकता था।

5. अपने विस्तृत खेतों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए अन्होंने शिकार द्वारा उनका सफाया कर दिया। 1873 में कंटीले तारों की खोज के बाद खेत पूरी तरह सुरक्षित हो गए।

6. अंग्रेजों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी बस्तियों के विस्तार के लिए खरीदी गई जमीन से वहाँ के मूल निवासियों को हटा दिया। उनके साथ अपनी जमीनें बेच देने की संधियाँ की गई और उन्हें जमीन की बहुत कम कीमतें दी गई। ऐसे उदाहरण भी मिलते हैं कि अमेरिकियों (संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले अंग्रेज) ने धोखे से उनसे अधिक भूमि हथिया ली या पैसा देने के मामले में हेराफरी की।

7. उच्च उधिकारी भी मूल निवासियों की बेदखली को गलत नहीं मानते थे। जॉर्जिया इसका उदाहरण है। जॉर्जिया संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है। यहाँ के अधिकारियों का तर्क था कि वहाँ के चिरोकी कबीले पर राज्य के कानून तो लागू होते हैं, परन्तु वे नागरिक अधिकारों का उपयोग भी कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
अमेरिकियों के लिए ‘फ्रंटियर’ के क्या मायने (अर्थ) थे?
उत्तर:
यूरोपियों द्वारा जीती गई भूमि तथा खरीदी गई भूमि के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका का विस्तार होता रहता था। इससे अमेरिका को पश्चिमी सीमा खिसकती रहती थी। इसके साथ मूल अमेरिकियों को भी पीछे हटना पड़ता था। वे राज्य की जिस सीमा तक पहुँच जाते थे उसे ‘टियर कहा जाता है।

प्रश्न 4.
इतिहास की किताबों में ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को शासित क्यों नहीं किया गया था?
उत्तर:
यूरोपीय इतिहासकारों ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के प्रति भेदभाव की नीति अपनाई। उन्होंने अपनी पुस्तकों में केवल ऑस्ट्रेलिया में आकर बसे यूरोपीयों की ही उपलब्धियों का वर्णन किया और यह दिखाने का प्रयास किया कि वहाँ के मूल निवासियों की न तो कोई परम्परा है और न ही कोई इतिहास। इसी कारण इतिहास की पुस्तकों में उनकी उपेक्षा की गई।

प्रश्न 5.
लोगों की संस्कृति को समझाने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित चीजें कितनी कामयाब रहती हैं? किसी संग्रहालय को देखने के अपने अनुभव के आधार पर सोदाहरण विचार करिए।
उत्तर:
लोगों की संस्कृति को समझने में संग्रहालय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहाँ प्रदर्शित वस्तुओं के आधार पर मूली बिसरी अथवा उपेक्षित संस्कृतियों को भी फिर से जीवित किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया की आदि संस्कृतियाँ इसके उदाहरण हैं।

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प्रश्न 6.
कैलिफोर्निया में चार लोगों के बीच 1880 में हुई किसी मुलाकात की कल्पना करिए । ये चार लोग हैं : एक अफ्रीकी गुलाम, एक चीनी मजदूर, गोल्ड रश के चक्कर में आया हुआ एक जर्मन और होपी कबीले का एक मूल निवासी। उनकी बातचीत का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैलिफोर्निया उत्तर अमेरिका का एक प्रसिद्ध शहर है। यहाँ ये चारों मिलकर अपनी आवश्यक्ता पूरा करने के लिए बातचीत करते हैं। इसमें सबसे शक्तिशाली गोल्ड रश के चक्कर में आया हुआ जर्मन है। वह अफ्रीकी गुलाम को अपने पास रखना चाहता है। वह उससे अपने यहाँ रहने के लिए कहता है। वह चीनी मजदूर से अपने काम करने के लिए पृण है। चीनी मजदूर टूटी फूटी भाषा में जवाब देता है। जमन निवासी होपी कबीले के मूल निवासी को जमीन देने के लिए कहता है ताकि वह यहाँ अपना व्यापार जमा सके। चारों टूटी अंग्रेजी में बातचीत करते हैं।

Bihar Board Class 11 History मूल निवासियों का विस्थापन Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
चिरोकी कौन थे? उनके साथ क्या अन्याय हो रहा था?
उत्तर:
चिरोकी संयुक्त राज्य अमेरिका के एक राज्य जार्जिया के मूल निवासी थे। वहाँ के मूल निवासियों में चिरोकी ही ऐसे थे जिन्होंने अंग्रेजी सीखने और अंग्रेजों की जीवन-शैली समझने का सबसे अधिक प्रयास किया था। उन पर राज्य के कानून तो लागू होते थे, परन्तु उन्हें नागरिक अधिकारों से वंचित होना पड़ता था।

प्रश्न 2.
अमेरिका में मूल निवासियों से जमीनें प्राप्त करने वाले लोग किस आधार पर अपने आप को उचित ठहराते थे?
उत्तर:
मूल निवासियों से जमीनें प्राप्त करने वाले लोग इस आधार पर अपने आप को उचित ठहराते थे कि मूल निवासी जमीन का अधिकतम प्रयोग करना नहीं जानते । इसलिए वह उनके पास रहनी ही नहीं चाहिए। वे यह कह कर भी मूल निवासियों की आलोचना करते कि आलसी : हैं। इसलिए वे बाजार के लिए उत्पादन करने में अपने शिल्प-कौशल का प्रयोग नहीं करते हैं। अंग्रेजी सीखने और ढंग के कपड़े पहनने में भी उनकी कोई रुचि नहीं है।

प्रश्न 3.
उत्तरी अमेरिका के सन्दर्भ में ‘रिजर्वेशंस’ (आरक्षण) क्या थे?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों को छोटे-छोटे प्रदेशों में सीमित कर दिया गया था। यह प्रायः ऐसी जमीन होती थी, जिनके साथ उनका पहले से कोई नाता नहीं होता था। इन्हीं जमीनों को रिजर्वेशन अथवा आरक्षण. कहा जाता था।

प्रश्न 4.
अमेरिका के मूल निवासियों ने अपनी जमीनें संघर्ष करने के बाद ही छोड़ी थीं। इसके पक्ष में उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अमेरिका के मूल निवासियों ने वास्तव में अपनी जमीनों के लिए संघर्ष किया था। इसके पक्ष में यह तर्क दिया जा सकता है कि संयुक्त राज्य की सेना को 1865 से 1890 ई. के बीच मूल निवासियों के विद्रोहों की एक पूरी श्रृंखला का दमन करना पड़ा था। इसी प्रकार 1869-1885 ई. के बीच कनाडा में मेटिसों (यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज) के विद्रोह
हुए थे।

प्रश्न 5.
उत्तरी अमेरिका में 1840 के दशक में मानवशास्त्र विषय का आरम्भ क्यों हुआ?
उत्तर:
1840 के दशक में उत्तरी अमेरिका में मानवाशास्त्र विषय का आरम्भ स्थानीय ‘आदिम’ समुदायों तथा युरोप के ‘समुदायों के बीच अन्तर को जानने के लिए हुआ। कुछ मानवशास्वियों ने यह स्थापित किया कि जिस प्रकार यूरोप में ‘आदिम’ लोग नहीं पाये जाते, उसी : प्रकार अमेरिका के मूल निवासी भी नहीं रहेंगे।

प्रश्न 6.
‘गोल्ड रश’ को किस बात ने जन्म दिया? यह क्या था?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों को इस बात की आशा थी कि उत्तरी अमेरिका में धरती के नीचे सोना है। 1840 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिह्न मिले । इसने ‘गोल्ड रश’ को जन्म दिया। ‘गोल्ड रश’ उस आपाधापी का नाम है, जिसमें हजारों की संख्या में यूरोपीय लोग सोना पाने की आशा में अमेरिका जा पहुंचे।

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प्रश्न 7.
अमेरिका महाद्वीप के लिए गोल्ड रश किस प्रकार वरदान सिद्ध हुआ?
उत्तर:
गोल्ड रश को देखते हुए पूरे महाद्वीप में रेलवे-लाइनों का निर्माण किया गया। इसके लिए हजारों चीनी श्रमिकों की नियुक्ति हुई। 1870 में संयुक्त राज्य अमेरिका में तथा 1885 में कनाडा में रेलवे का काम पूरा हो गया। स्कॉटलैंड से आने वाले अप्रवासी एंड्रिड कानेगी ने कहा था, “पुराने राष्ट्र घोंघे की चाल से सरकते हैं। नया गणराज्य किसी एक्सप्रेस की गति से दौड़

प्रश्न 8.
उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास के कौन-से दो मुख्य उद्देश्य थे?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास के निम्नलिखित उद्देश्य थे –

विकसित रेलवे के साज-समान बनाना, ताकि दूर-दूर के स्थानों को तीव्र परिवहन द्वारा जोड़ा जा सके।
ऐसे यन्त्रों का निर्माण करना, जिनसे बड़े पैमाने पर खेती की जा सके।

प्रश्न 9.
1934 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक युगान्तकारी कानून पारित हुआ। यह क्या था?
उत्तर:
यह कानून था 1934 का इंडियन रीऑर्गनाईजेशन एक्ट । इसके अनुसार रिजर्वेशंज में मूल निवासियों का जमीन खरीदने और ऋण लेने का अधिकार दिया गया।

प्रश्न 10.
मूल निवासियों ने किस दस्तावेज द्वारा तथा किस शर्त पर संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की?
उत्तर:
मूल निवासियों ने 1954 में अपने द्वारा तैयार किए गए ‘डिक्लेरेशन ऑफ इंडियन राइट्स’ नामक दस्तावेज द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की। उनकी शर्त यह थी कि उनके रिजर्वेशंज वापिस नहीं लिए जाएंगे और उनकी परम्पराओं में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

प्रश्न 11.
ऑस्ट्रेलिया में ‘ऐबॉरिजिनीज’ नामक आदिम कब आने शुरू हुए ? वहाँ के मूल निवासियों का इस विषय में क्या कहना है?
उत्तर:
माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया में ‘ऐबॉरिजिनीज’ नामक आदिम मानव आज से लगभग 40,000 साल पहले आने शुरू हुए। परन्तु वहाँ के निवासी इसका विरोध करते हैं। उनकी परम्पराओं के अनुसार वे कहीं बाहर से नहीं आए थे, बल्कि आरम्भ से ही वहीं रह रहे थे।

प्रश्न 12.
ऑस्ट्रेलिया के टॉरस स्ट्रेट टापूवासियों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए। इनके लिए ‘ऐबॉरिजिनीज’ शब्द का प्रयोग क्यों नहीं होता?
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया के देसी लोगों का एक विशाल समूह उत्तर में रहता है। इन्हें टॉरस स्ट्रेट टापूवासी कहते हैं। 2005 ई. में वे ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या का 2.4 प्रतिशत भाग थे । इनके लिए ऐबॉरिजिनी शब्द प्रयोग नहीं होता क्योंकि यह माना जाता है कि वे कहीं और से आए हैं और एक अलग नस्ल के हैं।

प्रश्न 13.
ऑस्ट्रेलिया की अधिकतर जनसंख्या कहाँ बसी हुई है और क्यों?
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या बहुत ही विरल है। वहाँ की अधिकतर जनसंख्या समुद्रतट के साथ-साथ बसी हुई है। इसका कारण यह है कि देश का भीतरी भाग शुष्क मरुभूमि है।

प्रश्न 14.
ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के व्यवहार के प्रति ब्रिटिशों का क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
ब्रिटिश नाविक कैप्टन कुक और उसके चालक दलन के आरम्भिक ब्योरों में मूल निवासियों के व्यवहार को मैत्रीपूर्ण बताया गया है। परन्तु जब एक मूल निवासी ने हवाई में कुक की हत्या कर दी तो ब्रिटिशों का दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गया । अब उन्होंने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वहाँ के मूल निवासी व्यवहार में हिंसक हैं।

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प्रश्न 15.
‘सेटलर’ (आबादकर) शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:’
सेटलर’ शब्द से अभिप्राय किसी स्थान पर बाहर से आकर बसे लोगों से है। इस शब्द का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में डचों के लिए, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, तथा ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश लोगों के लिए और अमेरिका में यूरोपीय लोगों के लिए किया जाता है।

प्रश्न 16.
दक्षिण अफ्रीका तथा अमेरिका में यूरोप उपनिवेशों की राजभाषा कौन-सी थी?
उत्तर:
कनाडा को छोड़कर इन सभी उपनिवेशों की राजभाषा अंग्रेजी थी। कनाडा में अंग्रेजी के साथ-साथ फ्रांसीसी भी एक राजभाषा थी।

प्रश्न 17.
‘नेटिव’ (मूल निवासी) शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
‘नेटिव’ शब्द उस व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपने वर्तमान निवास स्थान पर ही पैदा हुआ हो । 20वीं शताब्दी के आरम्भिक वर्षों में यह शब्द यूरोपीय लोगों द्वारा अपने उपनिवेशों के मूल निवासियों के लिए किया जाता था।

प्रश्न 18.
‘अमेरिका की पूर्व संध्या’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अमेरिका की पूर्व संध्या’ से अभिप्राय उस समय से है जब यूरोपीय लोग अमेरिका में आए और उन्होंने इस महाद्वीप को अमेरिका का नाम दिया।

प्रश्न 19.
उत्तरी अमेरिका के आरम्भिक निवासियों की जीवन शैली की कोई तीन विशेषताएं बताएँ।
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका के आरम्भिक निवासी नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह बना कर रहते थे।
वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियाँ तथा मक्का उगाते थे।
वे प्रायः मांस की तलाश में लम्बी यात्राएँ करते थे। मूख्य रूप से उन्हें ‘बाइर्सन’ अर्थात् उन जंगली भैंसों की तलाश रहती थी, जो घास के मैदानों में घूमते रहते थे।

प्रश्न 20.
वेमपुम (Wampum) बेल्ट क्या थी?
उत्तर:
वेमपुम बेल्ट रंगीन सीपियों को आपस में सिलकर बनाई जाती थी। किसी समझौते के बाद अमरिका के स्थानीय कबीलों के बीच इसका आदान-प्रदान होता था।

प्रश्न 21.
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों की परम्परा की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता बताइए।
उत्तर:
औपचारिक सम्बन्ध स्थपित करना, मित्रता करना, तथा उपहारों का आदान-प्रदान करना।

प्रश्न 22.
यूरोपीय लोगों को उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों पर किस बात ने अपनी शर्ते थोपने में सक्षम बनाया?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी शराब से परिचित नहीं थे। परन्तु यूरोपियों ने उन्हें शराब देकर शराब पीने का आदी बना दिया। शराब उनकी कमजोरी बन गई। उनकी कमजोरी ने यूरोगय लोगों को उन पर अपनी शत थोने में सक्षम बनाया।

प्रश्न 23.
पश्चिमी यूरोप के लोगों को अमेरिका के मूल निवासी असभ्य क्यों प्रतीत हुए?
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में पश्चिमी यूरोप के लोग ‘सभ्य’ मनुष्य की पहचान साक्षरता, संगठित धर्म शहरीपन के आधार पर करते थे। इसी दृष्टि से उन्हें अमेरिका के मूल निवासी ‘असभ्य’ प्रतीत हुए।

प्रश्न 24.
विभिन्न उपहारों के आदान-प्रदान के प्रति उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों तथा यूरोपीयों के दृष्टिकोण में क्या अन्तर था?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन चीजों का आदान-प्रदान करते थे, वे उन्हें मैत्री में मिले उपहार मानते थे। दूसरी ओर अमीरी का सपना देखने वाले यूरोपीय लोगों के लिए मछली और रोएँदार खालें मुनाफा कमाने के लिए बेची जाने वाली वस्तुएँ था।

प्रश्न 25.
यूरोपीय लोगों ने अमेरिका में अपनी जमीनों पर मुख्य रूप से कौन-सी फसलें उगाईं और क्यों?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों ने अमेरिका में अपने खेतों पर धान और कपास आदि फसलें उगाई सका कारण यह था कि ये फसलें यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इसीलिए यूरोप में इन्हें ऊँचे लाभ पर बेचा जा सकता था।

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प्रश्न 26.
यूरोपीय बागान मालिक लोग दक्षिण अमेरिका में दासों से काम क्यों लेना चाहते थे? इस सम्बन्ध में उन्हें क्या समस्या आई?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों के लिए अमेरिका के दक्षिणी प्रदेश की जलवायु काफी गर्म थी। ऐसी – जलवायु में उनके लिए घर से बाहर.(खेतों पर अथवा बागानों में) काम कर पाना कठिन थी। इसलिए वे दासों से काम लेना चाहते थे।

प्रश्न 27.
अमेरिका में यूरोपीय लोगों को अफ्रीका से दास क्यों खरीदने पड़े ? क्या इन दासों को दासता से मुक्ति मिली?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों को अपने खेतों पर काम करने के लिए दासों की जरूरत थी। परन्तु दक्षिणी अमरिकी उपनिवेशों से दास बना कर लाए गए मल निवासी बहत बडी संख्या में मौत का शिकार हो गए थे। इसीलिए बागान मालिकों को अफ्रीका से दास खरीदने पड़े। समय बीतने पर दासों के व्यापार पर तो रोक लग गई। परन्तु अफ्रीकी दासों को दासता से मुक्ति न मिली। – वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे।

प्रश्नी 28.
संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा का अन्त किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी राज्यों का अर्थतन्त्र बागानों पर आधारित न होने के कारण दास प्रथा पर आधारित नहीं था। अत: वहाँ दास प्रथा को समाप्त करने के पक्ष में आवाज उठने लगी और उसे एक अमानवीय प्रथा बताया गया। 1861-65 में दास प्रथा के समर्थक तथा उसके विरोधी राज्यों के बीच युद्ध हुआ। इसमें दासता विरोधियों की जीत हुई और दास प्रथा समाप्त कर दी गई।

प्रश्न 29.
कनाडा की ब्रिटिश सरकार के सामने फ्रांसीसियों के सम्बन्ध में क्या समस्या थी? इसे किस प्रकार सुलझाया गया?
उत्तर:
कनाडा की ब्रिटिश सरकार के सामने एक समस्या थी, जो लम्बे समय तक हल नहीं हो पाई थी। 1763 में ब्रिटेन ने फ्रांस के साथ हुई लड़ाई में कनाडा को जीत लिया था। वहाँ बसे फ्रांसीसी लगातार स्वायत्त राजनीतिक दर्जे की माँग कर रहे थे। अन्ततः 1867 में कनाडा को स्वायत्त राज्यों के एक महासंघ के रूप में संगाठित करके इस समस्या को हल किया गया।

प्रश्न 30.
ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आरम्भिक आबादकार कौन थे? उन्हें किस शर्त पर ऑस्ट्रेलिया में स्वतन्त्र जीवन जीने की अनुमति दी गई थी?
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आरम्भिक आबादकार ब्रिटिश कैदी थे जो इंग्लैंड से निर्वासित होकर आए थे। उनके कारावास की अवधि पूरी होने पर उन्हें इस शर्त पर ऑस्ट्रेलिया में ही स्वतन्त्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई कि वे ब्रिटेन वापस नहीं लौटेंगे। अपने जीवनयापन के लिए उन्होंने खेती के लिए ली गई जमीन से मूल निवासियों को निकाल बाहर किया।

प्रश्न 31.
ऑस्ट्रेलिया की गोरी सरकार ऑस्ट्रेलिया की भूमि को ‘टेरा न्यूलियस’ (terra nullius) क्यों कहती रहती है?
उत्तर:
टेरा न्यूलियस का अर्थ है-किसी को नहीं । सरकार का मानना था कि वहाँ की भूमि किसी को नहीं । ऐसा वहाँ पर यूरोपियों द्वारा किए भूमि अधिग्रहण को औपचारिक बनाने के लिए कहा जाता रहा है।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका अपने वर्तमान क्षेत्रफल तक किस तरह पहुँचे?’
उत्तर:
कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका 18वीं शताब्दी के अन्त में अस्तित्व में आए थे। उस समय उनके पास अपने वर्तमान क्षेत्रफल का एक छोटा-सा ही भाग था। वर्तमान आकार तक पहुँचने के लिए अगले सौ सालों में उन्होंने अपने नियन्त्रण वाले प्रदेश में काफी वृद्धि की। संयुक्त राज्य अमेरिका ने विस्तृत क्षेत्रों की खरीद की। उसने दक्षिण में फ्रॉस (लइसियाना परचेज) और रूस (अलास्का) से जमीन खरीदी। उसने युद्ध में भी जमीन जीती।

दक्षिण संयुक्त राज्य अमेरिका का अधिकतर भाग मेक्सिको से ही जीता गया था । किसी ने यह बात नहीं सोची कि उन प्रदेशों में रहने बाने मूल निवासियों की भी राय ली जाए। संयक्त राज्य अमेरिका की पश्चिमी सीमा खिसकती रहती थी। जैसे-जैसे सीमा खिसकती, वहाँ के निवासियों को भी पीछे खिसकने के लिए बाध्य कर दिया जाता था। \

प्रश्न 2.
19वीं शताब्दी में अमेरिका के भूदृश्य में होने वाले परिवर्तनों का वर्णन किजिए। ये परिवर्तन क्यों हुए?
उत्तर:
19वीं सदी में अमेरिका के भूदृश्य में अत्यधिक परिवर्तन आए।
कारण – जमीन के प्रति युरोपीय लोगों का रुख मूल निवासियों से अलग था। ब्रिटेन और फ्रांस से आए कुछ प्रवासी ऐसे थे जो अपने पिता का बड़ा पुत्र न होने के कारण पिता की सम्पत्ति के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे। अत: वे अमेरिका में जमीन का स्वामी बनना चाहते थे। बाद में जर्मनी, स्वीडन और इटली जैसे देश में ऐसे अप्रवासी आ गए जिनकी जमीनें बड़े किसानों के हाथ में चली गई थीं वे ऐसी जमीन चाहते थे, जिसे अपना कह सकें। पोलैंड से आए लोगों को प्रयरी (prairie) चरागाहों में काम करना अच्छा लगता था, जो उन्हें अपने देश के स्टेपोज (घास के मैदानों) की याद दिलाती थीं। अमेरिका में बहुत कम मूल्य पर बड़ी सम्पत्तियाँ खरी: पाना आसान था।

परिवर्तन – यूरोपीय लोगों ने खरीदी गई जमीन की सफाई की और खेती का विकास किया। उन्होंने धान और कपास आदि फसलें उगाईं। ये फसलें युरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इसीलिए युरोप में उन्हें ऊँचे लाभ पर बेचा जा सकता था। अपने विस्तृत खेतों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उन्होंने शिकार द्वारा उनका सफाया कर दिया। 1873 में कंटीले तारों की खोज के बाद खेत पूरी तरह सुरक्षित हो गए।

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प्रश्न 3.
संयुक्त राज्य अमेरिका में दास प्रथा के प्रचलन तथा समाप्ति पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी प्रदेश की जलवायु यूरोपीय लोगों के लिए काफी गर्म थी। इसलिए उनके लिए वहाँ घर से बाहर काम कर पाना कठिन था। अतः वे दासों से काम लेना चाहते थे। परन्तु दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों में दास बनाए गए मूल निवासी बहुत बड़ी संख्या में मौत का शिकार हो गए थे। इसीलिए बागान मालिकों ने अफ्रीका से दास खरीदे। समय बीतने पर दास प्रथा विरोधी समूहों के विरोध के कारण दासों के व्यापार पर रोक लग गई। परन्तु जो अफ्रीकी दास संयुक्त राज्य अमेरिका में थे, वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे।

दास प्रथा की समाप्ति-संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी राज्यों का अर्थतन्त्र बागानों पर आधारित न होने के कारण दास-प्रथा पर आधारित नहीं था। अत: वहाँ दास प्रथा को समाप्त करने के पक्ष में आवाज उठने लगी और उसे एक अमानवीय प्रथा बनाया गया। 1861-65 में दास प्रथा के समर्थक तथा विरोधी राज्यों के बीच युद्ध हुआ। इसमें दासता के विरोधियों की जीत हुई और दास प्रथा समाप्त कर दी गई।

प्रश्न 4.
ऑस्ट्रेलिया में यूरोपीय लोगों के आगमन के प्रति वहाँ के मूल निवासियों की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया की खोज 1770 ई. में अंग्रेज नाविक कैप्टन कुक ने की थी। वहाँ के मूल निवासियों ने कुक तथा उसके चालक दल का स्वागत किया। इसलिए ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के साथ हुई भेंट को लेकर कैप्टन कुक और उसके चालक दल के आरम्भिक ब्योरे मूल निवासियों के मैत्रीपूर्ण व्यवहार से भरे पड़े हैं। परन्तु बाद में एक मूल निवासी ने हवाई में कक की हत्या कर दी। इस कारण ब्रिटिशों को उनके प्रति दृष्टिकोण पुरी तरह से बदल गया। अब उन्होंने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वहाँ के मुल निवासी व्यवहार में हिंसक हैं।

यूरोपीय लोगों के आगमन को सभी मूल निवासियों ने खतरा नहीं माना । इसका कारण यह था कि उनमें दूर की सोच की कमी थी। वे यह अनुमान नहीं लगा पाए कि 19वीं और 20वीं सदी के बीच कीटाणुओं के प्रभाव से अपनी जमीनें छिन जाने से तथा आबादकारों के साथ होने वाली लड़ाइयों में लगभग 90 प्रतिशत मूल निवासियों को अपने प्राण गवाने पडेंगे।

प्रश्न 5.
ऑस्ट्रेलिया में मानव निवास के इतिहास का वर्णन करते हुए वहाँ के मूल निवासियों के समुदायों की जानकारी दीजिए।
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया में मानव निवास का इतिहास काफी लम्बा है। आरम्भिक मनुष्य या आदिमानव जिन्हें ‘ऐबॉरिजिनीज’ कहते हैं ऑस्टेलिया में लगभग 40,000 साल पहले आने शुरू हए थे। वे न्यूगिनी से आए थे जो ऑस्ट्रेलिया के साथ एक भूमि सेतु द्वारा जुड़ा हुआ था। इसके विपरीत मूल निवासियों की अपनी परम्पराओं के अनुसार वे ऑस्ट्रेलिया में बाहर से नहीं आये थे। बल्कि आरम्भ ही वहीं रह रहे थे।

मूल निवासियों के समुदाय – 18वीं सदी के अन्तिम चरण में ऑस्ट्रेलिया में मूल निवासियों के लगभग 350 से 750 तक समूदाय रहते थे। इनमें से प्रत्येक समुदाय की अपनी भाषा थी। देसी लोगों का एक अन्य विशाल समूह उत्तर में रहता है। 2005 ई. में वे ऑस्ट्रेलिया की कुछ जनसंख्या का 2.4 प्रतिशत भाग थे। इन्हें टॉरस स्ट्रेट टापूवासी कहते हैं। इनके लिए ‘ऐबॉरिजिनी’ शब्द प्रयोग नहीं होता क्योंकि यह माना जाता है कि वे कहीं और से आए हैं और एक अलग नस्ल के हैं।

प्रश्न 6.
मानव अधिकारों ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को न्याय दिलाने का मार्ग किस सीमा तक प्रशस्त किया है?
उत्तर:
1973 के दशक से संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों की बैठकों में मानवाधिकारों पर बल दिया जाने लगा। इससे ऑस्ट्रेलियाई जनता को यह आभास हुआ कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड के विपरित ऑस्ट्रेलिया में यूरोपीय लोगों द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण को औपचारिक बनाने के लिए मूल निवासियों के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है। सरकार सदा से ऑस्ट्रेलिया की जमीन को टेरा न्यूलियस (terra nullius) कहती आई थी। इसका अर्थ था, “जो किसी की नहीं है।” इसके अतिरिक्त वहाँ यूरोपवासियों द्वारा अपने आदिवासी रिश्तेदारों से जबरदस्ती छीने गए मिश्रित रक्त वाले बच्चों का भी एक लम्बा और यन्त्रणापूर्ण इतिहास था।

अन्ततः दो महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए –
इस बात को मान्यता देना कि मूल निवासियों का जमीन के साथ, जोकि उनके लिए पवित्र है, मजबूत ऐतिहासिक सम्बन्ध रहा। अतः इसका आदर किया जाना चाहिए।
‘श्वेत’ तथा ‘अश्वेत’ लोगों को अलग-अलग रखने के प्रयास में बच्चों के साथ जो अन्याय हुआ है, उसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए।

प्रश्न 7.
उपनिवेशीकरण को प्रेरित करने वाला मुख्य कारक कौन-सा था? उपनिवेशीकरण की प्रकृति में पाई जाने वाली विविधताओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उपनिवेशीकरण को प्रेरित करने वाला प्रमुख कारक मुनाफा था। परन्तु उपनिवेशीकरण की प्रकृति में कुछ महत्त्वपूर्ण विविधताएँ थीं, जिसके निम्नलिखित उदाहरण है-
1. दक्षिण एशिया में व्यापारिक कम्पनियों ने अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित की। उन्होंने स्थानीय शासकों को हराकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने नयी प्रशासनिक व्यवस्था. स्थापित करने की बजाय पुरानी सुविकसित प्रशासकीय व्यवस्था को ही अपनाया और भस्वामियों से कर वसूला। बाद में उन्होंने अपने व्यापार को सुगम बनाने के लिए रेलवे का निर्माण किया, खानें खुदवाई और बड़े-बड़े बागान स्थापित किए।

2. दक्षिणी अफ्रीका को छोड़कर शेष पूरे अफ्रीका में युरोपीय लोग लम्बे समय तक समुद्र तटों पर ही व्यापार करते रहे। 19वीं सदी के आखिरी चरण में ही वे अफ्रीका के भीतरी भागों में जाने का साहस कर सके। बाद में कुछ यूरोपीय देशों ने अपने उपनिवेशों के रूप में अफ्रीका का बँटवारा करने का समझौता कर लिया।

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प्रश्न 8.
उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के विस्तार, भूमध्य तथा संसाधनों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका महाद्वीप उत्तर ध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्क रेखा तक फ्राला हुआ है। दूसरी ओर इसका विस्तार प्रशान्त महासागर से अटलांटिक महासागर तक है।पिचरीले, पर्वतों की श्रृंखला के पश्चिम में अरिजोना और नेवाडा की मरुभूमि है। थोड़ा और पश्चिम सिएरा नेवाडा पर्वत है। पूर्व में ग्रेट (विस्तृत) मैदानी प्रदेश, महान् (विस्तृत) झीलें, मिसीसिपी तथा ओहियो और अप्लेशियन पर्वतों की घाटियाँ हैं। दक्षिण दिशा में मेक्सिको है। कनाडा का 40 प्रतिशत प्रदेश वनों से ढंका है। कई क्षेत्रों में तेल, गैस और खनिज संसाधन पाए जाते हैं। इनके आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में कई बड़े उद्योग स्थापित हैं। आजकल कनाडा में गेहूँ, मक्का और फल बड़े पैमाने पर पैदा किए जाते हैं।

प्रश्न 9.
यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमेरिका में सर्वप्रथम कब और कहाँ पहुँचे? वहाँ के स्थानीय लोगों के प्रति उनके व्यवहार तथा दृष्टिकोण की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर:
17वीं शताब्दी में यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमेरिका के उत्तरी तट पर पहुंचे। ये लोग मछली और रोएँदार खाल के व्यापार के लिए आए थे। इस काम में कुशल स्थानीय लोगों ने उनकी सहायता की। वे उनके मैत्रीपूर्ण व्यवहार से बहुत प्रसन्न हुए। स्थानीय उत्पादों के बदले में यूरोपीय लोग वहाँ के लोगों को कम्बल, लोहे के बर्तन, बंदुकें और शराब देते थे। इससे पहले वहाँ के लोग शराब से परिचित नहीं थे। शीघ्र ही वे इसकी आदत का शिकार हो गए।

यूरोपीय लोगों के लिए उनकी यह आदत अच्छी बात सिद्ध हुई। इसने उन्हें व्यापार के लिए अपनी शर्ते थोपने में सक्षम बनाया। यूरोपीय लोगों ने भी उन मूल निवासियों से तम्बाकू की आदत ग्रहण की। पश्चिमी यूरोप के लोग ‘सभ्य’ मनुष्य की पहचान साक्षरता, संगठित धर्म और शहरीपन के आधार पर करते थे। इस दृष्टि से उन्हें अमेरिका के मूल निवासी ‘असभ्य’ प्रतीत हुए।

प्रश्न 10.
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के व्यवहार को देखकर दुःखी क्यो होते थे?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन चीजों का आदान-प्रदान करते थे, वे उन्हें मैत्री में मिले उपहार मानते थे। दूसरी ओर अमीरी का सपना देखने वाले युरोपीय लोगों के लिए मछली और रोएँदार खाल मुनाफा कमाने के लिए बेची जाने वाली वस्तुएँ थीं। इन बेची जाने वाली वस्तुओं के मूल्य इनकी पूर्ति के आधार पर हर साल बदलते रहते थे। मूल निवासी इस बात को समझ नहीं सकते थे, क्योंकि उन्हें सुदूर यूरोप में स्थित ‘बाजार’ का जरा भी बोध नहीं था।

उनके लिए तो यह सब पहेली की तरह था कि यूरोपीय व्यापारी उनकी चीजों के बदले में कभी तो बहुत सा सामान दे देते थे और कभी बहुत कम। वे यूरोपीय लोगों के लालच को देखकर भी दुःखी होते थे। प्रचुर मात्रा में रोएँदार खाल प्राप्त करने के लिए उन्होंने सैकड़ों कदबिलावों को मार डाला था। मूल निवासी इससे काफी विचलित थे। उन्हें डर था कि जानवर उनसे इस विध्वंस का बदला लेंगे।

प्रश्न 11.
यूरोपीय व्यापारियों के बाद यूरोपीय लोग अमेरिका बसने के लिए क्यों आये? उन्होंने वहाँ के वनों के प्रति क्या नीति अपनाई?
उत्तर:
व्यापारी के रूप में आने वाले यूरोपीय लोगों के पीछे-पीछे अमेरिका में ‘बसने’ के लिए भी यूरोपीय आए। इनमें से अधिकतर लोग धार्मिक उत्पीड़न के शिकार थे। इन लोगों में कैथेलिक प्रभुत्व वाले देशों में रहने वाले प्रोटेस्टेन्ट अथवा प्रोटेस्टेन्टवाद को राजधर्म का दर्जा देने वाले देशों के कैथोलिक सम्मिलित थे। जब तक उनके बसने के लिए वहाँ खाली जमीनें थीं, कोई समस्या नहीं आई। परन्तु धीरे-धीरे वे महाद्वीप के आन्तरिक भागों में मूल निवासियों के गाँवों की ओर बढ़ने लगे। उन्होंने अपने लोहे के औजारों द्वारा जंगलों को साफ किया, ताकि खेती की जा सके।

उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों तथा यूरोपीय लोगों का वहाँ के वनों के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण था। मूल निवासियों को वन ऐसे मार्ग जुटाते थे, जो यूरोपीय :गों की पहुंच से बाहर थे। दूसरी ओर यूरोपीय लोगों की कल्पना में जंगलों के स्थान पर मक्कं के खेत उभरते थे। . अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति जैफर्सन का सपना एक ऐसे देश का था, जो छोटे-छोटे खेतों वाले । यूरोपीय लोगों से आबाद था। मूल निवासी उसके इस दृष्टिकोण को समझने में असमर्थ थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
संयुक्त राज्य अमेरिका में मूल निवासियों के अधिकारों एवं हितों के लिए क्या किया गया? अब उनकी क्या स्थिति है?
उत्तर:
1920 के दशाक तक संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के मूल निवासियों की भलाई के लिए कुछ नहीं किया गया था। उन्हें न तो स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाएँ प्राप्त थीं और न ही शिक्षा सम्बन्धी।

1934 का ‘इंडियन रिआर्गनाइजेशन एक्ट’-अन्ततः गोरे अमेरिकियों के मन में उन मूल निवासियों के प्रति सहानुभूति जागी, जिन्हें अपनी संस्कृति का पालन करने से रोका गया था और जिन्हें नागरिकता के लाभों से भी वंचित रखा गया था। इस बात ने संयुक्त राज्य अमेरिका में एक युगान्तकारी कानून को जन्म दिया। यह कानून था-1934 का इंडियन रीऑर्गनाईजेशन एक्ट। इसके अनुसार रिजर्वेशन्स में मूल निवासियों को जमीन खरीदने और ऋण लेने का अधिकार दिया गया।

1950 तथा 1960 के दशकों में सरकारी नीति-1950 और 1960 के दशकों में संयुक्त राज्य और कनाडा की सरकारों ने मूल निवासियों के लिए किए गए प्रावधनों को समाप्त करने पर विचार किया। उन्हें आशा थी कि इससे वे ‘मुख्य धारा में शमिल’ होंगे अर्थात् वे यूरोपीय संस्कृति को अपना लेंगे । परन्तु मूल निवासी ऐसा नहीं चाहते थे। 1954 में अनेक मूल निवासियों ने अपने द्वारा तैयार किए गए ‘डिक्लेरेशन आफ इंडियन राइट्स’ में इस शर्त के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता स्वीकार की कि उनके रिजर्वेशन्स वापस नहीं लिए जाएंगे और उनकी परम्पराओं में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। कुछ ऐसी ही चीजें कनाडा में भी हुई।

1969 में सरकारी नीति-1969 में सरकार ने घोषणा की कि वह “आदिवासी अधिकारों को मान्यता नहीं देगी।” मूल निवासियों ने इसका डटकर विरोध किया। उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किए तथा धरने दिए। 1982 में एक संवैधानिक धारा के अनुसार मूल निवासियों के वर्तमान आदिवासी अधिकारों तथा समझौता-आधारित अधिकारों को स्वीकृति मिलने पर ही इस समस्या का समाधान हो सका । परन्तु इन अधिकारों की बारीकियों के बारे में अभी भी बहुत से निर्णय बाकी हैं। भले ही अब दोनों देश के मूल निवासियों कि संख्या 18वीं शताब्दी की तुलना में बहुत कम हो गई है तो भी उन्होंने अपने सांस्कृतिक अधिकारों की जबरदस्त दावेदारी की है।

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प्रश्न 2.
ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया में किस प्रकार अपने कैदियों को स्थायी रूप से बसा दिया? यूरोपीय बस्ती के रूप में ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक विकास पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश आम्भिक आबादकार इंगलैंड के कैदी थे जो वहाँ निर्वासित होकर आए थे। उनके कारावास की अवधि पूरी होने पर ब्रिटेन वापस न लौटने की शर्त पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही स्वतन्त्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई। अपने जीवनयापन के लिए उन्होंने खेती के लिए ली गई जमीन से मूल निवासियों को निकाल बाहर किया।

ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक विकास-यूरोपीय बस्ती के रूप में ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक विकास में अमेरिका जैसी विविधता नहीं थी। वहाँ एक लम्बे समय के बाद ही भेड़ों के विशाल फार्मों, खानों, मदिरा बनाने के लिए अंगूर के बागों और गेहूँ की खेती का विकास हो सका, जिसमें काफी श्रम लगा। ये ऑस्ट्रेलिया की सम्पन्नता का आधर बने। जब राज्यों को आपस में मिलाया गया और 1911 में ऑस्ट्रेलिया की एक नई राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया, तब इस राजधानी का नाम ‘चूलव्हीटगोल्ड’ (Woolwheat gold) रखने का सुझाव दिया गया था। परन्तु ‘अन्त में उसका नाम कैनबरा रखा गया जो एक स्थानीय शब्द कैमबरा (kamberra) से बना है जिसका अर्थ है ‘सभा-स्थल’।

ऑस्ट्रेलिया के कुछ मूल निवासियों को खेतों में काम पर लगाया गया था। वे दासों जैसी कठोर परिस्थितियों में काम करते थे। बाद में चीनी अप्रवासियों ने सस्ता श्रम जुटाया; जैसे कि कैलिफोर्निया में हुआ था। परन्तु गैर-गोरों पर बढ़ती हुई निर्भरता से उत्पन्न घबराहट के कारण चीनी अप्रवासियों को प्रतिबन्धित कर दिया गया। 1974 तक लोगों के मन में, यह भय घर कर गया था कि दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के ‘काले’ लोग बड़ी संख्या में ऑस्ट्रेलिया आ सकते हैं। अत: ‘गैर-गोरों’ को बाहर रखने के लिए सरकार ने एक विशेष नीति अपनाई।

प्रश्न 3.
‘दि ग्रेट ऑस्ट्रेलियन साइलेंस क्या थी? इसने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृति तथा परम्पराओं को पुनर्जीवित करने में कैसे सहायता पहुँचाई?
उत्तर:
1963 में एक मानवशास्त्री डब्ल्यु. ई. एच. स्टैनर के एक व्याख्यान से लोगों में बिजली की तरंग सी दौड़ गई। व्याख्यान का शीर्षक था-‘दि ग्रेट ऑस्ट्रेलियन साइलेंस’ (महान् ऑस्ट्रेलियाई चुप्पी)। यह चुप्पी इतिहासकारों की मूल निवासियों के बारे में चुप्पी थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के इतिहास तथा संस्कृति के प्रति पूरी तरह चुप्पी साध ली थी। 1970 के दशक में उत्तरी अमेरिका की तरह यहाँ भी मूल निवासियों को एक नए रूप में समझने की चाहत उत्पन्न हो गई।

उन्हें विशिष्ट संस्कृतियों वाले समुदायों तथा प्रकृति एवं जलवायु को समझने में सहायक विशिष्ट पद्धतियों का रूप माना गया। अब उन्हें ऐसे समुदायों के रूप में समझा जाना था, जिनके पास अपनी कथाओं, कपड़ासाजी, चित्रकारी तथा हस्तशिल्प के कौशल का विशाल भंडार था। उनका यह भंडार सराहना; सम्मान तथा अभिलेखन के योग्य था। इन सबकी तह में एक जरूरी प्रश्न भी था। यह प्रश्न आगे चलकर हेनरी रेनॉल्डस ने अपनी प्रभावशाली पुस्तक, ‘व्हाइ वरंट वी टोल्ड?’ में सामने रखा । इस पुस्तक में ऑस्ट्रेलियाई इतिहास लेखन की उस प्रथा की भर्त्सना की गई थी, जिसमें वहाँ के इतिहास का आरम्भ कैप्टन कुक की खोज से माना जाता था।

ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृतियों का अध्ययन – तब से मूल निवासियों की संस्कृतियों का अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालयों में विशेष विभागों की स्थापना की गई है। आर्ट गैलरीज में देसी कलाओं की गैलरीज शामिल की गई हैं। संग्रहालयों में देसी संस्कृति को समझाने वाले कल्पनाशील तरीके से बनाए गए कमरों को स्थान दिया गया है। अब मूल निवासियों ने स्वयं भी अपने जीवन-इतिहास को लिखना आरम्भ कर दिया है। यह सब एक अद्भुत प्रयास है। यह प्रयास समय रहतें शुरू हो गया है। यदि मूल निवासियों की संस्कृतियों की अनदेखी होती रहती तो इस समय तक उनका बहुत कुछ भुला दिया गया होता।

1974 से ऑस्ट्रेलिया की राजकीय नीति बहुसंस्कृतिवादी रही है। इस नीति के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृतियों और यूरोप तथा एशिया के अप्रवासियों को संस्कृतियों को समान आदर दिया गया है। नयी दुनिया के देशों को यूरोपवासियों द्वारा दिए गए नाम।

‘अमेरिका’ – यह नाम पहली बार अमेरिगो वेसपुकी (1451-1512) का यात्रा-वृत्तांत छपने के बाद प्रयोग में आया।
‘कनाडा’ – कनाडा में निकला शब्द (1535 में खोजी जाक कार्टियर को मिली जानकारी के अनुसार, यूरों-इरोक्यूइम की भाषा में कनाटा का अर्थ था, ‘गाँव’).
‘ऑस्ट्रेलिया’ – महान् दक्षिणी महासागर में स्थित भूमि के लिए सोलहवीं सदी में प्रयुक्त नाम।
‘न्यूजीलैंड’ – हॉलैंड के तासमान द्वारा दिया गया नाम, जिसने सबसे पहले 1642 में इन टापुओं को देखा था। डच भाषा में ‘समुद्र’ को ‘जी’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
उत्तरी अमेरिका में मानव के आगमन तथा उपनिवेशीकरण से पूर्व उनकी जीवन-शैली की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मानव का आगमन – उत्तरी अमेरिका के सबसे पहले निवासी 30,000 साल पहले बेरिंग स्टेट्स के आर-पार फैले भूमि-सेतु के मार्ग से एशिया से आए थे। लगभग 10,000 साल – पहले वे आगे दक्षिण की ओर बढ़े। अमेरिका में मिलने वाली सबसे पुरानी मानव कृति-एक तीर की नोक है, जो 11,000 साल पुरानी है। लगभग 5000 साल पहले जलवायु में स्थिरता आयी और उत्तरी अमेरिका की जनसंख्या बढ़ने लगी।

जीवन – शैली-यहाँ के लोग नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह बनाकर रहते थे। वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियाँ तथा मक्का उगाते थे। वे प्रायः मांस की तलाश में लम्बी यात्राएँ करते थे। मुख्य रूप से उन्हें ‘बाइसन’ अर्थात् उन जंगली भैंसों की तलाश रहती थी, जो घास के मैदानों में घूमते रहते थे। परन्तु वे उतने ही जानवर मारते थे, जितने उन्हें भोजन के लिए आवश्यक होते थे।

ये लोग लोभी नहीं थे। वे बड़े पैमाने पर खेती नहीं करते थे। न ही वे अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादन करते थे। इसलिए वे केन्द्रीय तथा दक्षिणी अमेरिकी की तरह राज्य और साम्राज्य स्थापित न कर सके। उन्हें भूमि पर नियन्त्रण की कोई चिन्ता नहीं थी क्योंकि वे उससे मिलने वाले भोजन और आश्रय से ही सन्तुष्ट रहते थे। इसलिए भूमि को लेकर कबीलों के बीच बहुत कम ही झगड़े होते थे। औपचारिक सम्बन्ध स्थापित करना, मित्रता करना तथा उपहारों का आदान-प्रदान करना उनकी परम्परा थी।

उत्तरी अमेरिका में अनेक भाषाएँ बोली जाती थौं । लोगों का विश्वास था कि समय की गति चक्रीय है। प्रत्येक कबीले के पास अपनी उत्पत्ति और इतिहास के बारे में ब्योरे थे, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलते रहते थे। वे कुशल कारीगर थे और खूबसूरत कपड़े बुनते थे। उन्हें भूदृश्यों तथा जलवायु की भी पूरी जानकारी थी।

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प्रश्न 5.
संयुक्त राज्य अमेरिका के मूल निवासियों की अपनी जमीनों से बेदखली की समस्या की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए। चिरोकी कबीले का विशेष रूप से उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में यूरोपियों ने अपनी बस्तियों के विस्तार के लिए खरीदी गई जमीन से वहाँ के मूल निवासियों को हटा दिया। उनके साथ अपनी जमीनें बेच देने की संधियाँ की गई और उन्हें जमीन की बहुत कम कीमतें दी गईं। ऐसे उदाहरण भी मिलते हैं कि अमेरिकियों ने धोखे से उनसे अधिक भूमि हथिया ली या फिर पैसा देने के मामले में हेराफेरी की।

चिरोकियों के प्रति अन्याय-उच्च अधिकारी भी मूल निवासियों की बेदखली को गलत नहीं मानते थे। जॉर्जिया इसका उदाहरण है। जॉर्जिया संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है। यहाँ के अधिकारियों का तर्क था कि वहां के चिरोकी कबीले पर राज्य के कान तो लागू होते हैं, परन्तु वे नागरिक अधिकारों का उपभोग नहीं कर सकते।

1832 में संयुक्त राज्य के मुख्य न्यायाधीश, जॉन मार्शल ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय सुनाया। उन्होंने कहा कि चिरोकी कबीला “एक विशिष्ट समुदाय” है और उसके स्वत्वाधिकार वाले क्षेत्र में जॉर्जिया का कानून लागू नहीं होता । वे कुछ मामलों में संप्रभुसत्ता सम्पन्न हैं। परन्तु संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति एंड्रिड जैकसन ने मुख्य न्यायाधीश की इस बात को मानने से इन्कार कर दिया और सेना के बल पर चिरोकियों को अपनी जमीन से मार भगाया। इनकी संख्या लगभग 15000 थी। उनमें से एक चौथाई अपने ‘आंसुओं की राह’ (Trail of Tears) के सफर में ही मर-खप गए। अर्थात् अपनी जमीन खो देने के दु:ख ने ही उनके प्राण ले लिए।

मूल निवासियों की जमीनें प्राप्त करने वाले लोग इस आधार पर अपने को उचित ठहराते थे कि मूल निवासी जमीन का अधिकतम प्रयोग करना नहीं जानते। इसलिए वह उनके पास रहनी ही नहीं चाहिए। वे यह कहकर भी मूल निवासियों की आलोचना करते थे कि वे आलसी हैं। इसलिए वे बाजार के लिए उत्पादन करने में अपने शिल्प-कौशल का प्रयोग नहीं करते हैं। अंग्रेजी सीखने और ‘ढंग के’ कपड़े पहनने में भी उनकी कोई रुचि नहीं है। कुल मिलाकर उनका कहना था कि वे ‘मर-खप जाने’ के ही अधिकारी हैं। खेती के लिए जमीन प्राप्त करने के लिए प्रेयरीज को साफ किया गया और जंगली भैंसों को मार डाला गया। एक फ्रांसीसी आगंतुक ने लिखा, “आदिम जानवरों के साथ-साथ आदिम मनुष्य भी लुप्त हो जाएगा।”

मूल निवासियों के रिजर्जेशंज – इसी बीच मूल निवासियों को पश्चिम की ओर खदेड़ दिया गया था। उन्हें ‘स्थायी रूप से अपनी भूमि तो दे दी गई थी, परन्तु उनकी जमीन में सीसा, सोना या तेल जैसे खनिज होने का पता चलने पर उन्हें वहाँ से भी खदेड़ दिया जाता था। प्रायः कई-कई समूहों को मूलतः किसी एक समूह के नियन्त्रण वाली जमीन में ही साझा करने के लिए बाध्य किया जाता था, जिससे उनके बीच झगड़े हो जाते थे।

मूल निवासी छोटे-छोटे प्रदेशों में ही सीमित कर दिए गए थे, जिन्हें ‘रिजर्वशंज’ (आरक्षण) कहा जाता था। ये प्रायः ऐसी जमीन होती थी, जिसके साथ उनका पहले से कोई नाता नहीं होता था। ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी जमीनें बिना : किसी संघर्ष के ही छोड़ दी हों। संयुक्त राज्य की सेना को 1865 से 1890 के बीच मूल निवासियों के विद्रोहों की एक लम्बी श्रृंखला का दमन करना पड़ा था । कनाडा में 1869 से 1885 के बीच मेटिसों (यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज) के सशस्त्र विद्रोह हुए थे। परन्तु इन लड़ाईयों के बाद उन्होंने हार मान ली थी।

प्रश्न 6.
‘गोल्ड रश’ से क्या अभिप्राय है? इसने संयुक्त राज्य अमेरिका में रेलवे के निर्माण, उद्योगों के विकास तथा खेती के विस्तार में किस प्रकार सहायता पहुँचाई?
अथवा
गोल्ड रश की अमेरिका के आर्थिक तथा राजनीतिक विस्तार में क्या भूमिका रही?
उत्तर:
यूरोपीय लोगों को इस बात की आशा थी कि उत्तरी अमेरिका में धरती के नीचे सोना है। 1840 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिह्न मिले । इसने गोल्ड रश को जन्म दिया। गोल्ड रश उस आपाधापी का नाम है, जिसमें हजारों की संख्या में यूरोपीय लोग सोना पाने की आशा में अमेरिका जा पहुंचे।

रेलवे का निर्माण – गोल्ड रश को देखते हुए पूरे महाद्वीप में रेलवे-लाइनों का निर्माण किया गया। इसके लिए हजारों चीनी श्रमिकों की नियुक्ति की गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में रेलवे का काम 1870 में और कनाडा की रेल्वे का काम 1885 में पूरा हुआ। स्कः सैंड से आने वाले एक अप्रवासी एंड्रिड कानेगी ने कहा था-“पुराने राष्ट्र घोंघे की चाल से सरकते हैं। नया गणराज्य किसी एक्सप्रेस की गति से दौड़ रहा है।

उद्योगों का विकास-गोल्ड रश ने केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में ही नहीं अपितु पूरे उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकास में सहायता पहुँचाई । उत्तरी अमेरिका में उद्योगों के विकसित होने के दो मुख्य उद्देश्य थे।

विकसित रेलवे का साज-सामान बनाना, ताकि दूर-दूर के स्थानों को तीव्र परिवहन द्वारा जोड़ा जा सके।
ऐसे यन्त्रों का उत्पादन करना, जिनसे बड़े पैमाने पर खेती की जा सके।

संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा दोनों जगहों पर औद्योगिक नगरों का विकास हुआ और कारखानों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई।- 1860 में संयुक्त राज्य अमेरिका का अर्थतन्त्र अविकसित अवस्था में था। परन्तु 1890 तक यह संसार की अग्रणी औद्योगिक शक्ति बन चुका था।

खेती का विस्तार – बड़े पैमाने की खेती का भी विस्तार हुआ। बड़े-बड़े इलाके साफ किए गए और उन्हें खेतों में बदल दिया गया। 1890 तक जंगली भैंसों का लगभग पूरी तरह सफाया कर दिया गया। इस प्रकार शिकार वाली जीवनचर्या भी समाप्त हो गई। 1892 में संयुक्त राजनीतिक विस्तार राज्य अमेरिका का महाद्वीपीय विस्तार पूरा हो गया। तब तक प्रशान्त महासागर और अटलांटिक महासागर के बीच का क्षेत्र विभिन्न राज्यों में विभाजित किया जा चुका था।

अब कोई ‘फ्रॉटयर’ नहीं रहा था, जो कई दशकों तक यूरोपीय आबादकारों को पश्चिम की ओर खींचता रहा था। अब संयुक्त राज्य अमेरिका हवाई और फिलिपींस में अपने उपनिवेश बसा रहा था। इस प्रकार वह एक साम्राज्यवादी शक्ति बन चुका था।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कनाडाई राज्यों के महासंघ का निर्माण कब हुआ?
(क) 1667
(ख) 1767
(ग) 1867
(घ) 1967
उत्तर:
(ग) 1867

प्रश्न 2.
नश्तत्वशास्त्र का विकास कहाँ हुआ था?
(क) इंग्लैंड में
(ख) जर्मनी में
(ग) फ्रांस में
(घ) पोलैंड में
उत्तर:
(ग) फ्रांस में

प्रश्न 3.
जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ने अमेरिकी फ्रन्टियर किस रूप में देखा है?
(क) पूँजीवादी यूरोपिया
(ख) समाजवादी यूरोपिया
(ग) जमाखोर
(घ) दानी
उत्तर:
(क) पूँजीवादी यूरोपिया

प्रश्न 4.
सिडनी कहाँ स्थित है?
(क) उत्तरी अमेरिका में
(ख) दक्षिण अमेरिका में
(ग) पुर्तगाल में
(घ) आस्ट्रेलिया में
उत्तर:
(घ) आस्ट्रेलिया में

प्रश्न 5.
आस्ट्रेलिया के मूल निवासी कहाँ से आये थे?
(क) न्यूगिनी
(ख) तस्मानिया
(ग) सिडनी
(घ) न्यु साउथवेल्स
उत्तर:
(क) न्यूगिनी

प्रश्न 6.
आस्ट्रेलिया को किस यूरोपीय देश ने अपना उपनिवेश बनाया?
(क) फ्रांस
(ख) पुर्तगाल
(ग) इंगलैंड
(घ) स्पेन
उत्तर:
(ग) इंगलैंड

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प्रश्न 7.
उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों ने अपना इतिहास लिखना कब आरम्भ किया?
(क) 1840
(ख) 1860
(ग) 1740
(घ) 1960
उत्तर:
(ग) 1740

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में किसके लिए सेटलर शब्द का प्रयोग नहीं हुआ?
(क) डच
(ख) पुर्तगाली
(ग) ब्रिटिश
(घ) यूरोपीय
उत्तर:
(ख) पुर्तगाली

प्रश्न 9.
कनाडा का एक महत्त्वपूर्ण उद्योग क्या है?
(क) मत्स्य उद्योग
(ख) फर्न उद्योग
(ग) लौह उद्योग
(घ) टीन उद्योग
उत्तर:
(क) मत्स्य उद्योग

प्रश्न 10.
किसी स्थान का बाशिंदा कौन है?
(क) जहाँ उसे वोट देने का अधिकार हो
(ख) जहाँ से उसे जीविका मिले
(ग) जहाँ उसके माता पिता रहते हो
(घ) जहाँ वह पैदा हुआ हो
उत्तर:
(घ) जहाँ वह पैदा हुआ हो

प्रश्न 11.
चिरोकी उत्तरी अमेरिका एक्ट कब बना?
(क) हवाई जहाज
(ख) जीप
(ग) काक
(घ) बाल कटाई
उत्तर:
(ख) जीप

प्रश्न 12.
यूरोपीय उत्तरी अमेरिका से क्या खरीदना चाहते थे?
(क) गेहूँ
(ख) सुअर
(ग) मछली और रोएदार खाल
(घ) मक्खन
उत्तर:
(ग) मछली और रोएदार खाल

प्रश्न 13.
कनाडा इन्डियन्स एक्ट कब बना?
(क) 1691
(ख) 1791
(ग) 1876
(घ) 1991
उत्तर:
(ग) 1876

प्रश्न 14.
संयुक्त राज्य अमेरिका की कौन-सी सरहद (फ्रंटियर) खिसकती रहती थी?
(क) पूर्वी
(ख) पश्चिमी
(ग) उत्तरी
(घ) दक्षिणी
उत्तर:
(ख) पश्चिमी

प्रश्न 15.
प्रेयरी चरागाह कहाँ था?
(क) उत्तरी अमेरिका में
(ख) दक्षिणी अमेरिका में
(ग) आस्ट्रेलिया में
(घ) इंगलैंड में
उत्तर:
(क) उत्तरी अमेरिका में

Bihar Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन

प्रश्न 16.
उत्तरी अमेरिका के आबादकार (सेटलर) कहाँ से दास खरीदते थे?
(क) दक्षिणी अमेरिका से
(ख) अफ्रिका से
(ग) पुर्तगाल में
(घ) दक्षिणी एशिया से
उत्तर:
(ख) अफ्रिका से