Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 14 मानव बस्तियाँ
→ मानव बस्ती
‘मानव बस्ती’ से आशय है किसी भी प्रकार और आकार के घरों का संकुल जिसमें मनुष्य रहते हैं। इस उद्देश्य के लिए लोग मकानों व इमारतों का निर्माण करते हैं। बस्तियाँ, आकार और प्रकार में भिन्न होती हैं। ये पल्ली से लेकर महानगर तक होती हैं।
→ बस्तियों के प्रकार
- बस्तियाँ मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं –
(1) ग्रामीण बस्तियाँ, तथा (2) नगरीय बस्तियाँ। - 1. ग्रामीण बस्तियाँ-ये छोटे आकार की होती हैं। इनके निवासी
कृषि तथा अन्य प्राथमिक व्यवसायों में संलग्न होते हैं। - 2. नगरीय बस्तियाँ—ये बस्तियाँ बड़े आकार की होती हैं। इनके
निवासी द्वितीयक व तृतीयक व्यवसायों में संलग्न होते हैं।
→ ग्रामीण बस्तियों के प्रकार का निर्धारण करने वाले कारक
(1) भौतिक कारक, (2) नृ-जातीय एवं सांस्कृतिक कारक, तथा (3) सुरक्षा कारक।
→ ग्रामीण बस्तियों के प्रकार
भारत की ग्रामीण बस्तियों को मुख्य रूप से निम्नलिखित चार वर्गों में बाँटा जाता है
- गुच्छित, संहत या केन्द्रीय बस्तियाँ,
- अर्द्धगुच्छित या विखण्डित बस्तियाँ,
- पुरवे, तथा
- परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियाँ।
→ नगरीय बस्तियाँ
नगरीय बस्तियाँ अपेक्षाकृत अधिक संहत एवं बड़े आकार की होती हैं। इन बस्तियों के निवासी द्वितीयक एवं तृतीयक कार्य करते हैं।
→ भारत में नगरों का विकास
नगर इतिहासवेत्ता भारतीय नगरों को तीन भागों में विभक्त करते हैं –
- प्राचीन नगर-बनारस, इलाहाबाद, अयोध्या, पटना, मथुरा आदि।
- मध्यकालीन नगर-दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, आगरा आदि।
- आधुनिक नगर-सूरत, दमन, गोवा, पुड्डुचेरी, जमशेदपुर आदि।
→ भारत में नगरीकरण
कुल जनसंख्या के अनुपात में नगरीय जनसंख्या सन् 1901 में 10.84 प्रतिशत से बढ़कर सन् 2011 में 31.80 प्रतिशत हो गई। नगरीकरण की इस तीव्र वृद्धि का कारण बड़ी संख्या में ग्रामीणों का नगरों में प्रवास करना है।
→ नगरीय बस्तियों के प्रकार
जनसंख्या के आधार पर कस्बों और नगरों को भारतीय जनगणना विभाग ने नगरीय केन्द्रों को 6 वर्गों में विभक्त किया है –
- 1 लाख से कम जनसंख्या वाला नगर–कस्बा
- 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाला नगरीय केन्द्रनगर
- 10 से 50 लाख जनसंख्या वाला नगरीय केन्द्र–महानगर
- 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाला नगर-मेगा नगर।
अधिकांश महानगर तथा मेगा नगर ‘नगरीय संकुल’ हैं।
→ कस्बों और नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण
कार्य के अनुसार नगरों का साधारण वर्गीकरण इस प्रकार है –
- प्रशासनिक नगर-नई दिल्ली, चण्डीगढ़, गांधीनगर, जयपुर आदि।
- औद्योगिक नगर-अहमदाबाद, जमशेदपुर, दुर्गापुर, राउरकेला, भिलाई आदि।
- परिवहन नगर-मुम्बई, कोलकाता, कांडला, आगरा, मुगलसराय, कटनी आदि।
- व्यापारिक नगर-कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली, बंगलुरु आदि।
- खनन नगर-रानीगंज, झरिया, सिंगरौली, डिगबोई, अंकलेश्वर आदि।
- छावनी नगर-अम्बाला, जालन्धर, मेरठ, महू आदि।
- शैक्षिक नगर-रुड़की, वाराणसी, अलीगढ़, पिलानी, इलाहाबाद आदि।
- धार्मिक और सांस्कृतिक नगर-हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा, वृन्दावन, इलाहाबाद, वाराणसी, अयोध्या, केदारनाथ, कुरुक्षेत्र आदि।
- पर्यटन नगर-श्रीनगर, डलहौजी, शिमला, कुल्लू, मनाली, मसूरी, नैनीताल आदि।
→ मानव बस्ती-किसी भी प्रकार या आकार के घरों का समूह है, जहाँ मानव निवास करता है।
→ ग्रामीण बस्तियाँ-इन बस्तियों के निवासी कृषि व प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न होते हैं।
→ नगरीय बस्तियाँ—इन बस्तियों के निवासी द्वितीयक व तृतीयक कार्यों में संलग्न होते हैं।
→ गच्छित/संकलित/केन्द्रित बस्तियाँ इस प्रकार की बस्तियों के घर एक-दसरे से सटे हए होते हैं तथा घरों में संहत खण्ड पाए जाते हैं।
→अर्द्धगुच्छित/विखण्डित बस्तियाँ-ये बस्तियाँ परिक्षिप्त (एकाकी) बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम है।
→ परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियाँ—इस प्रकार की बस्ती में आठ-दस घरों से बनी छोटी-छोटी पल्लियाँ . एक बड़े क्षेत्र पर दूर-दूर बिखरी होती हैं।
→ नगरीय बस्तियाँ-ये बस्तियाँ उद्योग, व्यापार, प्रशासन, सुरक्षा, शिक्षा, तकनीक, संस्कृति और मनोरंजन का केन्द्र होती हैं।
→ नगरीकरण की प्रक्रिया-नगरीय जनसंख्या के बढ़ने की प्रक्रिया।
→ बस्ती के प्रकार ये किसी बस्ती के मकानों की संख्या और मकानों के बीच पारस्परिक दूरी के आधार पर निश्चित होता हैं।
→ बस्ती के प्रतिरूप-बस्ती के प्रतिरूप बस्ती की आकृति पर आधारित होते हैं।
→ पाड़ा-यह छोटी बस्ती होती है जिसे पुरवा या टोला भी कहते हैं। इसमें घरों की संख्या कम होती है और यहाँ एक से अधिक जातियों के लोग रहते हैं।
→ संवैधानिक नगर-वे सभी स्थान जहाँ म्यूनिसपैल्टी, कॉर्पोरेशन, कैंटोनमेंट बोर्ड या नोटीफाइड टाउन एरिया कमेटी हैं।
→ जनगणना नगर-वे सभी बस्तियाँ जिनमें कम-से-कम 5000 व्यक्ति निवास करते हैं तथा जिसमें 75% से अधिक पुरुष कार्यशील जनसंख्या गैर-कृषि कार्यों में संलग्न है और जनसंख्या घनत्व न्यूनतम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
→ नगर-वह नगरीय केन्द्र जिनकी जनसंख्या एक लाख या इससे अधिक होती है।
→ कस्बा-वह नगरीय केन्द्र जिसकी जनसंख्या 5000 से अधिक व एक लाख से कम हो।
→ महानगर-जिन नगरों की जनसंख्या 10 से 50 लाख के बीच में हो।
→ औद्योगिक नगर-ऐसे नगर जहाँ उद्योगों का संकेन्द्रण होता है, जैसे-भिलाई, मोदीनगर, जमशेदपुर आदि।