Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 2 विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि
→ किसी देश का वास्तविक धन उसके निवासी होते हैं क्योंकि यही लोग देश के संसाधनों का उपयोग करते हैं।
→ मानव की कुल जनसंख्या, वितरण, घनत्व, वृद्धि तथा जनांकिकी की संरचना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करना अति आवश्यक है।
→ विश्व में जनसंख्या वितरण का प्रारूप
- विश्व जनसंख्या वितरण का तात्पर्य यह है कि भूतल पर लोग किस तरह से वितरित हैं।
- विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत इसके 10 प्रतिशत स्थल भाग में निवास करता है।
- विश्व के दस सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इन 10 में से 6 देश एशिया
में हैं-चीन, भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश, जापान एवं इण्डोनेशिया।
→ जनसंख्या घनत्व
- लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच अनुपात को ‘जनसंख्या घनत्व’ कहते हैं। यह सामान्यतया प्रति वर्ग किमी रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है।
- जनसंख्या घनत्व =
- विश्व में सर्वाधिक सघन आबाद क्षेत्र (जनसंख्या घनत्व 200) हैं-संयुक्त राज्य अमेरिका का उ०पू०. भाग, यूरोप का उ०प० भाग
तथा एशिया का दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी एशिया का भाग। - कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र हैं- उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव के समीप, उष्ण व शीत मरुस्थल और विषुवत् रेखा के समीप उच्च वर्षा के
क्षेत्र। - मध्यम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र हैं—एशिया में पश्चिमी चीन, .. दक्षिणी भारत तथा यूरोप में नार्वे और स्वीडन के क्षेत्र।
→ जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक
- जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक हैं
(I) भौगोलिक कारक , (II) आर्थिक कारक एवं (III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक।
→ (I) भौगोलिक कारक –
(i) जल की उपलब्धता, (ii) भू-आकृति, (iii) जलवायु एवं (iv) मृदाएँ।
→ (II) आर्थिक कारक
(i) खनिज, (ii) नगरीकरण एवं (iii) औद्योगीकरण।
→ (III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
(i) सामाजिक कारक, (ii) सांस्कृतिक कारक एवं (iii) राजनीतिक कारक।
→ जनसंख्या वृद्धि (जनसंख्या परिवर्तन)
- जनसंख्या वृद्धि का अर्थ किसी क्षेत्र में समय की निश्चित अवधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन से है।
- जनसंख्या वृद्धि किसी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति, सामाजिक उत्थान, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का महत्त्वपूर्ण सूचक होता है।
→ जनसंख्या परिवर्तन के घटक
- जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं
(1) जन्म, (2) मृत्यु एवं (3) प्रवास। - प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह हैं
(1) प्रतिकर्ष कारक एवं (2) अपकर्ष कारक।
→ जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ
- पृथ्वी पर जनसंख्या 600 करोड़ से भी अधिक है।
- ईसा की पहली शताब्दी में जनसंख्या 30 करोड़ से कम थी।
- सन् 1750 में विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी।
→ विश्व जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि
- मानव जनसंख्या को प्रारम्भिक एक करोड़ होने में 10 लाख से भी अधिक वर्ष लग गए। किन्तु इसे 5
अरब से 6 अरब होने में मात्र 12 वर्ष लगे।
→ जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रारूप
- विकसित देशों में विकासशील देशों की तुलना में जनसंख्या वृद्धि कम है।
- जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध पाया जाता है।
→ जनसंख्या परिवर्तन का प्रभाव
- एक निश्चित स्तर के बाद जनसंख्या वृद्धि समस्याएँ उत्पन्न कर देती है। इनमें प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास सर्वाधिक गम्भीर समस्या है।
- जनसंख्या का ह्रास भी चिन्ताजनक विषय है।
→ जनांकिकीय संक्रमण
- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है।
- जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाएँ हैं
- प्रथम अवस्था में उच्च प्रजननशीलता व उच्च मर्त्यता होती है।
- द्वितीय अवस्था के प्रारम्भ में प्रजननशीलता उच्च बनी रहती है, किन्तु यह समय के साथ घटती जाती है।
- अन्तिम अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों अधिक घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है अथवा मन्द गति से बढ़ती है।
→ जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय
- परिवार नियोजन का कार्य बच्चों के जन्म में अन्तराल रखना है।
- परिवार नियोजन सुविधाएँ जनसंख्या वृद्धि को सीमित करने और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
- जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय हैं–प्रचार, गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता, बड़े परिवारों के लिए . कर आदि।
→ जनगणना-किसी निश्चित अवधि में किसी क्षेत्र के जनसंख्या सम्बन्धी विभिन्न आँकड़ों का एकत्रीकरण।
→ मानव विकास-मानव जीवन के उत्तम गुण उत्पन्न करने की क्रिया।
→ जन्म-दर-प्रति हजार जनसंख्या में जीवित शिशु संख्या।
→ मृत्यु-दर-प्रति हजार जनसंख्या में मृत्यु संख्या।
जीवन प्रत्याशा–जनसंख्या के जीवित रहने की औसत आयु।
→ जनसांख्यिकीय संरचना-जनसंख्या की मृत्यु-दर, जन्म-दर, लिंगानुपात, आश्रित अनुपात एवं उसकी अर्जक शक्ति के अनुसार अध्ययन।
→ जनसंख्या घनत्व-प्रति वर्ग किमी में रहने वाले लोगों की औसत संख्या।
→ मृत्यु-दर-प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में मरने वालों की संख्या।
→ जन्म-दर-प्रति हजार स्त्रियों द्वारा एक वर्ष में जन्म दिए गए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है।
→ जनसंख्या वृद्धि-समय के दो बिन्दुओं के बीच एक क्षेत्र में होने वाली जनसंख्या का परिवर्तन।
→ जनसंख्या की वृद्धि-दर-जनसंख्या का वह परिवर्तन जो प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
→ प्रवास-एक स्थान से दूसरे स्थान पर जनसंख्या का स्थानान्तरण।
→ आप्रवास–विदेश में स्थायी रूप से बसने की क्रिया।।
→ उत्प्रवास-किसी अन्य स्थान पर जीवन व्यतीत करने के लिए एक स्थान से बाहर चले जाना।