Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 3 जनसंख्या संघटन
→ जनसंख्या संघटन को जनांकिकी संरचना भी कहते हैं।
→ जनसंख्या संघटन उन विशेषताओं को प्रदर्शित करता है जिनकी माप की जा सकती है जो जनसमूहों में अन्तर स्पष्ट करने में सहायक होते हैं।
→ जनसंख्या संघटन के मुख्य घटक आयु, लिंग, साक्षरता, आवास का स्थान आदि हैं।
→ लिंग संघटन (लिंग अनुपात)
- जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के बीच के अनुपात को ‘लिंग अनुपात’ कहा जाता है।
- भारत में लिंग अनुपात ज्ञात करने का सूत्र
अथवा प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या।
- स्त्री-भ्रूण हत्या, स्त्री-शिशु हत्या और स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा की प्रथा वाले क्षेत्रों में लिंग अनुपात प्रतिकूल होता है।
- विश्व में उच्चतम लिंग अनुपात लैटविया का है। इसके विपरीत निम्नतम लिंगानुपात संयुक्त अरब अमीरात का है।
→ आयु संरचना
- आयु संरचना, जनसंख्या संघटन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या दर्शाती है।
- सामान्यतः जनसंख्या को तीन प्रमुख आयु समूहों में बाँटा जाता है। ये आयु समूह हैं-
1. युवक/तरुण, 2. प्रौढ़/वयस्क तथा 3. वृद्ध।
→ आयु-लिंग पिरामिड –
- जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना का अभिप्राय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है।
- जनसंख्या पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है।
- जनसंख्या पिरामिड के निम्नलिखित तीन प्रकार हैं
- विस्तारित होती जनसंख्या-उच्च जन्म के कारण निम्न आयु-वर्गों में विशाल जनसंख्या पायी जाती है।
- स्थिर जनसंख्या-जन्म-दर और मृत्यु-दर समान होने के कारण जनसंख्या स्थिर हो जाती है।
- ह्रासमान जनसंख्या-निम्न जन्म-दर और मृत्यु-दर को दर्शाता है। इन देशों में जनसंख्या वृद्धि शून्य अथवा ऋणात्मक होती है।
→ ग्रामीण-नगरीय संघटन
- किसी भी देश की जनसंख्या को ग्रामीण तथा नगरीय जनसंख्या की श्रेणियों में बाँटा जाता है। यह विभाजन लोगों के निवास स्थान के अनुसार किया जाता है।
- नगरों में निवास करने वाली जनसंख्या को नगरीय जनसंख्या तथा गाँवों में निवास करने वाली जनसंख्या को ग्रामीण जनसंख्या कहते हैं।
- ग्रामीण जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय प्राथमिक क्रियाकलाप है जबकि नगरीय जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय द्वितीयक व तृतीयक क्रियाकलाप हैं।
→ साक्षरता
- संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या आयोग के अनुसार, “15 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग का व्यक्ति यदि एक सरल कथन को समझकर पढ़ तथा लिख सकता है, तो वह साक्षर है।”
- साक्षरता-दरं कुल जनसंख्या में साक्षर व्यक्तियों के प्रतिशत को दर्शाती है।
→ किसी देश में साक्षर जनसंख्या का अनुपात सामाजिक-आर्थिक विकास का सूचक होता है।
→ व्यावसायिक संरचना
- कार्यशील/सक्रिय जनसंख्या (अर्थात् 15-59 आयु वर्ग के स्त्री-पुरुष) कृषि, वानिकी, मत्स्यन, विनिर्माण, निर्माण, व्यावसायिक परिवहन, सेवाओं, संचार तथा अन्य अवर्गीकृत सेवाओं जैसे व्यवसायों में संलग्न हैं।
- प्राथमिक क्रियाओं में कृषि, वानिकी, मत्स्यन तथा खनन को द्वितीयक क्रिया में विनिर्माण को; तृतीयक क्रियाओं में परिवहन, संचार और अन्य सेवाओं को तथा चतुर्थक क्रियाओं में अनुसन्धान और वैचारिक विकास से जुड़े कार्यों को शामिल किया जाता है। इन चारों क्रियाओं में कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास के स्तरों का एक अच्छा संकेतक है।
→ जनसंख्या संघटन-जनसंख्या संघटन का अर्थ उन विशेषताओं अथवा पक्षों से है जिनसे किसी देश की जनसंख्या की संरचना होती है।
→ आश्रित जनसंख्या-जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग आजीविका कमाने का कार्य नहीं करता; जैसे-छोटे बच्चे, विद्यार्थी, वृद्ध, बीमार और बेरोजगार आदि।
→ जनांकिकीय विशेषताएँ-जनसंख्या संघटन की विशेषताएँ-लिंग, आयु, आवास इकाइयाँ, साक्षरता, श्रमशक्ति व्यवसाय और जीवन प्रत्याशा आदि।
→ लिंगानुपात-जनसंख्या में पुरुषों और स्त्रियों के बीच का अनुपात।
→ आयु संरचना-किसी जनसंख्या की आयु संरचना से तात्पर्य विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के ज्ञान से है।
→ आयु-लिंग संरचना-विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या।
→ आय-लिंग/जनसंख्या पिरामिड-आयु-लिंग संरचना को दर्शाने वाला एक विशेष प्रकार कारेखाचित्र।
→ ग्रामीण जनसंख्या-गाँवों में रहने वाली व कृषि कार्यों में संलग्न जनसंख्या।
→ नगरीय जनसंख्या-नगरों में रहने वाली व गैर-कृषि कार्यों में संलग्न जनसंख्या।
→ साक्षरता-दर-कुल जनसंख्या में साक्षर व्यक्तियों का प्रतिशत।
→ कार्यशील/सक्रिय जनसंख्या-पारिश्रमिक युक्त व्यावसायिक कार्यों में संलग्न तथा इन्हीं कार्यों से जीवकोपार्जन करने वाला श्रम बल।
→ नगरीकरण-वे प्रक्रियाएँ जिनसे नगर की जनसंख्या में वृद्धि होती है।
→ प्राथमिक व्यवसाय-इसमें आखेट, कृषि, वानिकी तथा मत्स्य पालन आदि कार्य शामिल हैं।