Bihar Board Class 8 Hindi रचना पत्र-लेखन

Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions रचना पत्र-लेखन

BSEB Bihar Board Class 8 Hindi पत्र-लेखन

पिता को पत्र 

बेतिया
5.4.2012

पूज्यवर पिताजी,

सादर चरण-स्पर्श ।
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि आपलोग भी सकुशल होंगे । आज मेरी वार्षिक का परीक्षाफल प्राप्त हुआ है । यह जानकर आपको खुशी होगी कि मैंने कक्षा में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया है । पिताजी, यह आपके चरणों का प्रताप और माताजी के आशीर्वाद का फल है।

हमारे सभी अध्यापक बड़े स्नेह से पढ़ाते हैं । आगे परीक्षा में भी मुझे ऐसी ही आशा है । चाचा व चाची दोनों मेरा बड़ा ध्यान रखते हैं । माता जी

की याद मुझे कभी-कभी बेचैन कर देती है । उनको मेरा प्रणाम, और लता को मेरा प्यार कहिएगा।

पता
आपका आज्ञाकारी पुत्र
रोहन कुमार

Bihar Board Class 8 Hindi रचना पत्र-लेखन

छोटे भाई को पत्र ।

चिरंजीवी विकास,
महेन्द्रू, पटना
12.4.2012

आशीर्वाद ।
तुम्हारा पत्र मिला । पढ़कर प्रसन्नता हुई और सारी बातों की जानकारी भी । तुमने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, हम सब के लिए गर्व

की बात है । अब तो तुम्हें और भी अधिक मेहनत करनी चाहिए, जिससे भविष्य में अधिक अंक प्राप्त कर सको । तुम्हारी भाभी तुम्हें बहुत याद करती हैं । वह तुम्हारे लिए एक सुन्दर स्वेटर बुन रही हैं । पूरा हो जाने पर पार्सल द्वारा भेजेंगी। शेष कुशल है । पूज्य पिताजी और माताजी को मेरा प्रणाम ।

पता …………
तुम्हारा हितैषी
सरोज कुमार

Bihar Board Class 8 Hindi रचना पत्र-लेखन

मित्र को पत्र

हाजीपुर
8.4.2012

प्रिय मित्र संजीव

नमस्ते ।
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई समाचार प्राप्त नहीं हो सका । क्या बात है ? हमसे नाराज हो क्या ? अगर मुझसे कोई भूल हो गई हो तो क्षमा करना और शीघ्र ही पत्र का उत्तर देना । माताजी तुम्हें बहुत याद करती हैं । मैं गर्मी की छुट्टी में बरौनी आ रहा हूँ। शेष कुशल है । अपने पिताजी और माताजी को मेरा प्रणाम कहना, राजू और सीमा को स्नेह ।

पता :
तुम्हारा मित्र
चुनू

पिता का पत्र पुत्र के नाम

आरा
10 मार्च, 2012

प्रिय महानन्द,

आशीर्वाद ।
यहाँ सभी आनन्द और प्रसन्न हैं । आशा है कि तुम भी विद्याध्ययन में संलग्न होगे । पिछले पत्र में तुमने बुखार हो जाने की बात लिखी थी । छात्रों के लिए यह एक बुरी बीमारी है, जो कि संयम के अभाव में होती है । समय पर अपने सभी कार्यों को करनेवाले छात्र सदा स्वस्थ रहते हैं । तुम्हारे स्वस्थ रहने पर ही अच्छी पढ़ाई हो सकेगी, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है । अतः समय की पाबंदी रखो और सुबह उठकर व्यायाम करो । इससे तुम्हारा शरीर स्वस्थ होगा और मन भी प्रसन्न रहेगा । तुम्हारा स्वेटर व सामान डाक से भेज रहा हूँ । मिलने की सूचना देना।

विशेष शुभ ।
तुम्हारा पिता
रामदेव मिश्र

बड़ी बहन को पत्र

समस्तीपुर
9.8.2012

आदणीय बहन जी,

सादर प्रणाम ।
मैं कुशल से हूँ और आपकी कुशलता के लिए सदैव ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ । बहुत दिनों से आपका कोई समाचार नहीं मिला । क्या आप यहाँ से जाकर, हमें भूल गईं । हमलोगों को तो हर समय आपकी ही याद आती है । माता जी तो आपको याद करके कभी-कभी रोने लगती हैं । सच दीदी, जब से आप गई हैं, सारा घर सूना-सूना लगता है । गोपाल तो हर समय आपको खोजता रहता है।

अब राखी को त्योहार आ रहा है । क्या अच्छा होता कि आप यहाँ होती। हम सब मिलकर भैया को राखी बाँधती । दीदी, राखी के अवसर पर आने की कोशिश कीजिएगा । माँ आपको बुलाने भैया को भेजेंगी । शेष कुशल है। जोजा जी प्रणाम बोलिएगा । –
पता :

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उत्तर की प्रतीक्षा
में आपकी छोटी बहन
सोनिया

आवेदन पत्र

बीमारी की छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक को प्रार्थना-पत्र

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीयकृत मध्य विद्यालय, फतुहा ।

आदरणीय महोदय,
सेवा में सविनय नम्र निवेदन है कि मैं कल रात से बुखार से पीड़ित हूँ। इसलिए मैं आज विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकूँगा ।
अतः आपसे प्रार्थना है कि मुझे तीन दिनों की छुट्टी प्रदान करने की कृपा करें ।

दिनांक :4.3.2012

आपका आज्ञाकारी छात्र
सुभाष कुमार
कक्षा-VIII

निर्धन-छात्रकोष से सहायता हेतु प्रधानाध्यापक

को आवेदन-पत्र

सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय मध्य विद्यालय, सहरसा

मान्यवर,
सेवा मे नम्र निवेदन है कि मैं बहुत गरीब छात्र हूँ। मेरे पिताजी मजदूरी करके किसी तरह परिवार का पालन करते हैं । हमलोगों के पास पैतृक सम्पत्ति नहीं है । धनाभाव के कारण पिताजी मेरे लिए किताबें नहीं खरीद सकते हैं। मेरी पढ़ने की उत्कट इच्छा है । इसके लिए आप-जैसे कृपालु महानुभव की सहायता की अपेक्षा करता हूँ।

अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि मुझे निर्धन-छात्रकोष से किताबें खरीदने के लिए उचित रकम प्रदान कर कृतार्थ करें। इस कार्य के लिए मैं सदा आपका आभारी बना रहूँगा ।

दिनांक : 24.1.2012

आपका आज्ञाकारी छात्र
विपिन ठाकुर
वर्ग-VIII

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आर्थिक दण्ड माफ करने के लिए आवेदन-पत्र 

श्रीमान् प्राचार्य महोदय,
राजकीय कृत मध्य विद्यालय, छपरा
महाशय

सेवा में निवेदन है कि कल दिनांक 8.4.2012 को भूल से वर्ग के शीशे का एक ग्लास मुझसे टूट गया । मैं पानी पीने ग्लास लेकर नल के पास गया। हाथ से गिर जाने के कारण ग्लास टूट गया । वर्गशिक्षक महोदय ने इस गलती के लिए मुझ पर आठ रुपये का आर्थिक दण्ड लगाया है । मैं एक गरीब छात्र हूँ। मेरे पिताजी दण्ड की रकम देने में असमर्थ हैं।. अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि उपर्युक्त दण्ड माफ करने की कृपा की जाय । मैं इस प्रकार की गलती फिर कभी नहीं करने का वचन देता हूँ।

दिनाक :9-4-2012
आपका आज्ञाकारी छात्र
आलोक कुमार
वर्ग : अष्टम