Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 2 ईदगाह Text Book Questions and Answers, summary.
BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 ईदगाह
Bihar Board Class 8 Hindi ईदगाह Text Book Questions and Answers
प्रश्न अभयास
पाठ से
प्रश्न 1.
ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर:
ईद के दिन भी आपला इसलिए उदास थी क्योंकि उसके घर में एक दाना भी नहीं था। फिर हामीद अकेले कैसे तीन कोश तक पैदल चलकर ईदगाह तक जायेगा।
प्रश्न 2.
हामीद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसन्द करता है। क्यों ?
उत्तर:
बचपन में यदि बच्चा अभावग्रस्त हो तो वह वयस्क की तरह सोचने लगता है । हामीद ने सोचा मिठाईयाँ से केवल जिह्वा में स्वाद आता है जो क्षण-भर के लिए होता । खिलौने भी मिट्टी के बने हैं जिसपर पानी पड़ते ही रंग उड़ जाएँगे । ठोकर लगते ही टुट-फूट जाएँगे । लेकिन चिमटा न कभी टुटेगा न फूटेगा । यह दादी को काम आयेगा। दादी को रोटी सेकने के समय अंगुलियाँ नहीं जलेंगी। यह बहुत उपयोगी है । यह सब बातें सोचकर हामीद चिमटा ही पसन्द करता है।
प्रश्न 3.
मेला जाने से पहले हामीद दादी से क्या कहता है ?
उत्तर:
मेला जाने से पहले हामीद दादी से कहता है.-“तुम डरना नहीं अम्मा, मैं सबसे पहले आऊँगा । बिल्कुल न डरना।”
प्रश्न 4.
मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में कौन-कौन से विचार आए? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में एक वयस्क की तरह विचार करने लगा। खिलौने सभी अच्छे हैं किसे लें। हरेक का दाम दो पैसे हैं, सभी खिलौने भी नहीं होंगे । फिर मिट्टी के बने ये खिलौने यदि हाथ से छूट गये तो चूर-चूर हो जायेंगे, पानी पड़ा तो सारा रंग घुल जाएगा।
ऐसे खिलौने लेकर वह क्या करेगा। जब वह लोहे की दुकान पर जाता है तो चिमटा देखते ही वह विचारने लगता है। दादी के पास चिमटे नहीं हैं तवे से रोटियाँ उतारते समय उसके हाथ की अंगुलियाँ जल जाती हैं। अगर चिमटा लंकर दादी के पास जायेगा तो दादी बहुत खुश होगी। उनकी अँगुलियाँ अब कभी नहीं जलेंगी। खिलौने लेने से व्यर्थ में पैसे खराब हो जाएंगे।
प्रश्न 5.
हामीद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है?
उत्तर:
हामीद चिमटे को बंदूक, फकीरों के चिमटे, मंजीरे तथा खिलौने को जान निकालने वाला हथियार के रूप में उपयोग की बात कही है।
प्रश्न 6.
ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है ? इसकी मुख्य विशेषता बताइए।
उत्तर:
‘ईदगाह’ कहानी हमें अत्यन्त रोचक लगी। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं
- कहानी बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है।
- अभावग्रस्त बच्चे, वयस्क की तरह सोचते हैं।
- चुनौतियाँ बच्चे को परिपक्व बनाती हैं।
- कहानी मुहावरों के द्वारा रोचक बनाया गया है।
- कहानी में जटिल शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है।
- कहानी सुखान्त है इत्यादि ।
प्रश्न 7.
चिमटा देखकर अमीना के मन में कैसा भाव जगा?
उत्तर:
चिमटा देखकर अमीना के मन में दो प्रकार के भाव जगे
- लड़का कितना वेसमझ है, न कुछ खाया न पिया और न कोई खेलने का खिलौने लाया । यह चिमटा क्यों ले आया । लेकिन जब हामीद ने कहा “तुम्हारी अंगुलियाँ तबे से जल जाती थीं इसलिए मैंने इसे ले लिया तो दादी के भाव बदल गये।
- दूसरे भाव में दादी सोची हामीद में कितना त्याग, सद्भाव और विवेक है। बच्चे को मिठाई खाते देख अवश्य ललचाया होगा । लेकिन बुढ़िया दादी का ख्याल बना रहा।
प्रश्न 8.
ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
“ईदगाह” कहानी विशेषताओं से भरी हैं
- कहानी बाल-मनोविज्ञन पर आधारित है।
- कहानी में अभावग्रस्त बच्चा को वयस्क की तरह सोच पैदा किया । गया है।
- कहानी में बताया गया है कि चुनौतियाँ बच्चे को परिपक्व मतिबाला बना देता है।
- कहानी रोचक एवं सुखान्त है।
- कहानी को सरल मुहावरों के द्वारा मार्मिक बनाया गया है।
- तथा जटिल शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और उसके आधार पर दिए गए।
प्रश्नों के उत्तर दीजिए। नमाज खत्म हुई। लोग आपस में ……….. खिलौने लेकर वह क्या करेगा?
प्रश्नोत्तर:
(क) नमाज खत्म होने के बाद लोग क्या कर रहे थे ?
उत्तर:
परस्पर एक-दूसरे से गले मिल रहे थे।
(ख) दुकानों में किस-किस तरह के खिलौने थे?
उत्तर:
दुकानों में तरह-तरह के खिलौने थे खाकी वर्दी और लाल पगड़ी वाला सिपाही जो बंदूक कन्धे पर लिए गुजरिया, राजा, वकील काला चोंगा और सफेद अंकन पहने हैं। एक हाथ में कानून की किताब रखे हुए .. हैं। धोबिन, साधु, कमर में मशक लटकाये हुए भिश्ती इत्यादि अनेक रंग-बिरंग के खिलौने थे।
(ग) वे खिलौने किस चीज के बने थे?
उत्तर:
वे खिलौने मिट्टी के बने थे।
(घ) महमूद, मोहसिन और नूर ने कौन-कौन से खिलौने खरीदे ?
उत्तर:
महमूद ने सिपाही खरीदा। मोहसिन ने भिश्ती खरीदा। नूर ने वकील को खरीदा।
(ङ) परिच्छेद में सिपाही, भिश्ती और वकील के हुलिए का वर्णन किया गया है। इसी प्रकार आप राजा और साधु के हुलिये का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजा–अनेक रंग के पोशाक पहने, सिर पर मुकुट धारण किए हुए । कमर में तलवार युक्त म्यान लटका हुआ। साधु-बड़ी-बड़ी दाढ़ी-मूंछे, जनेऊ पहने, हाथ में कमण्डल और ललाट पर चन्दन की रेखाएँ।
(च) अनुच्छेद में आए विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
पाठ में आए कुछ विशेषण शब्द निम्नलिखित हैं-ज्यादा, अनगिनत, गरीब, दुबला-पतला, गत, बूढ़ी, अभागिन, पक्का , ललचाई, नया, हजारों, पड़ोस, अच्छा, शान, बहादुर, खुबसूरत, रूस्तमे हिन्द, अपराधी, भूक, खूब, कितना, बुढ़िया, बड़ी-बड़ी इत्यादि ।
(छ) वर्दी और पोथा के समानार्थी लिखिए।
उत्तर:
वर्दी-पोशाक । पोथा-किताब।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा? कारण बताइए।
उत्तर:
हमें हामिद का चरित्र अच्छा लगा क्योंकि हामिद बच्चा होते हुए भी वयस्क की तरह सोच-विचार कर समान खरीदता है।
प्रश्न 2.
क्या हामिद बच्चों की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नयी छवि प्रस्तुत करता है ? कैसे?
उत्तर:
हाँ, हामीद बच्चों के सामान्य छवि से अलग हटकर एक नई छवि प्रस्तुत करता है क्योंकि बच्चे खिलौने और मिठाइयाँ पर ज्यादा आकर्षित होते हैं जो बाल-सुलभ है । इसलिए तो महमूद मोहसिन और नूर ने अलग-अलग पसंद के खिलौने ही खरीदे । लेकिन हामीद बच्चा होते हुए भी एक वयस्क की तरह सोच-विचार कर अधिक उपयोगी चिमटा खरीदकर नयी छवि प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 3.
“चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है” इस उक्ति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हामिद के पास अन्य बच्चों की अपेक्षा कम पैसे हैं। सामान भी खरीदना है। कम पैसे में सभी बच्चों से अच्छा सामान खरीदना उसके लिए एक चुनौती है। यह चुनौती हामीद को वयस्क की तरह परिपक्वं मति वाला बना देता है जिसके कारण वह अधिक मजबूत, अधिक उपयोगी चिमटा ही खरीदता है।
प्रश्न 4.
“त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं क्योंकि त्योहार हमारे जीवन में उत्साह, नई उमंग और आनन्द को प्रदान करता है। त्योहार के बिना हमारा जीवन नीरस जैसा हो जायेगा।
व्याकरण
वाक्य में प्रयोग कीजिए
- रंग जमाना – हामीद ने चिमटा खरीदकर सबों पर रंग जमा लिया।
- गद्गद् होना – चिमटा खरीदने का कारण सुनकर अमीना का हृदय गद्गद् हो गया।
- भेंट चढ़ना – हामीद के पिता हैजे की भेंट चढ़ गये।”
- बाल-बाँका न होना – सभी खिलौने मिलकर भी हामीद के चिमटे का बाल-बाँका नहीं कर सकते।
- पैरों में पर लगना – त्योहार के दिन बच्चे के पैरों में पंख लग जाते हैं।
- कुबेर का धन मिल जाना – बच्चे थोड़े पैसे पाकर उसे बार-बार गिनते हैं मानो वह कुबेर का धन पा लिया हो।
गतिविधि
प्रश्न 1.
मेले में आपने क्या-क्या देखा, उसका चित्र बनाइए।
उत्तर:
मेले में रंग-बिरंग की मिठाईयाँ, मूर्तियाँ तथा अनेक उपयोगी
सामानों को देखा । कहीं झूले लगे हैं, कहीं बंदर नचाया जा रहा है इत्यादि चित्रों को बच्चे स्वयं बना ले।
प्रश्न 2.
अपने शिक्षक से रमजान के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
रमजान का महीना होता है जो मुसलमानों के लिए अत्यन्त पवित्र मास माना जाता है । इस महीने में सभी उम्र के लोग रोजा रखते हैं दिनभर उपवास कर सूर्यास्त के समय रोजा को खोलते हैं अर्थात् व्रत का अंत करते हैं। यह व्रत-सूर्योदय से सूर्यास्त तक का होता है। रमजान के मास का शुक्रवार (जुम्मा) के दिन प्रायः सभी रोजा अवश्य रखते हैं। रमजान के मास व्रत-दान और भाईचारे का संदेश लेकर आता है। महीना के अंत में दूज के चाँद देखकर दूसरे दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन ईदगाह का पहला दिन होता है।
प्रश्न 3.
ईद और मुहर्रम में क्या अन्तर है ? अपने शिक्षक से समझिए।
उत्तर:
ईद खुशी का त्योहार है तो मुहर्रम गम का।
प्रश्न 4.
आप किसके साथ मेला जाना पसंद कीजिएगा?
उत्तर:
हमारे घर में माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची सभी हैं लेकिन मेरे दादाजी हमें पसंद की सारी चीजें हमें खरीद देते हैं अतः मैं दादाजी के साथ जाना पसंद करूँगा।
ईदगाह Summary in Hindi
प्रेमचन्द रचित यह ………………………….. को मिलता है।
कहानीकार-रमजान के तीस दिनों के बाद ईद आई है। गाँव में खुशी का माहौल है। सभी ईदगाह जाने के लिए तैयारियाँ कर रहे हैं। बच्चे ज्यादा प्रसन्न हैं। सभी के जेबों में पैसे हैं। लेकिन हामीद जो एक गरीब है। उसके माता-पिता मर चुके हैं। एक बुढ़िया दादी अमीना उसे पाल रही है। हामीद के पास दादी ने मात्र तीन पैसे दिये हैं।। – ईदगाह पर नवाज पढ़े गये । इसके बाद बच्चों ने मिठाई की दुकान पर
आकर रंग-बिरंग की मिठाईयाँ खाने लगे लेकिन हामीद ललचाता रहा । क्या करे, क्या खरीदे उसके समझ में नहीं आ रहा था । बच्चे आगे बढ़े रंग-बिरंग के खिलौने देख बच्चे अपने-अपने पसंद के खिलौने खरीदे । लेकिन हामीद को रंग-बिरंगे खिलौने आकर्षित नहीं कर सके । हामीद आगे बढ़ा, लोहे के बने । विविध प्रकार के चीज बिक रहे थे । जहाँ बच्चों की जरूरत की कोई चीज नहीं। लेकिन हामीद तीन पैसे में एक चिमटा खरीद लेता है । यह चिमटा दादी को काम आयेगा । रोटी सेकने में दादी का हाथ नहीं जलेगा।
हामीद चिमटा लेकर बच्चों के बीच आता है। जहाँ बच्चे उसके चिमटे का उपहास करते हैं। लेकिन हामीद अपने चिमटा को कंधे पर रख बंदूक ..
कहता है । हाथ में लेकर फकीरों का चिमटा बताता है । हामीद ने चिमटा को बजाते हुए मंजीरा भी साबित कर दिया । चिमटा को घुमाते हुए कहा, अगर – एक चिमटा जमा हूँ तो तुम्हारे खिलौने के जान निकल जाएँगे । मेरे चिमटे को
कोई बाल-बाँका नहीं कर सकता। फिर बच्चे चिमटे के कायल हो गये। सबों ने हामीद के चिमटे हाथ से छुए । हामीद ने भी सबों के खिलौने को बारी-बारी से स्पर्श किया।
बच्चे गाँव आकर अपने-अपने खिलौने से खेलने लगते हैं। सभी के खिलौने कुछ ही देर में टूट-फूट गये। हामीद को देखते ही दादी अमीना गोद में उठाकर गले लगा लेती है। सहसा हामीद के हाथ से चिमटा गिर जाता है। वह चौक जाती है चिमटा कहाँ
से आया । वह गुस्सा में आ जाता है । हामीद ने कहा दादी तुम्हारा हाथ अब नहीं जलेगा। दादी का क्रोध स्नेह में बदल जाता है। वह सोचने लगती है। हामीद में कितना त्याग, सद्भाव और विवेक है जो बच्चों को मिठाई खाते, खिलौने से खेलते देख ललचाया होगा। लेकिन सभी इच्छाओं को दबाकर वह दादी का ख्याल रखा।
अमीना की आँखों में स्नेह के आँसू बहने लगे। वह दामन फैलकर हामीद को दुआएँ दे रही थी।