Bihar Board Class 8 Social Science Solutions History Aatit Se Vartman Bhag 3 Chapter 1 कब, कहाँ और कैसे Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 8 Social Science History Solutions Chapter 1 कब, कहाँ और कैसे
Bihar Board Class 8 Social Science कब, कहाँ और कैसे Text Book Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
प्राचीन काल में मनुष्य की जिंदगी में आने वाले पांच मुख्य परिवर्तन क्या हो सकते हैं।
उत्तर-
प्राचीन काल में मनुष्य का जीवन मुख्य रूप से कृषि पर आधरि था। धीरे-धीरे अन्य आर्थिक कार्यों का विस्तार हुआ जिससे वाणिज्य-व्यापार का विस्तार शुरू हुआ । इससे गाँव प्रधान विश्व में शहरी जीवन की रफ्तार बढ़ने लगी। धीरे-धीरे महत्वपूर्ण परिवर्तन के बतौर प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान का समाज में विस्तार हुआ। लोगों की विचारधरा व रहन-सहन में भी बदलाव आया।
वस्तुतः हम कह सकते हैं कि प्राचीन काल में मनुष्य की जिंदगी में पांच मुख्य परिवर्तन इस प्रकार हैं
- वाणिज्य-व्यापार का विस्तार
- शहरीकरण का बढ़ना
- विश्व के अन्य भागों का समुद्री मार्ग से मुख्यतः जुड़ना
- प्रौद्योगिकी व
- विज्ञान व वैज्ञानिक सोच का विस्तार होना।
प्रश्न 2.
मध्य काल में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में आए पांच मुख्य – परिवर्तन क्या हो सकते हैं ?
उत्तर-
मध्य काल में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में कई परिवर्तन दृष्टिगोचर होते हैं। मध्ययुगीन आर्थिक जीवन मुख्य रूप से कृषि पर आधारित था। पर, कृषि के साथ-साथ इस युग में अन्य आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगीं । इससे वाणिज्य-व्यापार व शहरी जीवन की रफ्तार बढ़ने लगी । खेतों की कुड़ाई के लिए फावड़ा या कुदाल की जगह हल का उपयोग होने से कृषि कर्म को विकास मिला ।
खेती में प्रौद्योगिकी के समावेश से कृषि से लाभ बढ़ गया। 13वीं शताब्दी में चरखे और धुनकी के प्रयोग से सूती कपड़े की गुणवत्ता व उत्पादन में वृद्धि हुई। इस युग में कागज का व्यापक उपयोग शुरू होने की क्रान्तिकारी सामाजिक घटना घटी जिससे ज्ञान का आविष्कार और प्रसार सम्भव हुआ। समुद्री व्यापार में बढ़ोतरी हुई। इससे नयी विचारधारा और प्रौद्योगिकी का विश्व के अन्य भागों में प्रसार सम्भव हुआ। विश्व के लोगों के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से हर जगह नये रीति-रिवाज, पहनावा और खान-पान में परिवर्तन हुए।
इन सामाजिक बदलावों ने राजनीतिक क्षेत्रों को भी गहरे प्रभावित किया । अन्य देशों में व्यापार करने जाने के बहाने प्रबल यूरोपीय शासक अन्य विश्व भू-भाग पर अपने उपनिवेश बसाने लगे । वे अन्य देशों की शासन व्यवस्था की अपने अधीन करने लगे। शोषित देशों के शासक आपसी झगड़े में व्यस्त होने से फूट के कारण अधीन हो गये अपने देशे को विदेशी हुकूमत से मुक्ति दिलाने के लिए एकजुट होने लगे । फ्रांस और अमेरिका में हुए जन-विद्रोह के बाद वहां बनी गणतांत्रिक सरकारों के प्रभाव से अन्य देश भी ‘राष्ट्र’ के रूप में संगठित होने लगे। इन अधीन देशों में भी जन-विद्रोह होने लगे और वहां के शासक-परिवार के लोग व सामंत व आम जनता विदेशी शासन के खिलाफ विद्रोह कर अपने देश को स्वतंत्र करने में लग गये।
प्रश्न 3.
साम्राज्यवाद किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सैनिकों के द्वारा अथवा अन्य तरीकों से विदेशी भू-भाग के प्रदेशों को अपने अधीन कर अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने को ही साम्राज्यवाद कहते हैं।
प्रश्न 4.
अत्याचार और शोषण के शिकार हमारे देश में किस प्रकार की सरकार है ? उसके नीति निर्देशक सिद्धान्तों पर चर्चा करें।
उत्तर-
हमारे देश में वैसी राज्य सरकारें अत्याचार और शोषण की शिकार हैं, जो केन्द्र में बनी सरकार की पार्टी या राजनीतिक संगठन से अलग हैं। यानी केन्द्र में जिस पार्टी की सरकार है उस पार्टी से जुड़े लोग अन्य राज्यों में भी सरकार बनाए हैं तो उनको तो. सारी सुविधएँ मिलती हैं पर जिन राज्यों में केन्द्र में सरकार बनाये पार्टी से अलग दल की सरकार है तो उसे केन्द्र अत्याचार और शोषण का शिकार बनाता है। ऐसा राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण होता है जिससे देश के ही हिस्से, उन राज्यों की दशा खराब होने लगती वैसे हर राज्य के मुख्य नीति-निर्देशक सिद्धान्त जनता को बेहतर शसन देने से सम्बन्धित होता है।
प्रश्न 5.
आधुनिक काल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
प्रायः अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध को (1750 ई. के बाद). आधुनिक काल का प्रारंभ माना जाता है। आधुनिक शब्द का इस्तेमाल जब समय के सन्दर्भ में किया जाता है तो इसका अर्थ अतीत का सबसे नजदीक का हिस्सा होता है जो पिछले लगभग तीन सौ वर्षों से संबंधित है।
प्रश्न 6.
क्या आप भारतीय इतिहास को समझने के इस तरीके से सहमत हैं? कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर-
कक्षा में चर्चा स्वयं करना है आपको । नहीं, मैं भारतीय इतिहास को समझने के इस तरीके से सहमत नहीं हूँ। धर्म के आधार पर किसी भू-भाग की शासन-व्यवस्था, आम जनता का जीवन या वहां के इतिहास को समझने ।
की कोशिश करना मेरी दृष्टि से गलत है। किसी कालखंड को धर्मों के आधार पर बाँटना मेरी दृष्टि से संकीर्ण विचारधारा है।
प्रश्न 7.
इतिहास को हम अलग-अलग कालखंडों में बाँटने की कोशिश क्यों करते हैं ? चर्चा करें।
उत्तर-
इतिहास एक अति व्यापक विषय व विचार-क्षेत्र है। अतः अध्ययन की सुविधा से व विचार-विनिमय की सुविधाओं के लिए हम इतिहास को भिन्न कालखंडों में बाँटने की कोशिश करते हैं।
प्रश्न 8.
स्रोतों का स्मरण करते हुए निम्न तालिका को भरने का प्रयास करें
उत्तर-
प्रश्न 9.
आप अपने जिले के रिकार्ड रूम में जाकर अपने जिले से संबंधित क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त करना चाहेंगे? इन जानकारियों की एक सूची बनाएँ।
उत्तर-
मैं अपने जिले के रिकार्ड रूम से इन जानकारियों को प्राप्त करना चाहूँगा
- मेरे जिले की आर्थिक विकास दर क्या है ?
- यहाँ कितने प्रतिशत लोग साक्षर हैं ?
- निरक्षरों का प्रतिशत क्या है?
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में जन-घनत्व के अनुपात में सरकारी सुविधाएँ किस प्रतिशत में हैं व किन हालात में हैं?
- गरीबी-रेखा के नीचे रहने वाले लोग कितने हैं?
- अचानक जिनकी संपत्ति कई गुणा बढ़ गई उनकी आमदनी का जरिया क्या है व क्या उन्होंने सरकार को उचित टैक्स दिया है ?
प्रश्न 10.
आत्मकथा एवं जीवनी के संबंध में अपने शिक्षक की सहायता से चर्चा करें।
उत्तर-
अपनी स्वयं की कथा लिखना जहाँ ‘आत्मकथा’ कहलाती है, वहीं अन्य किसी व्यक्ति के जीवन की कथा का संकलन ‘जीवनी’ कहलाती है।
प्रश्न 11.
अगर आपने कुछ कहानियों एवं ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित फिल्म देखी है तो वर्ग में साथियों के बीच चर्चा करें।
उत्तर-
हाँ मैंने सिनेकार रिचर्ड एटेनबरो की फिल्म ‘गाँधी’ देखी थी। उसमें भारतीय जीवन की बदहाली और उसके संपर्क में आकर विकसित होते, एक मानव से महामानव के रूप में विकसित होते, संघर्षशील, विचारवान और ऊर्जावान व्यक्ति के रूप में गाँधीजी का उचित चित्रण व मूल्यांकन किया गया
प्रश्न 12.
कैमरे का आविष्कार कब हुआ और ऐतिहासिक स्रोत के रूप में फोटो का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
करीब 200 साल पहले कैमरे का आविष्कार हुआ था। भारत में इसका इस्तेमाल 1850 ई. के दौरान शुरू हुआ । मुगल साम्राज्य के अंतिम बादशह बहादुरशाह द्वितीय का फोटो उपलब्ध है । वह पहला और आखिरी मुगल बादशाह था जिसकी फोटो कैमरे से खींची गई थी । ऐतिहासिक स्रोत के रूप में व्यक्तियों, स्थानों और वस्तुओं के फोटो बहुत उपयोगी जीवित होते हैं। इससे इतिहास को समझने में मदद मिलती है ।।
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरिए-
(क) पूँजीपतियों का मुख्य उद्देश्य था अधिक-से-अधिक ……… कमाना।
उत्तर-
मुनाफा।
(ख) पंद्रहवीं शताब्दी में एक नये आंदोलन की शुरूआत हुई जिसे ………….. कहते हैं।
उत्तर-
पुनर्जागरण।
(ग) मशीनों से वस्तुओं के उत्पादन की प्रक्रिया को ……….. क्रांति
कहते हैं।
उत्तर-
औद्योगिक।
(घ) ………. में सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाता है।
उत्तर-
अभिलेखागारों।
(ङ) समय के साथ देश और राज्य की ………. सीमाओं में परिवर्तन होते रहते हैं।
उत्तर-
भौगोलिक।
प्रश्न 2.
सही और गलत बताइए।
(क) वैज्ञानिक पद्धति का अर्थ है प्रश्न प्रस्तुत कर प्रयोग द्वारा ज्ञान
प्राप्त करना।
उत्तर-
सही।
(ख) अंग्रेज इतिहासकार जेम्स मिल का भारतीय इतिहास का धर्म के आधार पर बांटना उचित था।
उत्तर-
गलत।
(ग) अमरीकी स्वतंत्रता संग्राम’ के बाद वहाँ के लोगों ने गणतंत्र प्रणाली की शुरूआत नहीं की।
उत्तर
गलत ।
(घ) ऐतिहासिक स्रोतों से एक आम आदमी के बारे में भी जानकारी मिलती है।
उत्तर-
गलत।
(ङ) आजादी के पहले हमारे देश की जो भौगोलिक सीमा की आजादी के बाद भी वही रह गई।
उत्तर-
गलत।
आइए विचार करें
प्रश्न (i)
मध्यकाल और आधुनिक काल के ऐतिहासिक स्रोतों में आप क्या फर्क पाते हैं । उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर-
मध्यकाल के ऐतिहासिक स्रोत जैसे अभिलेख पत्थरों, चट्टानों, ताम्रपत्रों, पाण्डुलिपियों की मदद से कुछ खास लोगों, विशेषतः शासकों के बारे में कुछ ही जानकारियाँ मिलती हैं। पर आधुनिक काल में ऐतिहासिक स्रोतों की संख्या अधिक व व्यापक जानकारी वाले और अधिक प्रमाणिक हो गये । आधुनिक युग में इन स्रोतों की संख्या और विविधता में और भी वृद्धि
एक स्पष्ट उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। मध्यकाल में हाथ से पाण्डुलिपियां बनती थी जिनकी संख्या बेहद सीमित होती थी। पर आधुनिक युग में छापेखाने (प्रेस) के आविष्कार से सरकारी विभाग की कार्रवाइयों तक के दस्तावेज की कई प्रतियां बनना संभव हो गया । इन महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रतियाँ को अभिलेखागारों एवं पुस्तकालयों में देखा जा सकता है। अब ये भी बड़े महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत साबित हो रहे हैं।
प्रश्न (ii)
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस प्रकार काल खंडों में बांटा, उससे आप कहाँ तक सहमत हैं।
उत्तर-
1817 ई. में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री, इतिहासकार और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन खंडों में (हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया) ब्रिटिश भारत का इतिहास नामक एक पुस्तक लिखी । अपनी इस किताब में जेम्स मिल ने भारत के इतिहास को हिन्दू-मुस्लिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बांटा । यह विभाजन इस विचार पर आधारित था कि शासकों का धर्म ही एकमात्र महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक परिवर्तन होता है।
कालखंड के इस निर्धारण को उस वक्त लोगों ने मान भी लिया । पर ऐसा करना गलत था। किसी भी स्थान या देश के इतिहास का निर्धारण मात्र उस देश के शासक के धर्म पर नहीं होता। इसके पीछे कई कारक होते हैं जिनमें आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक और राजनीतिक आदि कारण शमिल होते हैं । जेम्स मिल का भारतीय इतिहास के कालखंड को बांटने का जो आधार है यानी शासकों का धर्म ही ऐतिहासिक परिवर्तन का आधार है-बेहद दकियानूसी विचार है और मैं ऐसे संकीर्ण विचार से सहमत नहीं हूँ।
प्रश्न (iii)
सरकारी दस्तावेजों को हम कैसे और कहाँ-कहाँ सुरक्षित रख सकते हैं ?
उत्तर-
अभिलेखागारों एवं पुस्तकालयों में हम सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही तहसील के दफ्तर, कलेक्टरेट, कमिश्नर के दफ्तर, कचहरी आदि के रिकॉर्ड रूमों में भी सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाता है। अब तो सीडी बनाकर भी सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जाने लगा है।
प्रश्न (iv)
यूरोप में हुए परिवर्तन किस प्रकार आधुनिक काल के निर्माण में सहायक हुए।
उत्तर-
आधुनिक काल के निर्माण में, यूरोप में हुए परिवर्तनों ने बहुत .. महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । यूरोप में ‘पुनर्जागरण’ का आंदोलन फैला । इसके तहत लागों ने आंदोलन कर स्वतंत्र रूप से सोचना शुरू किया और राजनीतिक
इसका असर विश्व के अन्य भागों में भी हुआ। जिसके परिणामस्वरूप आधुनिक युग के कई देशों में गणतांत्रिक सरकारों की स्थापना संभव हुई।
साथ ही, यूरोप में शुरू हुई औद्योगिक क्रान्ति का असर पूरे विश्व पर पड़ा। लगभग हर देश इससे प्रभावित हुआ। इससे अन्य देशों में भी
लगा और मशीनों पर और उससे बने सामानों पर लोग निर्भर होने लगे । इन
यूरोपीय घटनाओं ने आधुनिक काल की प्रगतिशील दुनिया के निर्माण में महती भूमिका निभाई।
आइए करके देखें
प्रश्न (i)
भारत में पहली और आखिरी जनगणना कब हुई पता करें? इसके द्वारा कुछ ऐसे तथ्यों एवं सूचनाओं का संकलन करें जिसका उपयोग हम ऐतिहासिक स्रोत के रूप में कर सकें।
उत्तर-
(यह परियोजना कार्य है। अपने शिक्षक की सहायता से आप स्वयं करें।)
भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी जबकि आखिरी जनगणना 2011 में हुई।