Bihar Board Class 12th Political Science Notes Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र

Bihar Board Class 12th Political Science Notes Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र

→ 1990 के दशक के प्रारम्भ में विश्व राजनीति में दो-ध्रुवीय व्यवस्था के समाप्त होने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि राजनीतिक और आर्थिक सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र अमेरिका के प्रभुत्व को सीमित करेंगे।

→ द्विध्रुवीय व्यवस्था के टूटने के बाद यूरोप में यूरोपीय संघ एवं एशिया में दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) का उदय एक मजबूत शक्ति के रूप में हुआ।

→ सन् 1945 के बाद शीतयुद्ध से यूरोपीय देशों के आपसी सम्बन्धों में मुधरता आयी।

→ संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘नाटो’ का गठन कर सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को जन्म दिया।

→ सन् 1948 में मार्शल योजना के तहत यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई। इस संगठन के माध्यम से ही पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

→ यूरोपीय संघ के गठन से समान विदेश एवं सुरक्षा नीति, आन्तरिक मामलों एवं न्याय से जुड़े मुद्दों पर सहयोग तथा एकसमान मुद्रा के चलन के लिए रास्ता खुल गया।

→ यूरोपीय संघ के दो सदस्य देश ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य हैं।

→ सैन्य शक्ति के दृष्टिकोण से यूरोपीय संघ के पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।

→ सन् 1967 में इण्डोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर एवं थाईलैण्ड ने मिलकर बैंकॉक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके दक्षिण-पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) की स्थापना की।

→ आसियान का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को तीव्र करना तथा उसके माध्यम से सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास करना था।

→ आसियान समुदाय के प्रमुख स्तम्भ हैं-आसियान सुरक्षा समुदाय, आसियान आर्थिक समुदाय एवं आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय।

→ आसियान देशों की सुरक्षा एवं विदेश नीतियों में समन्वय स्थापित करने के लिए आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई।

→ भारत ने दो आसियान सदस्यों-सिंगापुर एवं थाईलैण्ड-के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया।

→ आसियान एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियाई देशों एवं विश्व शक्तियों को राजनीतिक एवं सुरक्षा सम्बन्धी मामलों पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक मंच उपलब्ध कराता है।

→ चीन के आर्थिक सुदृढ़ीकरण ने विश्व की अर्थव्यवस्था पर नाटकीय प्रभाव डाला है।

→ सन् 1949 में माओ के नेतृत्व में हुई साम्यवादी क्रान्ति के पश्चात् चीन में जनवादी गणराज्य की स्थापना हुई।

→ सन् 1972 में चीन ने अपना राजनीतिक एवं आर्थिक एकान्तवास तोड़कर संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बन्ध स्थापित करना प्रारम्भ कर दिया।

→ दिसम्बर 1978 में चीनी नेता देंग श्याओपेंग ने ओपेन-डोर (मुक्त द्वार) की नीति का संचालन किया। इसके बाद चीन तीव्र गति से एक आर्थिक ताकत के रूप में उभरा।

→ चीन ने ‘शॉक थेरेपी’ को अपनाने के स्थान पर अपनी अर्थव्यवस्था पर चरणबद्ध ढंग से विकास किया।

→ चीन में कृषि के निजीकरण से कृषि उत्पादों एवं ग्रामीण आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

→ शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद भारत और चीन के सम्बन्धों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है।

→ सन् 1962 में चीन-भारत युद्ध के बाद से सन् 1976 तक दोनों देशों के मध्य कूटनीतिक सम्बन्ध समाप्त रहे।

→ जापान विश्व का एकमात्र देश है, जिसने परमाणु बमों की विभीषिका का सामना किया है।

→ जापान की अर्थव्यवस्था विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

→ संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में अंशदान करने वाला जापान विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में इसका अंशदान 20 प्रतिशत है।

→ मुक्त द्वार की नीति-दिसम्बर 1978 में चीनी नेता देंग श्याओपेंग ने ‘ओपेन डोर’ अर्थात् मुक्त द्वार की नीति चलाई जिसके पश्चात् चीन ने अद्भुत प्रगति की तथा एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर सामने आया।

→ मास्ट्रिस्ट सन्धि–इसका तात्पर्य उस समझौते से है जो फरवरी 1992 में यूरोपीय संघ के गठन के लिए किया गया।

→ यूरोपीय संघ-यह यूरोपीय देशों का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है जिसका आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक तथा सैन्य दृष्टि से विश्व राजनीति में महत्त्वपूर्ण स्थान है।

→ आसियान-दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन को संक्षिप्त रूप से आसियान के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना अगस्त 1967 में की गई थी। वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 10 है।

→ आसियान शैली-आसियान देशों की अनौपचारिक, टकरावरहित एवं सहयोगात्मक मेल-मिलाप की नीति को आसियान शैली कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण व्यक्ति…

→ मार्गरेट थैचर-ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमन्त्री। इन्होंने ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार से अलग रखा।

→ चाऊ एन लाई-चीन के पूर्व प्रधानमन्त्री। इन्होंने सन् 1973 में कृषि, उद्योग, सेना और विशाल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।

→ देंग श्याओग-चीनी नेता जिन्होंने सन् 1978 में चीन में आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति की घोषणा की।

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