Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 19 भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 19 भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास → नियोजन का अर्थ और उपगमन किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए सोच-विचार करना, कामों व प्राथमिकताओं का क्रम विकसित करना तथा उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करना, ‘नियोजन’ कहलाता है। सामान्य नियोजन के दो … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 18 निर्माण उद्योग

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 18 निर्माण उद्योग → अर्थ एवं महत्त्व कच्चे और अर्द्ध निर्मित माल को मशीनों की सहायता से उपयोगी निर्मित माल में बदलने वाले उद्योग ‘विनिर्माण उद्योग’ कहलाते हैं। किसी भी राष्ट्र की शक्ति एवं आर्थिक विकास को वहाँ के औद्योगिक स्तर से आँका जाता है। उद्योगों से आजीविका … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 17 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 17 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन → खनिज का अर्थ एक खनिज निश्चित रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों (विशिष्टताओं) के साथ कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति का एक प्राकृतिक पदार्थ है। → खनिज संसाधनों के प्रकार रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों की दो प्रमुख श्रेणियाँ हैं- धात्विक खनिज … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 16 जल संसाधन

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 16 जल संसाधन → जल का महत्त्व, क्षेत्र व उपयोगिता जल हमारे लिए सबसे मूल्यवान सम्पदा है। जल से हमारी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। जल पृथ्वी पर जीवन का आधार है। पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत धरातल पानी से आच्छादित है, परन्तु अलवणीय जल कुल जल … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 15 भू-संसाधन तथा कृषि

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 15 भू-संसाधन तथा कृषि → भूमि उपयोग उपलब्ध भूमि का उपयोग हम कृषि, चरागाह, वन, भवनों, बाँधों एवं सड़कों के निर्माण, पार्क, खेल के मैदान आदि कार्यों के लिए करते हैं। भूमि उपयोग सम्बन्धी अभिलेख ‘भूराजस्व विभाग रखता है। भारत की प्रशासकीय इकाइयों के भौगोलिक क्षेत्र की जानकारी … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 14 मानव बस्तियाँ

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 14 मानव बस्तियाँ → मानव बस्ती ‘मानव बस्ती’ से आशय है किसी भी प्रकार और आकार के घरों का संकुल जिसमें मनुष्य रहते हैं। इस उद्देश्य के लिए लोग मकानों व इमारतों का निर्माण करते हैं। बस्तियाँ, आकार और प्रकार में भिन्न होती हैं। ये पल्ली से लेकर … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 13 मानव विकास

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 13 मानव विकास → परिचय नगरों में विकास का विकृत चेहरा है—गन्दी बस्तियाँ, ट्रैफिक जाम, भीड़, अपराध, निर्धनता, भीख माँगना, फुटपाथ पर सोना, प्रदूषित जल व वायु आदि। अल्पावधि में कुछ प्रदेशों और व्यक्तियों के लिए किया गया विकास बड़े पैमाने पर पारिस्थितिक निम्नीकरण के साथ कई लोगों … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 12 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 12 प्रवास-प्रकार, कारण और परिणाम →  प्रवास प्रवास दिक् और काल दोनों के सन्दर्भ में जनसंख्या के पुनर्वितरण का अभिन्न अंग और एक महत्त्वपूर्ण कारक है। भारत से भी बड़ी संख्या में लोग उत्तम अवसरों की तलाश में विभिन्न स्थानों विशेष रूप से मध्य-पूर्व और पश्चिमी यूरोप के … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 11 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 11 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन → जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद भारत का विश्व में द्वितीय स्थान है। → 2011 की जनगणना के अनुसार देश की जनसंख्या 121.02 करोड़ थी। → भारत में प्रथम जनगणना सन् 1872 में हुई थी, लेकिन पहली सम्पूर्ण जनगणना … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 10 मानव बस्तियाँ

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 10 मानव बस्तियाँ → मानव बस्ती मानव बस्ती का अध्ययन मानव भूगोल का मूल है क्योंकि किसी भी क्षेत्र में बस्तियों का रूप उस क्षेत्र के वातावरण से मानव का सम्बन्ध दर्शाता है। एक स्थान जो साधारणतया स्थायी रूप से बसा हुआ हो, उसे ‘मानव बस्ती’ कहते हैं। … Read more

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार → व्यापार व्यापार, तृतीयक क्रियाकलाप है। व्यापार का तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान से है। व्यापार के दो स्तर – (1) अन्तर्राष्ट्रीय एवं (2) राष्ट्रीय व्यापार। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार–विभिन्न राष्ट्रों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के आदान-प्रदान को कहते हैं। राष्ट्रीय व्यापार-देश के आन्तरिक … Read more